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घर के अंदर फांसी के फंदे में झूल गई लड़की- हुई मौत ,चौकी इंचार्ज ने नहीं सुनी लड़की की फरियाद, रात में लड़की के घर कूदा था लड़का, एसपी ने कहा जांच कराकर होगी कार्रवाई

👉 चौकी इंचार्ज की लापरवाही से लड़की ने की खुदकुशी ।

👉 यदि चौकी इंचार्ज ने सुना होता लड़की और उसके पिता की बात तो नहीं होती यह घटना ।

कौशांबी जनपद के थाना करारी क्षेत्र  के एक गांव में घर के अंदर किशोरी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई । लड़की के घर में बगल का एक लड़का रात में कूदा था, इसके बाद मोहल्ले में हल्ला हो गया था । इस बात की शिकायत को लेकर लड़की अपने पिता के साथ चौकी अरका महमदपुर गई थी । कल सुबह 11:00 बजे से शाम तक अरका चौकी में लड़की अपने पिता के साथ बैठी थी । बताया जाता है कि चौकी इंचार्ज ने उसकी बात नहीं सुनी और डांट कर भगा दिया था । यदि उसकी बात सुनी गई होती , रिर्पोट लिखी गई होती तो लडकी यह कदम नही उठाती। चौकी से लौटकर शाम 5:00 बजे के बाद किशोरी ने घर के अंदर फांसी लगा ली है । फिल्हाल पुलिस मामले को दबाने में जुटी है, आखिर क्यों ? चौकी इंचार्ज के कारनामों से लोग परेशान है ।

यदि चौकी इंचार्ज ने उसका मुकदमा लिखा होता और लड़की को अपने हिरासत मे ले लिया होता -तो उसकी मौत नहीं होती । अखिर लड़की की इस घटना का जिम्मेदार कौन ,क्या चौकी इंचार्ज के इस कारनामे पर होगी कार्रवाई – यह एक बड़ा सवाल है । पीड़ित की तो माने तो सुबह हंड्रेड डायल पुलिस भी घर आई थी । वहीं पुलिस इस बात से इंकार कर रही है, पुलिस का कहना है कि लड़की और उसके पिता चौकी नहीं आए थे । इस मामले में कौन बोल रहा है झूठ और कौन सही या तो जांच के बाद ही लगेगा पता । घटनास्थल पर देर रात पुलिस और सीओ सदर के0जी सिंह भी मौजूद रहे ।

बता दे की लड़की के घर मे रात को कूदा लडका और शोर मचाने पर मोहल्ला एकत्र हुआ था । लगभग साल भर पहले लड़की के साथ हो कनैली में दुराचार की घटना हो चुकी थी और इस मामले में भी तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। लड़की एवं उसके परिजनों पर मुकदमे में सुलह होने का बार-बार दबाव दिया जा रहा था ।

बता दें कि फरवरी 2021 में थाना सरांंय अकिल क्षेत्र में कनैली के पास किलनाहाई नदी के पास लड़की के साथ इन लोगों ने मिलकर दुराचार किया था ,जिसका मुकदमा थाना सराय अकिल में पंजीकृत हुआ था । इस मामले में पुलिस ने दो को जेल भेज दिया था, एक आरोपी गुलशन त्रिपाठी को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान पकड़ा था जिसके पैर में गोली लगी थी और इलाज के लिए उसे एसआरएन हॉस्पिटल प्रयागराज भेजा था ,जहां से गुलशन त्रिपाठी पुलिस कस्टडी से इलाज के दौरान फरार हो गया था । इस मामले में लड़की और उसके परिजनों पर मुकदमे में सुलह समझौता कराने का काफी दिनों से दबाव बनाया जा रहा था लेकिन पीड़िता द्वारा पुलिस को बताने के बाद भी पुलिस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की थी । जबकि गैंगरेप पीड़िता के मामले में उसके परिजनों को पुलिस की सुरक्षा करना जिम्मेदारी होती है और उस पर नजर रखने तथा उसके परिजनों से मिलते-जुलते रहना चाहिए था, यदि पुलिस ऐसा करती तो यह घटना नहीं घटती । इस मामले में पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ और पुलिस के कार्य मे लापरवाही बरतने की जांच कराकर कार्रवाई करेंगे ।

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