कौशाम्बी मे कब रुकेगी अवैध प्लाटिंग, कृषि जमीन पर हो रही धड़ल्ले से रजिस्ट्री और प्लाटिंग-बन रहे मकान, विहित प्राधिकारी विनिमित क्षेत्र नहीं दे रहे ध्यान, अवैध प्लाटिंग करने वालों पर कब होगी कार्रवाई
👉 अवैध प्लाटरो से मकान या प्लाट लेकर मुसीबत में पड़ सकते है ग्राहक, कुछ दिनों में हो गए प्लॉटर करोड़पति
👉 कार्रवाई नहीं होने से फल फूल रहा अवैध प्लाटिंग का कारोबार, कब देंगे उच्च अधिकारी ध्यान
👉 कई दर्जन भूमाफिया बने हैं प्लॉटर ,नहीं है किसी का रजिस्ट्रेशन, मूकदर्शक बना जिला प्रशासन
👉 जनता की गाढ़ी कमाई का पेसा लूटने का दे रहे हैं छूट ,प्लाटिंग के नाम गरीबों से हो रही है लूट, जिला प्रशासन आखिर क्यों है मौन, कहीं बंदरबांट तो नहीं…
👉 12 जुलाई 2001 में घोषित हुआ है विनियमित क्षेत्र ,विहित प्राधिकारी/ डीएम की अध्यक्षता में हुई है एक बार बैठक ..
👉 नहीं है जिले में विनिमित क्षेत्र का कहीं कार्यालय, हवा हवाई में हो रहा है सब काम, कब देंगे डीएम साहब ध्यान..
कौशांबी । जिले के मंझनपुर , भरवारी ,मूरतगंज सिराथू में अवैध प्लाटिंग का कारोबार इन दिनों बेखौफ हो रहा है । शासन-प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर यहां कृषि की जमीन को आवासीय प्लाट के रूप में खरीद बिक्री हो रही है । यहां तो स्थिति यह है कि मुख्यालय के आस पास इलाकों में रोज कहीं ना कहीं खरीद-फरोख्त एग्रीमेंट हो रहा है। जिला मुख्यालय सहित आसपास के इलाकों में इन दिनों अवैध प्लाटिंग का कारोबार धडल्ले से हो रहा है । नगर पालिका परिषद मंझनपुर, व भरवारी सहित अन्य नगरीय निकाय क्षेत्रों में बड़े स्तर पर अवैध प्लाटिंग का खेल चल रहा है। यहां पर बिल्डर , प्लाटर रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के नियमों को दरकिनार कर प्लाट बेंंच रहे हैं । इसके चलते प्लाट खरीदने वाले लोग भविष्य में परेशानी में फंस सकते हैं । जिले में कोई भी प्लॉटर रजिस्टर नहीं है लेकिन कृषि लैंड की जमीनों को बेचकर करोड़ों में खेल रहे हैं । जिले के चारों तरफ प्लाटिंग का धंधा फल-फूल रहा है लेकिन अधिकारियों द्वारा इस मामले में ध्यान नहीं दिए जाने से इस समय सीधे-साधे लोग जो प्लाट खरीद रहे हैं आने वाले समय में उनके लिए परेशानी पैदा होना तय है ।
12 जुलाई 2001 को विनियमित क्षेत्र जिला के नगर पंचायत मंझनपुर घोषित हुआ है जिसमें हाईकोर्ट के कोर्ट ऑफ कंटम से बचने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी ने की अध्यक्षता में मात्र एक बैठक की गई है और जिला अस्पताल के आगे दुकाने बनाने का प्रस्ताव पास हुआ है । यदि देखा जाए तो 20 साल से ज्यादा जिला बनने का समय बीतने के बाद भी बिना नक्शा के प्लाटिंग हो रही है और मकान बन रहा है । इस मामले में नियत प्राधिकारी/ उप जिलाधिकारी सदर को ऐसे मामले में नोटिस देकर जुर्माना लगाने एवं मकान गिराने की कार्यवाही करने का अधिकार है । इस बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्य मंझनपुर और भरवारी नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष एवं पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता व जल निगम के अधिशासी अभियंता इस बोर्ड के सदस्य होने के बावजूद भी आज तक भी विनिमित प्राधिकारी क्षेत्र में नियुक्त होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है । एक जे0ई0 प्रतापगढ़ में पोस्टिंग है और वह कौशांबी अटैचमेंट है लेकिन वह कभी दिखता नहीं है, ना ही इसका कहीं कार्यालय दिखता है । सूत्रों की माने तो सिर्फ एक चपरासी ही कार्यरत है ऐसे में कैसे इस विभाग के अधिकारी काम करेंगे यह यह चिंताजनक है ।
बता दें कि इस मामले में कौशांबी वॉइस ने कई बार खबरों के माध्यम से कई बार मामले को उजागर किया है लेकिन जिले के आला अधिकारियों ने इस मामले में अभी तक ध्यान नहीं दिया है । प्रतिदिन देखा जाए तो रजिस्ट्री कार्यालय में धड़ल्ले से कृषि लैंड को किसानों के माध्यम से प्लाट के रूप में रजिस्ट्री कराई जा रही है और इस मामले में भी रजिस्ट्रार द्वारा उस कृषि लैंड की जमीनों को बिक्री करते समय विनमित प्राधिकारी के एनओसी की जांच भी नहीं करता है,जो आवश्यक है । अब देखना है कि कौशांबी वॉइस की खबर का संज्ञान लेकर जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करता है यह जांच का विषय है ।
अमरनाथ झा पत्रकार । मो0 – 8318977396