Sat. May 11th, 2024

चायल विधायक पर लगा एक और व्यक्ति की जमीन हड़पवाने का आरोप, परसरा ग्राम निवासी मोहित मिश्रा की जमीन पर विधायक के व्यक्ति का है कब्जा,स्टे होने के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई, विधायक के रासूक के आगे अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

कौशांबी चायल विधायक संजय गुप्ता पर एक पीड़ित ने लगाया और आरोप , पीडित की नहीं हो रही सुनवाई ।

कौशाम्बी । जिले में विधायक संजय गुप्ता का है आतंक ,कई दलितों, गरीबों की एवं सरकारी जमीनों को किया है कब्जा ।

10 साल में खड़ा किया अरबों का सम्राज्य, कब होगी इस के काले कारनामों की जांच  ।

चायल तहसील के परसरा गांव निवासी मोहित मिश्रा की जमीन पर विधायक के लोगों ने कब्जा कर रखा है, यही वजह है कि वह कहीं भी शिकायत करता है तो विधायक के दखल के बाद कोई भी उसे नया देने के लिए तैयार नहीं होता है । पीड़ित की आराजी नंबर 1150 में विधायक संजय गुप्ता ने अपने सहयोगी जिसके नाम बेनामी संपत्ति लिखवाता है फकीरे लाल और उसके बाद उससे दूसरों के नाम जमीन ट्रांसफर करवाता है या तो परमिशन लेकर अपने नाम करवाता है । संजय गुप्ता ने बिरई की 4 बीघा जमीन जो इसके स्कूल के अंडर में है उसे अपने नाम डरा कर रजिस्ट्री करवा लिया है । अब यह जानना जरूरी है कि जो बिरई पासी विधायक संजय गुप्ता ने 4 बीघा जमीन रजिस्ट्री करवाया है वह सरकारी जमीन चारागाह की आराजी नंबर 117 में है इस जमीन के बदले में संजय गुप्ता ने बिरई को 20 लाख रुपया दिया है और दो बीघा जमीन आराजी नंबर 1152 में खांकी नामक व्यक्ति से फकीरे लाल के नाम रजिस्ट्री कराया फिर बिरई के पत्नी रामदुलारी के नाम से रजिस्ट्री करवा दिया है । वही बगल में आराजी नंबर 1150 में मोहित मिश्रा जिसे संजय गुप्ता ने जबरन उसकी जमीन में बिरई से कब्जा करवा कर रखा है ,उस जमीन में मोहित मिश्रा की ट्यूबवेल बिजली के कनेक्शन पेड़ आदि लगे हैं लेकिन संजय गुप्ता की दबंगई से बिरई ने कब्जा कर रखा है । पीड़ित व्यक्ति एसपी, थाना ,डीएम, कमिश्नरी हर जगह शिकायत किया लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई है । पीड़ित ने दीवानी में मुकदमा किया है जिसमें स्थगन आदेश भी है एवं कमिश्नरी में भी मुकदमा है लेकिन आज तक उसकी सुनवाई नहीं हुई है। पीड़ित अधिकारियों के यहां दर-बदर चक्कर काटता फिर रहा है लेकिन संजय गुप्ता विधायक के दबंगई से कोई भी अधिकारी मोहित मिश्रा को न्याय देने में नाकाम साबित हो रहे हैं । बताया तो यह भी जाता है कि रघुनाथ उर्फ खंकी जिसकी जमीन संजय गुप्ता ने फकीरे के नाम लिखवाया था अभी भी उसका 8 विश्वा बाकी है, खतौनी में नाम दर्ज है और ₹53 हजार रु0 भी बाकी है । जिसके लिए मृतक खंकी की पत्नी विधायक से कई बार मिली लेकिन आज तक ना तो उसको पैसा मिला और ना ही उसको 8 बिस्वा जमीन कब्जा करने दिया है यह भी जांच का विषय है ।

ऐसे ही तमाम मुद्दे हैं जो संजय गुप्ता एक भूमाफिया है जो अपने स्कूल के पास आराजी नंबर 89 में एक बीघा हडवाड़ी और कई तालाबी नंबर अ0नं0 90,127, 95 पर भी कब्जा करके अवैध तरीके से कई बीघा जमीन कब्जा करके करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर रखा है । यदि जिला प्रशासन ने चारागाह की जमीन को खाली कराई तो संजय गुप्ता की रजिस्ट्री कराई हुई कई बीघे जमीन का कैंसिल होना तय है और फकीरे लाल के नाम से जितने भी बेनामी संपत्ति लिखाई गई है ,यदि उसकी जांच हो जाएगी तो संजय गुप्ता का जो अरबों का साम्राज्य है उसकी पोल खोलना तय है । जो भी पत्रकार या व्यक्ति संजय गुप्ता के गलत कारनामो का खुलासा करता है संजय गुप्ता के पास सिर्फ एक ही मुद्दा रहता है उस आदमी को विरोधी पार्टी का आदमी या तमाम उल्टा सीधा आरोप लगाकर झूठे मुकदमे में फंसाना और अपने पालतू कुत्तों से उल्टा सीधा बयान दिला कर जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को गुमराह करने का काम करता है ।
बता दें कि आज से 25 साल पहले जो आदमी एक वीसीआर चलाता था और एक ननकी देवी जूनियर हाई स्कूल का प्रबंधक था, वह 20 से 25 साल में अरबों का साम्राज्य कैसे खड़ा कर लिया यह जांच का विषय है । इस व्यक्ति के पीछे तमाम समाज में दंगा फैलाने एवं सामाजिक सद्भावना को बिगाड़ने तथा हिंदू मुस्लिम राइट करने के तमाम मामले उजागर हुए हैं लेकिन सत्ता में होने की वजह से आज तक कोई भी इस पर कार्रवाई नहीं हुई है । यह व्यक्ति अवैध तरीके से नंदा के पुरवा आदि कई जमुना के तराई में अवैध बालू संचालन कर अवैध खनन कराता रहा है । इस मामले में पुलिस प्रशासन को भी दबा कर रखा है । अधिकारियों पर धौंस बना कर रखा है और हमेशा उल्टा सीधा कार्य कराता रहा है । यहां तक कि गैर जनपद की शराब आदि भी बेचवाता रहा है, इसके तमाम अनैतिक कार्यों में लिप्त होने के बावजूद भी आज तक इस पर कोई जांच नहीं हुई है । सूत्रों की माने तो नगरपालिका का प्रतिमाह आ रहा है करोड़ों रुपए का खुद इस्तेमाल कर रहा है । वहां के कर्मचारियों को अपने साथ लेकर चलता है, और पेमेंट नगर पालिका से दिलाता है, वहां के जगलेटर आदि सामानों को खुद यूज करता है । वहां के बजट को अपने स्कूल और अन्य जगह प्रयोग करता है और गांव का नगर पालिका में विकास नहीं होने देता है, यह सब जांच का विषय है ।
अगर सूत्रों की माने तो यह अपने प्रबंधकी काल में तमाम महिला शिक्षकों को परेशान किया करता था ,उनको वेतन नहीं देता था और उनका गलत इस्तेमाल किया करता था जिसकी वजह से इसके चर्चे समाज में किसी से छुपी नहीं है । जो व्यक्ति हमेशा झूठ बोलता है, लोगों को गुमराह करता है और दंगा कराता है, हमेशा तिकड़मबाजी करके लोगों को झगड़ा फसाद करके जमीन हड़पने का काम करता है । चरवा क्षेत्र में व चायल क्षेत्र में बहुत से लोगों को जमीन हड़पने का इसने काम किया है । दलितों को डरा धमका के उनकी जमीन है लिखाया है ,देखा जाए तो असवां से लेकर परसरा पेट्रोल पंप तक दोनों तरफ अवैध तरीके से जमीन कब्जा करके या फिर डरा धमका कर जमीन ट्रांसफर करके अरबों का साम्राज्य खड़ा किया है लेकिन यदि उच्च अधिकारियों ने संज्ञान लिया इसकी संपत्तियों को जांच किया तो खुलासा होगा । चुनाव में दाखिल संपत्ति का विवरण का संज्ञान लिया जाय तथा टाउन एरिया के चुनाव में इसने जो अपनी संपत्ति विवरण दाखिल की है उसकी जांच हो तो बहुत बड़ा खुलासा होगा ।

इतना ही नहीं अभी भरवारी महोत्सव मेला कराने में करोड़ों रुपया खर्च हुआ है आखिर यह पैसा कहां से आया, इसकी जांच क्यों नहीं हो रही है । चर्चा तो यहां तक है कि संजय गुप्ता ने जितने भी डायरी, कैलेंडर बंटवाया और गेरुवा गमछा एवं साड़ी बांटा वह सब व्यवसायियों, बालू व्यवसायियों व्यापारियों से अवैध धन उगाही करके पैसा वह गुंडई टैक्स के रूप में खुलेआम वसूल कर लिया है । यहां तक कि पिछले वर्ष भी स्कूटी बटवाने में तमाम अधिकारियों से अवैध वसूली करके अपने नाम का प्रचार किया है ,यह सब तमाम मामले हैं जो जांच का विषय है । मंझनपुर चौराहा में जो तालाबी नंबर पर मकान है उस मकान को जिला प्रशासन गिराने के लिए जेसीबी बुलाकर तमाम तैयारी कर ली थी वहां पर संजय गुप्ता ने आकर अधिकारियों पर रौब जमा कर खूब हंगामा किया था । जिसमें सूत्रों की मानें तो 10 लाख रुपए के ठेका लेकर रूकवाने का काम किया और अधिकारियों को मनियारपुर कोतवाली में बैठा कर जलील किया था। इन सब कारनामों की जांच हुई तो उसके काले कारनामों का खुलासा होना तय है ।

जिले की जनता ने विधायक संजय गुप्ता के काले कारनामों के पोल खोलने के लिए सीबीआई जांच एवं आय से अधिक और बेनामी संपत्ति के लिए लोकायुक्त की जांच कराने की मांग की है .।

अमरनाथ झा पत्रकार

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