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सीनियर डीपीओ पर कब होगी कार्यवाही,रेलवे डिपार्टमेंट में चर्चाओं का बाजार गर्म, सीनियर डीपीओ-मोतीलाल मिश्रा-रिसिका सिंह आदि कई लोगों का है भ्रष्टाचार बढ़ाने का रैकेट,नौकरी देने के नाम पर वसूले लाखो, यौन शोषण के मामले में भी नहीं हुई कार्रवाई

👉 भौकाली सिनियर डीपीओ रेलवे अधिकारी राजेश कुमार शर्मा सीनियर डीपीओ के भ्रष्टाचार व अपराध की है लंबी जड़े ।

👉 इनके काले कारनामों की नहीं हुई अब तक जांच, मीडिया में खबर आने के बाद भी उच्च अधिकारी नहीं ले रहे हैं संज्ञान ।

👉 आखिर कब होगी सीनियर डीपीओ के मामले में कार्यवाही, रिसिका सिंह एवं कई कर्मचारियों की जांच रिपोर्ट दबा कर बैठा है शर्मा, नहीं कर रहा कार्रवाई ।

प्रयागराज । डीआरएम ऑफिस में सीनियर डीपीओ एवं मोतीलाल मिश्रा तथा इनके रैकेट में शामिल है रिसिका सिंह आदि लगभग दर्जनों लोगों ने जिस तरीके से पूरे विभाग में भ्रष्टाचार फैलाया है । अब उन सब मामले में धीरे धीरे खुलासा होने लगा है ,जो पूरे विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है । सीनियर डीपीओ और रिसिका सिंह के बीच यौन उत्पीड़न का मामला जहां सुर्खियों में रहा है वही इन लोगों ने मिलकर कई लोगों से नौकरी के नाम पर लगभग 15 ₹20 लाख रुपये वसूले हैं । और सीनियर डीपीओ ने रिसिका सिंह के नाम का कचहरी से स्टांप पेपर पर उधारी के नाम पर लिखवा कर कई लोगों से दस्तखत करवाए हैं जो मनगढ़ंत और बेबुनियाद है । इस मामले का खुलासा विभागीय दो अधिकारियों के बीच बातचीत से ऑडियो में खुलासा हो चुका है लेकिन फिर भी अधिकारी अभी तक संज्ञान लेकर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है ।

बता दें कि सीनियर डीपीओ ने अवैध तरीके से करोड़ों रुपया कोरोना काल मे एवं विभागीय कर्मचारियों की परीक्षा पास कराने के मामले में अवैध तरीके से धन उगाही की गई है ,जिसमें अपने रैकेट के माध्यम से 5 से ₹7 लाख प्रति कैंडिडेट के हिसाब से वसूली परीक्षार्थियों को पास कराने का ठेका लिया गया है । सीनियर डीपीओ एवं मोतीलाल मिश्रा तथा इसके कई ऐसे कर्मचारी हैं जिनका 15- 20 साल से जमे है ।  इनके कई हैं लोग जो रैकेट में शामिल हैं ,15- 20 वर्षों से एक ही जगह पर तैनात है । रेलवे गाइडलाइन के मुताबिक आज तक इन पर सरकारी नियम कानून का पालन नहीं किया जा रहा है । विभाग में कई लोगों की भ्रष्टाचार से संबंधित कई लोगों की जांच होने के बाद भी सीनियर डीपीओ ने कार्यवाही नहीं की है बल्कि उनकी जांच को दबा कर रखा है । उनसे अनैतिक लाभ उठा रहा है ,जैसे मोतीलाल मिश्रा की जांच को दबा कर रखा गया है, इसी प्रकार की रिशिका सिंह की भी जांच को दबा के रखा गया है । इस प्रकार से कई लोगों को काले कारनामों की जांच को सीनियर डीपीओ दबा के रखा है और उनका आर्थिक शोषण कर रहा है । यही कारण रहा है कि सीनियर डीपीओ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है जिसे रेलवे के उच्च अधिकारियों के संज्ञान होने के बावजूद भी आज तक कोई कमेटी बैठा कर जांच नहीं कराई गई है । नौकरी के नाम पर जिन लोगों से इन लोगों ने पैसा लिया है वह लोग कई बार थाने में भी प्रार्थना पत्र दिए हैं और यह लोग पैसा के लिए चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनका पैसा वापस नहीं हुआ है । पैसा ना देना पड़े इसके लिए रिसिका का दूसरे प्रदेश मे ट्रांसफर करा कर निकल गई है ।

वही मोती लाल मिश्रा जो सारे भ्रष्टाचार की जड़ है वह सभी विभागीय परीक्षाओं में सेटिंग करने के बाद अवैध वसूली करके करोडो रुपए की कमाई की है और सभी परीक्षाओं में यह खुद एक अहम रोल अदा करते हैं । कोरोना काल में इन सभी लोगों ने कई करोड़ रुपए अवैध तरीके से कमाकर आय से अधिक एवं बेनामी संपत्ति बनाई है जिसकी जांच आज तक नहीं हुई है ।

सीनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा ने दो प्राईवेट व्यक्ति को घर पर रखा है जो  मध्य प्रदेश के रीवा जिला दिनकर मिश्रा मो0 नं0 9669997830 अपराध की हिस्ट्री जिला रीवा से प्राप्त किया जा सकता है । इनके बड़े पिता पुलिस विभाग अयोध्या में तैनात है तथा संजय कुमार मो0 नंबर 6261009677 जिला ग्वालियर है शर्मा के अनैतिक अपराध बनारसी लाल इंजीनियरिंग कॉलेज लखनऊ तथा उरई पंडित मो नंबर9454179727 से इनके गृह टाउन एरिया उरई से अपराध की जानकारी प्राप्त की जा सकती है ।

उरई पंडित जी की हत्या में शर्मा ने अपने मामा के लड़के पंकज को भी शामिल किया था , हत्या होने के पहले ही मो0 नंबर 9415419462 से मो0 नंबर 9454179727 उरई पंडित जी को सूचना दी गई है जिससे कि पुलिस विभाग के साइबर सेल क्राइम से जॉच कराई जा सकती है ।  शर्मा जब हत्या कराने में विफल हो गया तो उरई पंडित को लगभग नौ दस माह पहले एससी एसटी मुकदमे में भी फंसाया था लेकिन जॉच में एससी एसटी घटना को पुलिस ने फर्जी बताया और उरई पंडित जी को दोष मुक्त कर दिया है । उसी दरम्यान में शर्मा ने करोड़ों रुपए की जमीन का खरीद फरोख्त भी किया है जो रेलवे विभाग प्रयागराज में नौकरी के दौरान अनैतिक तरीके धन अर्जित किया है।

बता दें कि शर्मा का पारिवारिक पृष्ठ भूमि इनके पिता जी छोटे से नौकरशाह इनकमटैक्स विभाग में चर्तुथ श्रेणी कर्मचारी थे । सरकार के हित मे इसकी जांच कराई जाय, उधर शर्मा जी के सरपरस्ती में उनकी करीबी रिषिका सिंह ने नौकरी के नाम पर पांच लाख रुपए कि ठगी करने के बाद शर्मा जी को भी सामिल कर लिया जिसका खुलासा दिनांक 20/8/2021 को मुख्य कर्मचारी कल्याण सूबेदारगंज ने आडियो रिकॉर्डिंग में किया है जो कि स्टांप पेपर Sr DPO ने खुद बनवाया है । इस मामले में कई गवाहों के भी हस्ताक्षर है जो रेलवे के कर्मचारी हैं और सीनियर डीपीओ के करीबी । महिलाओ का करीबी सिनियर डीपीओ ने अपने आपको बचाने के लिए अपनी सहकर्मी रिषिका सिंह का स्थानातरण चण्डीगढ़ कंस्ट्रक्शन में कर दिया है । उधर अप्राकृतिक दुष्कर्म का आरोपी मोतीलाल मिश्रा के फ़ोटो स्टेट कि मशीन पर्सनल ब्रांच में लागी है ,अनुचित लाभ मिलने के कारण इस मामले मे डीआरएम व जीएम.व एसडीजीएम उसके अनर्गल कार्यों को जानते हुए मौन है , इस मामले पर पूरे डिपार्टमेंट में चर्चा सरेआम है ।

चौकाने वाली बात तो यह है कि अप्राकृतिक दुष्कर्म का आरोपी मोतीलाल मिश्रा की बेनामी संपत्ति फूलपुर में फार्म हाउस बेनामी रुपया सुब्रत सहारा बैंक में जमा किया है । इसकी जांच सीबीआई से कराई जाएगी तो रेलवे विभाग से अर्जित की गई कई करोड़ो का खुलासा होगा तथा मोती लाल मिश्रा के प्रति माह पी0एफ वीपीएफ कटौती से भी अनुमान लगाकर जांच कराई जाएंगी तो मिश्रा के तमाम रेलवे विभाग में किया गया भ्रष्टाचार का खुलासा हो जाएगा ।  मोती लाल मिश्रा को दो पत्नी रखने के आरोप तो मंडल कार्मिक अधिकारी ने अपने पत्र में स्वीकार कर चुके है, लेकिन सिनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा ने अभी उस पत्र के आधार पर उसको नौकरी से बर्खास्त नही किया है क्योंकि इन लोगों की मिलीभगत से पूरे मंडलीय कार्यालय में व्यापक तरीके से भ्रष्टाचार से अवैध कमाई हो रही है । इस मामले मे डिवीजन और एनसीआर के उच्च अधिकारी भी संज्ञान लेकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं आखिर क्यों, किस कारण चुप्पी साधे बैठे हैं यह बातें लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है।

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