रेलवे के डीआरएम ऑफिस में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार, विभागीय परीक्षाओं में जमकर वसूले गए करोड़ों रुपए, पैसे का हुआ अधिकारियों के बीच बंदरबांट,विभागीय परीक्षा टीम में सीनियर डीपीओ, सीनियर डीसीएम, डीओएम अधिकारी रहे शामिल
डॉक्यूमेंट एवं सूत्रों के आधार पर खबर….
👉 कृपाशंकर जैसल ने लगाए अधिकारियों पर आरोप ,नौकरी के नाम पर लिया गया पैसा ,नहीं लगी नौकरी ना वापस हुआ पैसा
👉 पहले भी रिशिका सिंह पर लग चुके हैं नौकरी के नाम पर पैसा लेने का आरोप ,लेन-देन में उधारी के नाम पर दिखाया गया पैसा
👉 सीनियर डीपीओ और ऋषिका सिंह पर मामले में हुई शिकायत ,रेलवे के उच्च अधिकारी कब लेंगे संज्ञान, विजिलेंस विभाग भी मौन ।
👉 सूत्रों के मुताबिक कोरोना काल में भी दलाली, वसूली, ट्रांसफर, पोस्टिंग, दबाव व भ्रष्टाचार की लंबी है फेहरिस्त,पीड़ितों ने न्यायालय व अधिकारियों से न्याय की लगाई गुहार।
👉 सीनियर डीपीओ अपने काले कारनामों को छुपाने के लिए एवं अवैध काली कमाई से बनाई आय से अधिक और बेनामी संपत्ति को बचाने के लिए उच्च अधिकारियों को कर रहा है गुमराह दे रहा है झूठी सूचनाएं ।
👉 सीनियर डीपीओ के कई अपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों से है संबंध, नैनी जेल में बंद लोगों से भी जुड़े हुए हैं तार, किसी भी तरह की अपराधिक गतिविधियों को दिला सकते हैं अंजाम ।
👉 यदि इनके फोन के निकाला गया सीडीआर तो होंगे कई चौंकाने वाले खुलासे, इनके बंगले में भी दो प्राइवेट लोगों को मिल रहा है संरक्षण , आखिर यह संजय और दिनकर है कौन ।
प्रयागराज । रेलवे में डीआरएम ऑफिस के अधिकारियों की रिश्वतखोरी और काले कारनामे इतने ज्यादा हैं कि अब धीरे धीरे इनके भ्रष्टाचार का पर्दा खुलने लगा है । सूत्रों की माने तो जहां एक तरफ विभागीय कैंडिडेटो के परीक्षा मे गार्ड, सहायक लोको पायलट और टीटी आदि की परीक्षाओं में करोड़ों रुपए अवैध वसूली की गई है जिसकी चर्चा सरेआम है । इस परीक्षा में गठित टीम के मुख्य अधिकारी जिसमें सीनियर डीपीओ ,सीनियर डीसीएम अंशु पांडे डीओएम व मोतीलाल मिश्रा आदि इस मामले की टीम में शामिल रहे हैं ।
रेलवे मे भौकाली अधिकारी राजेश कुमार शर्मा सीनियर डीपीओ प्रयागराज के भ्रष्टाचार की परत दर परत चौकाने वाले खुलासा हो रहा है । जहां इन लोगों के बीच यौन शोषण के संबंध मे आरोप प्रत्यारोप लगते रहे हैं वही रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से पैसे भी ठगी किए गए हैं जो अब धीरे-धीरे खुलने लगा है । रिषिका सिंह कार्यालय अधीक्षक कार्मिक ने रेलवे विभाग में चपरासी की नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लाख रूपये का ठगी कृपा शंकर जैसल पुत्र मोहन लाल से की है ,जो अनुुसूचित जाति का है जिसका पता चंदापुर थाना कोरांव जिला प्रयागराज है । पैसा लेने के बाद जब कई महीनों तक नौकरी नहीं मिली तब वह पैसा मांगना शुरू किया जिसस तंग आकर रिसिका ने उसे अपने कैंपस में बुलाया । उसको रिसिका ने अपने जमुना क्रिश्चन कैम्य मे बुलाया था जहां पर उसे जातिसूचक गाली देते हुए धमकी दिया है । कहा है कि यदि पैसा की बात तुमने की या पैसा मांगा तो जान से मरवाकर दूूंंगी । इसने अपने दो सहयोगियोंं पुरुष साथियों को भी बुला रखा था जिससेे जैसल को मारपीट और गाली गलौज कराया था । इसकी शिकायत कृपाशंकर जैसल ने तत्कालीन थानाध्यक्ष और पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र दिया था । इस मामले में सीनियर डीपीओ और पीएमओ कार्यालय मे भी उसने शिकायत किया है।
सूचना दिनाक 29 जून 2021 आईजीआरएस के माध्यम से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज तथा लोक शिकायत निदेशालय द्वितीय तल सरदार पटेल भवन संसद मार्ग नई दिल्ली वा रेलवे मे राजेश कुमार शर्मा सीनियर डीपीओ प्रयागराज को रिषिका सिंह के ठगी की शिकायत रजिस्टर्ड डाक से सूचना दिया है ।
राजेश कुमार शर्मा ने रिषिका सिंह के विरुद्ध कारवाही करने के बजाय दोनो ने आपस मे मिलकर पांच लाख रुपए का बंदरबांट कर लिया है । इनकी भ्रष्टाचार की पोल न खुलने पाए इसलिए भौकाली सिनियर डीपीओ ने रिषिका सिंह को दूसरे प्रदेश चण्डीगढ़ में स्थानांतरण कर दिया है । जबकि ठगी के मामले रिषिका सिंह को नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए जो भारतीय रेल की छवि धूमिल किया है । कृपाशंकर जैसल ने सीनियर डीपीओ और रिशिका पर ठगी का आरोप लगाते हुए शिकायत किया हैै जिसकी कार्रवाई करने के बजाय उसेे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है ।
रिषिका सिंह के पांच लाख रूपये की भ्रष्टाचार की जॉच करवाते हुए दोनो को रेल सेवा से बर्खास्त किया जाए ताकि भविष्य में कोई अधिकारी या कर्मचारी किसी दलित का इस तरह से रूपया लेने के बाद उत्पीड़न करने की साहस न कर सके ।
बता दें इसकी पूर्व में भी रिषिका सिंह ने पांच लाख रुपए का नौकरी के नाम पर ठगी किया है और इसका स्टांप पेपर खुद सिनियर डीपीओ ने बनवाया था दिनाक 20 अगस्त 2021 को आडियो रिकॉर्डिंग में इसका खुलासा ए0के0 पाठक मुख्य कर्मचारी कल्याण निरीक्षक प्रधान कार्यालय उत्तर मध्य रेलवे सूबेदारगंज ने किया है ।
सबसे अहम बात यह है कि रिसिका सिंह ने कृपाशंकर शुक्ला और सीनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा पर लिखित रूप से आरोप लगाए है उसके बाद भी आज तक सीनियर डीपीओ के खिलाफ ना तो जांच टीम बैठी है और ना ही आज तक उस पर कार्रवाई हुई है आखिर ऐसा क्यों यह एक बड़ा सवाल है ।
इसी तरह मोतीलाल मिश्रा जो भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए अपनी पूरी टीम बना रखा है जिसका सीनियर डीपीओ उपयोग करके कई करोड़ रुपए कमाए हैं । सूत्रों की माने तो इस पैसे से उन्होंने अपने मूल गृह टाउन एरिया उरई मे कई करोड़ की जमीन खरीद-फरोख्त किया है जो चर्चा का विषय बना हुआ है ,जिसकी जांच होना आवश्यक है । मोतीलाल मिश्रा के मामले में उसकी पत्नी के शिकायत पत्र पर जांच कर रहे के0एल जयसवाल मंडल कार्मिक अधिकारी ने अपने पत्र में स्वीकार चुके है कि मोती लाल मिश्रा ने पत्नी रखा है । मंडल कार्मिक अधिकारी के पत्र को ठेंगा दिखाते हुए सिनियर डीपीओ ने मोती लाल मिश्रा को अभी तक नौकरी से बर्खास्त नही किया है और उसकी जांच को दबाए बैठे है, इस मामले में सिनियर डीपीओ के विरुद्ध भी जॉच टीम बैठाई जाय ताकि इस माामले पर भी करवाई हो सकेे ।