Thu. May 9th, 2024

जिले में अवैध तरीके से चल रहे हैं मानक विहीन प्राइवेट अस्पताल और पाली क्लीनिक, नोडल अधिकारी और सीएमओ की शह पर हो रहे संचालित, कार्यवाही के नाम पर होती है खानापूर्ति

👉 कुकुरमुत्ते की तरह फैले डेंटल क्लीनिक की दुकान,ना डिग्री ना अनुभव फिर भी कर रहे दांत का इलाज ।

👉 सूत्रों की माने तो इन अवैध संचालकों से होती है कई लाख रुपए की होती है अवैध वसूली ,

कौशाम्बी । जिले में बिना डिग्री बिना अनुभव और बिना पंजीकरण के जगह जगह दांत के अस्पताल खुल गए हैं ,जिनकी जांच करने का समय भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास नहीं है । बता दे कि दांत के इलाज करने के लिए मूरतगंज कस्बे में शर्मा डेंटल क्लिनिक सहित पूरे कौशाम्बी जिले के विभिन्न कस्बो में जगह-जगह कुकुरमुत्ते की तरह डेंटल क्लीनिक की दुकान बिना पढ़े लिखे लोगों द्वारा खोली गई है ,जहां इलाज के नाम पर मरीज का जमकर शोषण किया जाता है । डेंटल क्लीनिक की खुली दुकानों में 80 प्रतिशत से अधिक क्लीनिक संचालकों के पास ना तो डिग्री है ना अनुभव है लेकिन उसके बाद भी दांत के मर्ज का इलाज कर लाखों रुपए महीने की अवैध कमाई करने में डेंटल क्लिनिक के कथित डॉक्टर मशगूल है ।

मूरतगंज स्थित शर्मा डेंटल क्लीनिक के अस्पताल में दांत के इलाज में मरीजों का मर्ज तो ठीक नहीं होता है बल्कि मरीजों की पीड़ा बढ़ जाती है लेकिन फिर भी हजारो रुपए मरीजों से वसूल लिया जाता है । प्रतिदिन चल रहे इस लूट के खेल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अनजान बनने की कोशिश कर रहे हैं जबकि जिले के मूरतगंज, हर्रायपुर भरवारी ,गुलामीपुर ,कड़ा ,देवीगंज ,सिराथू ,मनौरी, सराय अकिल चायल ,मंझनपुर ,पश्चिम शरीरा ,बैरमपुर सहित विभिन्न कस्बा में कई दर्जन डेंटल क्लीनिक की दुकान कुकुरमुत्ता की तरह खुली है । इनमे अधिकतर के पास स्वास्थ्य विभाग का पंजीकरण नहीं है ,दांत का इलाज करने वाले लोगों के पास डिग्रियां नहीं है । इतना ही नहीं इलाज करने वाले इन कथित दाँत के चिकित्सकों के पास अनुभव भी नहीं है लेकिन फिर भी डेन्टल क्लीनिक बेखौफ तरीके से संचालित हो रहे हैं, जिससे मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं ।

स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर सवाल उठता है कि अवैध तरीके से कैसे दाँत की दर्जनों क्लिनिक संचालित हो रही है । अवैध तरीके से संचालित डेंटल क्लिनिक की यदि जांच कराई गई तो 80 प्रतिशत से अधिक डेंटल क्लिनिक फर्जी मिलेंगी लेकिन उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डेंटल क्लीनिक की जांच करने को तैयार नहीं दिखाई पड़ रहे हैं ।

सूत्रों की माने तो अवैध तरीके से संचालित डेंटल क्लीनिक से स्वास्थ्य विभाग का एक अधिकारी मोटी रकम की वसूली कर रहे हैं । यह अधिकारी चार पहिया गाड़ी से दांत के डॉक्टर के अस्पताल तक वसूली करने पहुंच रहे हैं ,जिससे अवैध डेन्टल क्लीनिक पर कार्यवाही करते नहीं दिख रहे हैं । मामले को जिला अधिकारी ने संज्ञान लेकर डेंटल क्लीनिक की जांच कराई तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के कारनामों का जहाँ खुलासा होगा वहीं दर्जनों अवैध डेंटल क्लिनिक संचालक पर मुकदमा दर्ज होना तय है लेकिन उसके बाद भी कार्यवाही होती नहीं दिख रही है ।

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