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आखिर कब लगेगा कौशांबी, प्रयागराज के पीडब्ल्यूडी विभाग में भ्रष्टाचार पर लगाम, कौशांबी वाइस की खबर का हुआ असर,कई करोड़ की सड़को को किया गया कैंसिल, प्रमुख सचिव (विभागाध्यक्ष) ने गठित की जांच समिति टीम

प्रयागराज से ही चलता है कौशांबी का विभाग, पीएमजेएसवाई के अधिकारी रहते है नदारद, नहीं बैठते हैं कौशांबी जिले के अधिकारी । बुधराज पाल जेई इलाहाबाद से ही चलाता है कौशांबी जिला ।

👉 विभाग में बैठे कई ए0ई भ्रष्टाचार मे डूबे, शुभेंदु सिंह, प्रीति पटेल और एम0एम मिश्रा बने चर्चा का विषय । यदि हुई इनकी जांच तो कई करोड़ के बेनामी संपत्ति और आय से अधिक संपत्ति मिलना तय ।

👉 अंडर ट्रांसफर हुए सुभेेंंदूू सिंह को चीफ ने क्यों रोका, ईएनसी के आदेश के बिना किसी को नहीं किया जा सकता अटैच । वही प्रीति पटेल को उनके गृह जनपद प्रयागराज में किन नियमों के तहत किया गया अटैचमेंट ,जांच का विषय ।

👉 प्रमुख अभियंता विकास एवं विभागाध्यक्ष ने मांगा अधीक्षण अभियंता से जवाब, विभागीय अधिकारियों में मचा हड़कंप ।

👉 शासन द्वारा निविदाओं एवं शिकायतों के निस्तारण के लिए गठित की गई उच्च स्तरीय जांच समिति ,ट्रांसफर हुए अधिकारियों एवं आदि शिकायतों की करेगी समिति जांच ।

👉 एई सुभेंदू सिंह ने अपने चहेते ठेकेदारों को दिया आश्वासन, कि मैंनेज टेंडर के तहत हुए कैंसिल सड़कों की कोई ना करें शिकायत ,बाद में रोड देकर उनको किया जाएगा सन्तुष्ट ।

प्रयागराज और कौशांबी जिला के पीडब्ल्यूडी विभाग में भ्रष्टाचार का आलम इस कदर समाया हुआ है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है । 2 दिन पहले कौशांबी वॉइस ने भ्रष्टाचार एवं टेंडर मैनेज तथा प्रहरी ऐप और ईटेंडर में किए गए हेराफेरी की खबर छापी थी जिसके बाद विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया । शासन ने जिले के अधिकारियों को तलब कर इस मामले में जवाब मांग लिया है । जिससे अधिकारियों की बौखलाहट साफ-साफ दिखने लगी है, वही चर्चाओं का बाजार गर्म है । टेंडर मैनेज करने वाले जिले में एक्सईएन और एसई,एई तथा चीफ किसी पर भी गाज गिरना तय है । चुकी बगैर इन सबके मिलीभगत के इतना बडा भ्रष्टाचार विभाग में नहीं हो सकता है । वर्षों से जमे पीडब्ल्यूडी विभाग में कई भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले एई लोग हैं । यह लोग आखिर क्यों ट्रांसफर होने के बाद भी यह जिला नहीं छोड़ रहे हैं, यह सबसे बड़ा सवाल है ।

बता दें कि यहां अधिकारी कई वर्षों से इलाहाबाद प्रयागराज मंडल में ही जमे हुए हैं क्योंकि यहां पर भ्रष्टाचार के तहत करोड़ों रुपए कमा कर मालामाल हुए हैं । यही वजह है कि प्रयागराज और कौशांबी जिले से कहीं बाहर जाने का मन नहीं हो रहा है । यदि ट्रांसफर भी हुआ तो उसे विभाग के एस0ई और चीफ ने कोई न कोई बहाना दिखाकर रोक रखा है, ताकि वह भ्रष्टाचार फैलाकर करोड़ों रुपया डकार सके और उस पैसे का आपस में बंदरबांट करते रहे । यही वजह है कि वर्षों से अंडर ट्रांसफर हुए सुभेंदू सिंह को रोक रखा गया है और वही प्रीति पटेल को कौशांबी में नियुक्त होने के 1 साल के अंदर ही उसके गृह जनपद प्रयागराज में अटैचमेंट किया गया है, जहां वह करोड़ों का भ्रष्टाचार करके मालामाल हो रही है । कई बार उच्च अधिकारियों एवं शासन तक शिकायत होने के बाद भी चीफ और एसई ने शासन को गुमराह करके इनको पैसा लूटने की खुली छूट दे रखी है और उस लूट के पैसे से सब लोग मिलकर बंदरबांट कर रहे हैं ।

बता दें कि प्रयागराज के झूसी के एक ठेकेदार ने सड़कों में किए गए भ्रष्टाचार और मैनेज सिस्टम के तहत किए गए टेंडर तथा तमाम भ्रष्टाचार की शिकायत शासन को चिट्ठी लिखी है । ठेकेदार ने एमएम मिश्रा और शुभेंदू सिंह आदि अधिकारियों की शिकायत भी की हुई है, ठेकेदार ने शासन को लेटर लिखा है जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है । कार्यवाही ना होने का कारण इस मंडल के चीफ और एसई होते हैं, जो करोड़ों रुपया डकार कर इनको भ्रष्टाचार करने के लिए रोक रखे हैं और इन्हें खुली छूट दे रखे हैं । यही वजह है कि इनका ट्रांसफर नहीं हुआ है । अभी हाल ही में टेंडर मैनेज की खबर कौशांबी वॉइस में छपने के बाद हड़कंप मचा हुआ है ,जिसमें प्रमुख सचिव ने मंडल के अधिकारियों को तलब करके जवाब मांगा है । अधिकारियों ने डर के कारण कई टेंडर को भी निरस्त कर दिया है लेकिन टेंडर में 19 जनवरी के अंतिम तिथि के बाद टेंडर मे रेट कैसे घटाए बढ़ाए गए यह जांच का विषय है । आखिर ऐसे भ्रष्टाचार करने वालों पर क्या कार्रवाई होगी यह एक बड़ा सवाल है ।

अमर नाथ झा – पत्रकार

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