अधिकारियों की तानाशाही से जिले के पुलिसकर्मी परेशान, कभी भी हो सकती है व्यवस्था धड़ाम, कई-कई थाने की विवेचनाओं को लेकर टहल रहे हैं विवेचक, थाने से ट्रांसफर होने के बाद भी विवेचनाओं से नही मिल पा रहा छुटकारा
👉 मानसिक ,शारीरिक और आर्थिक रूप से विवेचक हो रहे हैं प्रताड़ित । आई0जी0 रेन्ज व एसपी कौशाम्बी के तानाशाही पूर्ण है एक्सपेरिमेंटल आदेश ।
👉 कौशांबी के उपनिरीक्षक व निरीक्षक सभी विवेचक दर-दर भटकने को है बेबस ।
👉 कई कई थानों की विवेचनाओं को लेकर भटक रहे हैं विवेचक, ट्रांसफर होने के बाद भी नहीं पीछा छोड़ रही विवेचनाएं ..
👉 आखिर कब ध्यान देंगे एसपी कौशांबी एवं आईजी रेंज, विवेचनाओं की इस व्यवस्था से परेशान है दरोगा व इंस्पेक्टर ।
जनपद कौशांबी में पिछले एक डेढ़ वर्ष पूर्व से ही पुलिस अधीक्षक अभिनंदन के समय से ही आई0जी0 रेंज प्रयागराज कवीन्द्र प्रताप सिंह के आदेशानुसार कौशांबी जनपद में विवेचनाओं को लेकर एक एक्सपेरिमेंट किया गया है । उस तानाशाही पूर्ण एक्सपेरिमेंटल आदेश के चलते जिले के सभी विवेचक दर-दर भटक रहे हैं । जिले के सभी विवेचको के पास चार से पांच थानों की विवेचना मौजूद है । नियुक्ति स्थल से स्थानांतरण के बाद भी उनके पास विवेचना मौजूद है, वह दूसरे अन्यत्र थाने पर उक्त थाने से 40 -50 किलोमीटर की दूरी पर अपने साथ विवेचना लेकर जाते हैं और वहीं से उसका निस्तारण करते हैं । इससे स्थिति यह उत्पन्न हो गई है कि जिले के हर विवेचक के पास एक से डेढ़ साल में चार से पांच थानों की विवेचना मौजूद है । जिनका निस्तारण करने में सभी विवेचको को शारीरिक मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है । चार से पांच थानों की विवेचनाओ को संपादित करने में विवेचक जो भागदौड़ करता है उसका किसी भी प्रकार का टी0ए0 , डी0ए0 भी उसे नहीं दिया जाता है । इससे विवेचक को आर्थिक तंगी भी झेलनी पड़ रही है, और अपने परिवार को पालने में भी समस्या उत्पन्न हो रही है ।
बता दें कि आई0जी0 रेंज प्रयागराज कवीन्द्र प्रताप सिंह का यह फरमान है कि कोई भी विवेचक अपने नियुक्ति स्थल से जब स्थानांतरण पर दूसरे थाने पर स्थानांतरित होगा तो पूर्व की विवेचनाओं को अपने साथ ले जाएगा और वहां से 40 – 50 किलोमीटर की दूरी पर दूसरे थाने से उस विवेचना को संपादित करेगा । इस बीच अगर उस विवेचक का ट्रांसफर यदि फिर किसी अन्यत्र थाने पर हो जाता है तो वह दोनों थानों की विवेचनाओं को अपने साथ लेकर जाएगा और इस प्रकार वह एक समय में तीन थानों या चार थानो की विवेचनाओं को संपादित करेगा । जिससे कौशांबी जनपद के हर विवेचक को मानसिक शारीरिक और आर्थिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है । इस प्रकरण का संज्ञान कई बार उच्च अधिकारीगणों को विवेचको द्वारा दिलाया गया परंतु उच्च अधिकारीगण अपने इस एक्सपेरिमेंट पर अपनी पीठ खुद ही थपथपा रहे हैं । जबकि जनपद कौशांबी के सभी उप निरीक्षक ,निरीक्षक विवेचनाओं की मार से मानसिक और शारीरिक रूप से पूर्ण रूप से टूट चुके हैं और कभी भी कौशांबी जनपद की कानून व्यवस्था धड़ाम हो सकती है।
यह भी बता दें कि कौशांबी में विगत 3-4 वर्ष पूर्व से ही ऑनलाइन मुकदमो के पर्चे काटे जा रहे हैं । मतलब यह कि जिस थाने का मुकदमा है उसका पर्चा उसी थाने के कंप्यूटर में काटा जा सकता है ,अन्यत्र किसी थाने के कंप्यूटर से उस मुकदमे का पर्चा नहीं काटा जा सकता है । इसलिए हर विवेचक को हर मुकदमे का पर्चा काटने के लिए उस थाने तक जाना पड़ता है जिस थाने का वह मुकदमा है । अब देखना है कि इस खबर का संज्ञान लेकर पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी क्या निर्णय लेते हैं यह जांच का विषय है ।
अमरनाथ झा – पत्रकार , mob…8318977396