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रेलवे एनसीआर के भरवारी में एसएसई अर्पित यादव का तांडव,कर रहा है दलित कर्मी का उत्पीड़न, पीड़ित को जान देने के लिए कर रहा है मजबूर,पीड़ित ने लगाई उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार

👉 इलाहाबाद मंडल के इंजीनियरिंग विभाग भरवारी स्टेशन के एसएसई का खुला तांडव एवं नहीं रुक रही है गुंडागर्दी ।

👉 अर्पित यादव द्वारा किया जा रहा है कर्मचारियों का शोषण, नहीं भरता है मास्टर रोल में रोजाना हाजिरी

👉 इकट्ठा 15- 15 दिन में लगाता है अटेंडेंस ,उसके बदले में लेता है कर्मचारियों से भारी भरकम मोटी रकम।

👉 पैसा ना देने वालों को कर देता है अब्सेंट और उनका करता है उत्पीड़न ,जिसका उदाहरण रणवीर प्रसाद पासवान का कर रहा है दलित उत्पीड़न ।

👉 एसएससी के अधीन कर रहे कार्य का जीता जागता है उदाहरण। किसी बहाने रोज रचता है नया नया ड्रामा और करता है उत्पीड़न । फर्जी मेमो बनाकर कर्मचारियों को बाहर लगाता है ड्यूटी, यदि मेमो के हस्ताक्षर की हुई जांच तो फंसेेगा अर्पित यादव ।

👉 बाहरी प्रांत बिहार के कर्मचारी होने के कारण ददेता है रोजाना धमकी और घर पर गुंडों को भेजकर पत्नी और बच्चों को उठाने के देता है धमकी ।

👉 ऐसे में कर्मचारी है भयभीत और आत्महत्या करने को हो रहा है विवस । 3 दिन पहले एनसीआर में जी0एम के यहां सचिव को भी दे चुका है पीड़ित शिकायत पत्र ।

इलाहाबाद । एनसीआर के अंतर्गत इलाहाबाद मंडल के भरवारी रेलवे स्टेशन पर तैनात लोहार के पद पर रणवीर प्रसाद पासवान आजकल एसएसई/ (आईओडब्ल्यू) अर्पित यादव के शोषण से परेशान है । यदि उस पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो वह अपने परिवार सहित जान देने के लिए मजबूर हो रहा है । रणवीर प्रसाद पासवान बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला है । चर्चाओं पर जाएं तो इनके पिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और लोक जनशक्ति पार्टी के केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बहुत करीबी थे । उनके लड़के का रेलवे में लोहार के पद पर नियुक्ति हुई जो भरवारी स्टेशन पर 2013 से तैनात है, उसका एसएससी द्वारा शोषण एवं दलित उत्पीड़न चर्चा का विषय बना हुआ है ।

बता दें कि रेलवे प्रशासन द्वारा उसे जान देने को मजबूर किया जा रहा है क्योंकि इसके पूर्व में कानपुर मे भी ऐसी ही एक घटना घटित हो चुकी है । जिस पर कर्मचारी ने अधिकारी के शोषण से आत्महत्या कर ली है और उसकी जांच भी उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा की गई है लेकिन कोई अता पता नहीं चला । इसी प्रकार टूंडला में और जलेसर रोड में भी ट्रैक मैनों के साथ उत्पीड़न एसएसई के द्वारा जारी है । यदि देखें तो इसमें एक ही समुदाय के यादव लोगों को चुन चुन कर उत्पीड़न किया जा रहा है , जिसमें उनके महामंत्री चुप्पी साधे हुए हैं और यूनियन के महामंत्री होने के नाते कोई भी न्याय दिला पाने में असमर्थ है ऐसा क्यों यह एक बड़ा सवाल है ।

बता दें कि उक्त एसएससी अर्पित यादव जो कि रेलवे के सामान को अपने मिलने वालों के यहां भिजवाने की कोशिश करता है और कर्मचारियों के मना करने पर उनका उत्पीड़न करता है । इसी प्रकार जहां भी इसके द्वारा काम कराए जाते हैं वहां घटिया ईंटें लगाकर मानक विहीन मसाला लगाकर और ठेकेदार से मोटा कमीशन खाकर घटिया कार्य कराता है और रेल की गुणवत्ता को दरकिनार कर भ्रष्टाचार फैला रखा है । जो कर्मचारी विरोध करते हैं तो उनका उत्पीड़न अनुपस्थिति लगाकर एवं नौकरी खाने की धमकी देकर उनके परिवारों का शोषण करता है । इसी के साथ साथ शाम को अपने कार्यालय में बाहरी अस्थानी गुंडों को बैठा कर ठेकेदार के साथ शराब पार्टी होती है और कर्मचारियों को उनकी आवभगत के लिए परेशान किया जाता है ,उनके जूठे बर्तन और गिलास धुलवाने का कार्य किया जाता है । कई सरकारी कर्मचारी को अपने घर पर रखकर उनसे अपनी निजी कार्य कराता है । उनको सरकारी कार्य न कराकर व्यक्तिगत काम बंगले पर लगा रखता है ।
सूत्रों की माने तो यहां पर कुछ वर्षों में ही तैनात अर्पित यादव ने रेलवे की संपत्तियों को चोरी से बेच कर अवैध काली कमाई करके करोड़ों की आय से अधिक एवं बेनामी संपत्ति बना रखा है । इसने लखनऊ में भी अपना कई मकान एवं अन्य शहरों में भी प्लाट बना रखा है जो विजिलेंस के लिए जांच का विषय है । इस तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त एसएससी के खिलाफ सीबीआई को भी संज्ञान में लेकर जांच कराकर कार्रवाई करनी चाहिए ।

बता दें कि यहां जो करप्शन है इसका कारण लम्बे समय से एक ही शहर और स्टेशन पर एक ही पद पर बने रहना और अपने बचाव के लिए यूनियन का पदाधिकारी बना कर रखना सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का कारण है । जिनको तुरंत यूनियन से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए और उनका स्थानांतरण 3 साल में नियमानुसार करके भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना चाहिए ।

अमरनाथ झा – पत्रकार  ,मो0- 8318977396

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