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शताब्दी ट्रेन को डीटीएम व एसीएम टूंडला में रोका,चेकिंग में मिले बिना टिकट 28 यात्री, मचा हड़कंप,दिवाली के नाम पर रेलवे में भ्रष्टाचार की लूट मे मिली खुली छूट , उच्च अधिकारियों तक नहीं होती भनक

👉 दीपावली में मिली है लूटने की छूट ,रेलवे बोर्ड ,मुख्यालय एवं मंडल कार्यालय सब लूटने में है मस्त

👉 लंबी दूरी की गाड़ियों में यात्रियों के जेब में पड़ रहा है डाका, जिसमें जीआरपी और अवैध वेंडर के माध्यम से यात्रियों से होती है खुली लूट ,

👉 शताब्दी ट्रेन में बिना टिकट मिले 28 यात्री , एसीएम ने टूंडला मे ट्रेन रुकवाकर कराई चेकिंग , आखिर किस पर हुई कार्यवाही….

👉 अब देखना यह है कि सीनियर डीसीएम क्या करते है कार्यवाही, बार बार कमाऊ पूत लोगो शाताब्दी ट्रेनों में किया जाता है चयन..

प्रयागराज ।  रेलवे एनसीआर में त्योहारों के मौसम में भारतीय रेलवे में भ्रष्टाचार का बोलबाला जारी है। रेलवे बोर्ड से लेकर मंडल कार्यालय तक भ्रष्टाचार की शिकायतें अनदेखी की जा रही हैं। चाहे कमर्शियल, मेडिकल या इंजीनियरिंग विभाग हो, भ्रष्टाचार से कोई क्षेत्र अछूता नहीं है । लंबे रूट की ट्रेनों में पेंट्रीकार के मैनेजर, जीआरपी, और अवैध वेंडरों के जरिए यात्रियों से अनाधिकृत वसूली कर रहे हैं, जिससे यात्रियों की जेब पर भारी बोझ पड़ रहा है। रेलवे मंत्रालय की ओर से विशेष त्योहार ट्रेनों की घोषणा के बावजूद, ट्रेनों में यात्री नदारद हैं, जिससे कई गाड़ियाँ खाली जा रही हैं। आखिर इस स्थिति का जिम्मेदार कौन है?

प्रयागराज एनसीआर में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं

हाल ही में, प्रयागराज एनसीआर के कानपुर सेंट्रल पर कमर्शियल विभाग में जातिवाद, पक्षपात और भ्रष्टाचार से संबंधित गतिविधियों की खबरें सामने आई थीं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। आज 29 अक्टूबर 2024 को, दिल्ली से कानपुर जा रही शताब्दी एक्सप्रेस में भी भ्रष्टाचार का उदाहरण देखने को मिला, जहां बिना टिकट 28 यात्री यात्रा करते पकड़े गए। टूंडला में यह गाड़ी रोकी गई और चेकिंग के दौरान मामले का खुलासा हुआ, लेकिन इसे रफा-दफा कर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

👉 रेलवे अस्पतालों और दवा आपूर्ति में भ्रष्टाचार का बोलबाला

मेडिकल विभाग में भी स्थिति चिंताजनक है। टूंडला एवं प्रयागराज रेलवे अस्पताल में डॉक्टर और कार्यालय अधीक्षक के तबादले की मांग के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। निजी अस्पतालों से उपहार और कमीशन के जरिए दवाइयां आपूर्ति हो रही हैं। मुख्यालय एनसीआर, मंडल कार्यालय, रेलवे बोर्ड, और सतर्कता विभाग की ओर से इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है, जैसे सभी दिवाली के जश्न में मग्न हैं।

👉 जीआरपी और वेंडरों द्वारा यात्रियों से वसूली

लंबी दूरी की गाड़ियों में पेंट्री कार के मैनेजर और अवैध वेंडरों के जरिए यात्रियों से खुलेआम वसूली जारी है। इससे रेलवे को प्रतिदिन लाखों का नुकसान हो रहा है। जीआरपी के जवान भी अलग-अलग तरीकों से इस वसूली में शामिल हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि पिछले 60 सालों में इस प्रकार की लूटपाट की मिसाल नहीं देखी गई है।

👉 सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा करने वाली सरकार की नाक के नीचे खुफिया जांच, सीबीआई और इंटेलिजेंस विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। यदि नई दिल्ली और आनंद विहार से चलने वाली ट्रेनों की नियमित जांच और निरीक्षण किया जाए, तो एक बड़े फर्जी रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है। अब तो यह भी चर्चा है कि नव नियुक्त जीएम भ्रष्टाचार तक पाने में असफल हो रहे हैं ।

अब देखने की बात यह है कि कौशाम्बी वाइस की ख़बर का क्या उच्च अधिकारी इस गंभीर मुद्दे पर संगठित होकर कार्रवाई करेंगे, या फिर यह मामला अन्य की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?

 

अमरनाथ झा पत्रकार – 9415254415

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