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कौशाम्बी वाइस की खबर कब हुआ असर, एनसीआर के टूंडला मे वर्षों से जमे कार्यालय अधीक्षक का हुआ ट्रांसफर, लेकिन अभी तक नहीं किया गया कार्यमुक्त

👉 मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय इलाहाबाद की मिली भगत से नहीं किया जा रहा है किसी नए स्टाफ की पोस्टिंग, जांच का विषय।

👉 सीनियर डीपीओ इस मामले को नहीं ले रहे संज्ञान क्योंकि यूनियन का है दबाव । टूंडला में अभी तक डॉक्टर अविनाश का नहीं किया गया है ट्रांसफर भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा रैकेट है शामिल ।

👉 कमीशनखोरी की वजह से नहीं बंद हो रहा है प्राईवेट अस्पतालों में रेफरल का धंधा, रेलवे के राजस्व का लगा रहे हैं भारी भरकम चूना ।

👉  लगभग 20 वर्षों से एक ही जगह जमे डॉ0 शिव नायक और डॉ0 अविनाश का कब होगा तबादला, क्या इनपर रेलवे बोर्ड की ट्रांसफर नीति लागू बड़ा सवाल…

प्रयागराज / इलाहाबाद। रेलवे एनसीआर के टूंडला चिकित्सालय में विगत दिनों कौशांबी वॉइस ने प्रमुखता से खबर चलाई थी जिसका असर देखने को मिल रहा है । खबर का संज्ञान लेते हुए वर्षों से जमे वर्तमान में तैनात कार्यालय अधीक्षक का ट्रांसफर तो हो गया है लेकिन अभी तक उसे कार्य मुक्त नहीं किया गया है । क्योंकि इसमें प्रयागराज के कार्मिक विभाग के मिली भगत से यूनियन का दबाव पड़ रहा है ।

बता दे की रेलवे के यूनियन का पदाधिकारी होने के कारण मोटी लंबी वसूली करके यूनियन को चंदे के रूप में कार्यालय अधीक्षक भारी भरकम नजराना पेश करता चला आ रहा है। यही वजह है की विभागीय बंदरबांट कर रकम खाने पीने वाले इस मामले को नजर अंदाज कर रहे हैं और उसे बचाने का काम कर रहे हैं । इसमें कहीं ना कहीं सीनियर डीपीओ का भी संरक्षण इस कार्यालय अधीक्षक को प्राप्त है। इस समय चुनाव का माहौल देखते हुए चुनाव की प्रक्रिया बाधित न हो इसलिए इस कार्यालय अधीक्षक कैलाश चंद्र का स्थानांतरण करना अत्यंत आवश्यक है । लेकिन इस भ्रष्टाचार की कड़ी में डॉक्टर अविनाश अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का ऊपरी पकड़ मजबूत होने के कारण अभी कुछ भी असर नहीं दिखाई दे रहा है ।

बता दें कि प्राइवेट अस्पतालों के बनाए गए भारी भरकम बिलों को ना तो अभी तक कानपुर सीएमएस के यहां मंगवाया गया है और ना ही इलाहाबाद सीएमएस ने कोई कार्रवाई की है । इससे यह लगता है कि इन प्राइवेट अस्पतालों के द्वारा बनाए गए बिलों में भारी भरकम धांधली हो रही है और कमीशन बाजी की वजह से यह रेफरल का धंधा जोरों पर चल रहा है । रेलवे एनसीआर के चिकित्सालय से कई दर्जन प्राइवेट हॉस्पिटल अनुबंधित है इसके बाद भी अभी तमाम नए नए अस्पतालों का अनुबंध किया जा रहा है । इसमें उपर से लेकर नीचे तक अस्पतालों के अटैचमेंट में विशेष रुचि दिखाई जा रही है । प्रयागराज के रेलवे चिकित्सालय में डा0 शिव नायक और टूंडला मे डा0 अविनाश लगभग 20 वर्षों से जमे हुए हैं और प्रत्येक माह लाखों का वारा न्यारा अवैध वसूली से करते हैं। इस धंधे मे उच्च अधिकारी भी बंदरबांट करने वाले, कमीशन खाने वाले लोग इसे नजर अंदाज कर रहे हैं । इसी क्रम में लोकल परचेज कि प्रत्येक दिन की दवाइयां को देखा जाए तो भारी भरकम दवाइओ की खरीद लगातार जारी है । जिससे रेलवे के राजस्व को भारी भरकम करोड़ो का चूना हर माह लगाया जा रहा है । अब देखना यह है कि (kaushambi voice) की खबर का संज्ञान लेकर उच्च अधिकारी और रेलवे बोर्ड एवं रेल मंत्री इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं यह एक बड़ा सवाल है ।

अमरनाथ झा पत्रकार – 9415254415

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