आखिर कब लगेगा लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार पर लगाम ,करोड़ों का टेंपरिंग करके किया गया टेंडर मैनेज ,मीडिया में खबर आने के बाद भी नहीं हुए कैंसिल मैनज टेंडर, वर्षों से अंडर ट्रांसफर शुभेंदु नहीं हुए रिलीव, प्रीति पटेल का अटैचमेंट हुआ निरस्त
👉 छोटे अखबारों में विज्ञप्ति निकाल कर खरीद लेते हैं पूरा पेपर, जनता में नहीं होता है पीडब्ल्यूडी के ठेकों का पता, न्यूज़ वाणी फतेहपुर संस्करण में निकाले गए थे कौशांबी के 29 सड़कों का टेंडर, जबकि दो बड़े सरकुलेशन वाले अखबारों में सड़कों के टेंडर नोटिस निकालने का है प्रावधान ।
👉 कौशांबी में एक्सईएन और ए0ई ने मिलकर किया है टेंडर मैनेज का खेला, करोड़ों की हुई है डील, यदि जांच हुई तो कई अधिकारियों पर गिरेगी गाज ।
👉 पिछले सप्ताह अमरनाथ झा की खबर पर निरस्त हुए हैं दर्जनों टेंडर लेकिन मैनेज हुए टेंडरों को अधिकारियों ने नहीं किया निरस्त । आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए अधिकारियों ने टेंपरिंग करके खोला था टेंडर, खबर के बाद मचा हड़कंप ,किया गया कुछ टेंडरों को निरस्त ।
👉 प्रमुख सचिव एवं ईएनसी ने गठित की है जांच टीम, हाई पावर कमेटी बनाकर जांच करेगी टीम । डिप्टी सीएम के सपथ के बाद तीन करोड़ की रकम से जांच दबाने की हुई कोशिश, चर्चाओं का बाजार गर्म, अधिकारी देने लगे थे लोगों की धमकी ।
👉 अंडर ट्रांसफर ए0ई शुभेंदु सिंह नहीं हो रहे क्यों अभी तक रिलीव, प्रीति पटेल का अटैचमेंट हुआ निरस्त, फिर भी प्रयागराज नहीं छोड पा रही है प्रीति पटेल । जिलेे में एक्स्ट्रा आइटम केेे नाम पर हुुुई करोड़ों की लूट ,नहीं हुई जांंच ।
कौशांबी तथा प्रयागराज के लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है । यहां कौशााम्बी जिले में तैनात एई शुभेंदु सिंह, एम0एम मिश्रा सहित एक्सीयन हरबंस सिंह के भ्रष्टाचार चर्चा का विषय बना हुआ है । इस मामले की शिकायत कई बार उच्च अधिकारी एस0ई, ए0के द्विवेदी और चीफ इंजीनियर किशोर पाहुजा के साथ-साथ ईएनसी और प्रमुख सचिव तक की गई है लेकिन अधिकारियों ने अपनी ऊंची पहुंच और रिश्वतखोरी की रकम ऊपर पहुंचा कर आज तक ज्यों का त्यों भ्रष्टाचार करने के बाद भी बने हुए हैं, और शिकायत हुए मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है ।
बता दें कि पिछले सप्ताह कौशांबी वाइस में खबर छपने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था । अधिकारियों ने आचार संहिता के बीच में ही 9,10,11, 12 मार्च को मैनेज टेंडरों में टेंपरिंग करके टेंडर खोल दिया था ,जबकि इस कार्य में कंप्यूटर ऑपरेटर संदीप मिश्रा और अधिकारियों व ठेकेदारों का डोंगल लगाकर खोलने की शिकायत उच्च अधिकारियों को गई है । खबर छपने के बाद कुछ टेंडर को निरस्त कर दिए गए हैं लेकिन वही मैनेज किए गए लगभग दर्जनों टेंडरों को निरस्त नही किया गया है । इस मामले में आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए टेंडर खोलकर भ्रष्टाचार किया गया है ।
बता दे कि ये अधिकारी इतने शातिर हैं कि ठेकेदारों से मिलकर ऐसे अखबारों में टेंडर निकालते हैं जिनको लोग जानते नहीं हैं और ना ही उनका सरकुलेशन है । दिनांक 9 मार्च 2022 को शिकायत में बताया गया है कि न्यूज़ वाणी अखबार फतेहपुर संस्करण में 11 नवंबर 2021 को 23 और 6 टेंडर कुल 29 टेंडर निकाले गए हैं । यह अखबार कहीं भी जनता के बीच नहीं मिलेगा ,कारण यह है कि अखबारों में टेंडर निकलवा कर पूरा अखबार खरीद लिए जाते हैं जिससे लोगों को पता ना चल सके और टेंडर मनमानी रेट में मैंनेज करके खोले जाते हैं । इसी तरह न्यायाधीश ,न्यूज़ एक्टिविस्ट जैसे आदि अखबारों में टेंडर नोटिस निकाल कर खेल किया जाता है ।
बता दें कि इन टेंडरों में काम नहीं कराया गया और बांड बनाकर फर्जी तरीके से भुगतान कर दिया है । यह काम एक्सियन और ए0ई एम0एम मिश्रा तथा अन्य अधिकारियों की मिली जुली से खेल हुआ है ।
शासनादेश के मुताबिक व टेंडर नोटिस निकालने के मामले में अधीक्षण अभियंता हरिहर प्रसाद ने अक्टूबर 2010 को सूचना निदेशक को लिखा था कि दो प्रतिष्ठित पेपर में दो दिन के अंतर में कम से कम 2 बार कोई भी टेंडर अखबार में प्रकाशित करना जरूरी है लेकिन इस नियम का कोई भी पालन नहीं किया जाता है ।
बिना सडको पर काम कराए ही पैसा फर्जी रूप से निकाले गए हैं । इन छोटे अखबार में टेंडर की नोटिस निकलने की शिकायत मुख्यमंत्री से करते हुए लोगों ने जांच कराने की मांग की है । यह सभी टेंडर ऑफलाइन है जो 10 लाख के नीचे के टेंडर हुआ करते हैं । सबसे बड़ी बात तो यह है कि टेंडर जो खुला है वह आचार संहिता का उल्लंघन है । कंप्यूटर ऑपरेटर और एस0ई तथा चीफ की जानकारी में यह खेल किए गए हैं । शिकायत के बाद इस मामले में पी0के जैन चीफ इंजीनियर वर्ल्ड बैंक और एक एस0ई pmgsy पी0के दुुुबे की एक जांच कमेटी गठित की गई है । इस मामले में जांच कर कार्रवाई होना निश्चित बताई जा रही है । अधीक्षण अभियंता ए0के द्विवेदी प्रयागराज में अतिरिक्त चार्ज पर है, इनकी स्थाई नियुक्ति मिर्जापुर में है लेकिन भ्रष्टाचार के इस कारनामों में सारे लोगों की मिलीभगत है ।
सूत्रों की माने तो विभागीय अधिकारी टेंडर में ऑनलाइन सहमति की बात बता कर बचना चाहते हैं जबकि ऑनलाइन प्रहरी ऐप में सहमति का कोई मतलब नहीं होता है । इस मामले में प्रमुख सचिव ने दिनांक 17 जनवरी 2022 को आख्या मांगी है लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है ।
कौशांबी जनपद में तैनात प्रीति पटेल को प्रयागराज में अटैचमेंट किया गया था फिलहाल इसका अटैचमेंट रद्द हो गया लेकिन यह प्रयागराज नहीं छोड़ पा रही है क्योंकि भ्रष्टाचार में लिप्त प्रीति पटेल की अगर जांच कराई जाएगी तो चंद वर्षों में ही करोड़ों की संपत्ति काली कमाई करके बनाई है, जिसकी चर्चा विभाग में खुलेआम चल रही है । इसी प्रकार अंडर ट्रांसफर एई शुभेंदु सिंह रिलीविंग आर्डर अधिषासी अभियंता नहीं बना रहे हैं और चीफ ने रिलीव करने के लिए आदेश दे रखा है क्योंकि 10 वर्षों से शुभेंदु सिंह इलाहाबाद व कौशाम्बी मे ही रहे है । इसी प्रकार देखा जाए तो एक्सियन अजय गोयल cd 2 पीएमजीएसवाई प्रीति पटेल को आखिर क्यों नहीं अभी तक हटा रहे हैं यह भी मामला चर्चा का विषय बना हुआ है ।
सूत्रों की मानें तो अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने 23 टेंडर जिनमें टेंपरिंग की गई थी उसे निरस्त किया गया है लेकिन उस मामले में आठ टेंडर का ही जिक्र है । जो 21 मार्च 2022 को निरस्त हुआ था और बाकी टेंडर निरस्त क्यों नहीं हुए हैं यह एक बड़ा सवाल है । यदि मैनेज हुए टेंडरों में टेंपरिंग के मामले में देखा जाए तो कुछ टेंडर जो नहीं निरस्त हुए हैं उसमें हिमांचल का पुरवा, अर्का से धनपरा रोड, बसुहार लिंक रोड (सीसी रोड) और औधन से बरेठी व अन्य कई टेंडर है । यह सब टेन्डर आचार संहिता के बीच मे मैनेज करके टेंपरिंग करके खुला हुआ है । इन टेंडरो मे करोड़ों की डील हुई है तथा मैनज टेंडरों को निरस्त नहीं किया गया है ,यह भी एक बड़ा सवाल है ।
कौशांबी जिले में वर्षों से लोक निर्माण विभाग में एक जे0ई भी तैनात है जो करोड़ों की डामर बेंच चुका है और कई वर्षों से यही छुपे रुस्तम से टिका हुआ है । उसके कारनामों की आज तक जांच नहीं हुई है । यदि जांच कराई गई तो डामर चोर जे0ई सहित कई अधिकारियों पर कार्रवाई होना तय है ।
अमरनाथ झा – पत्रकार