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गगन मलिक फाउंडेशन के पदाधिकारी देंगे राष्ट्रपति को ज्ञापन,दलित महिला अधिकारी निशा बांगरे के खिलाफ हों रहे मानसिक अत्याचार से सर्व समाज में जन आक्रोश,

👉 महामहिम राष्ट्रपती भारत सरकार नई दिल्ली को
मप्र की पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफा को मप्र शासन द्वारा मंजूर करने के निर्देश देने हेतु ज्ञापन 

👉 म0प्र में दलित महिला अधिकारी निशा बांगरे के खिलाफ हों रहे मानसिक अत्याचार से सर्व समाज में जन आक्रोश है, निशा बांगरे के सात हों रहे सरकार के बर्ताव से नारज लोग देशव्यम्पी जन आंदोलन बनने से पहले निर्णय करें सरकार ।

प्रयागराज । उ0प्र गगन मलिक फाउंडेशन के उप्र प्रभारी रामविशाल पासवान ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि अपने घर के शुभारंभ कार्यक्रम को बौद्ध संस्कृति अनुसार करने की वजह से परेशानियां झेल रही मप्र बौद्ध समाज की बेटी डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को अपेक्षित न्याय नहीं मिल पाने की वजह से उन्हें अपने अबोध बालक के सात मप्र की सड़कों पर न्याय की गुहार करने उतरना पड़ा है। जो की मप्र सरकार की महिला सशक्तिकरण, बेटी बचाओ, लाडली बहना व समरसता जैसी योजनाओं पर गहरा आघात है ।

गगन मलिक फाउंडेशन उप्र के प्रभारी रामविशाल पासवान ने देश की महामहिम राष्ट्रपती पत्र लिखकर मांग की है की मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी को निर्देश दे ,निशा बांगरे को तत्काल राहत दे ओर उनका इस्तीफा मंजूर करे । पासवान ने कहा है कि वंचित समुदाय की बेटी निशा बांगरे द्वारा सरकारी यातनाओं से त्रस्त होकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति चाही गई है, उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि जब मैं स्वयं के साथ न्याय नहीं कर सकती हूं तो मुझे डिप्टी कलेक्टर जैसे संवेदनशील पद पर रहने का अधिकार नहीं है और मैं स्वैच्छिक रूप से इस पद से त्यागपत्र दे रही हूं । हमारे केस में सरकार का रवैया भेदभाव पूर्ण हैं। वंचित समुदाय की एक डिप्टी कलेक्टर लेवल की महिला अधिकारी का यह कहना साबित करता है की, मप्र में दलित वंचित समुदाय को समुचित न्याय नहीं मिल पा रहा है। जब एक इतनी बड़ी अधिकारी को न्याय मांगने सड़कों पर उतरना पड़ा है तो आम जनमानस के साथ क्या हो रहा है यह विचारणीय प्रश्न है?

मप्र सरकार से मांगा है की समाज की बेटी निशा बांगरे के साथ किये जा रहे भेदभाव पूर्ण व्यवहार से मप्र के साथ देश के बौद्ध समाज में गहरा आक्रोश है सरकार समाज की इस होनहार बेटी के प्रकरण में तुरंत योग्य निर्णय लेकर न्याय करे अन्यथा समाज में सरकार के प्रति उपजा जनाक्रोश किसी भी वक्त जन आंदोलन में परिवर्तित हो सकता है।

जब इस मामले में एसडीमे निशा बांगरे से बात हुई तो उन्होंने बताया कि वह अपने मकान का उद्घाटन कर रही थी जिसमें उन्होंने बुद्ध की प्रतिमा को लगाया था । ऐसी ही कुछ उनके कार्यों को लेकर सरकार के कुछ लोगों को आपत्ति थी, जिसकी वजह से उन्होंने अपने पद से रिजाइन कर दिया है ।

( अमरनाथ झा पत्रकार ) – 8318977396 ,9415254415

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