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रेलवे में चुनार, सूबेदारगंज,टूण्डला के टावर वैगन ड्राइवरों के पदोन्नति एवं स्थानांतरण में लेनदेन का खेल, हुई है मोटी धन उगाही,आखिर टीआरडी विभाग के भ्रष्टाचार मे कब लगेगी नकेल

👉 वर्तमान में चुनार में आखिर क्यों पोस्ट किए गए तीन टावर वैगन ड्राइवर ।

👉 आखिर क्यों पहले किया गया चुनार से सोनभद्र को टावरवैगन ड्राइवर का ट्रांसफर एवं क्यों हटाकर 6 माह बाद टुण्डला से किया सोनभद्र

👉 यदि टूंडला वाले की  पहले लगी थी प्रियर्टी तो क्यों 6 माह पहले चुनार वाले का किया गया सोनभद्र ट्रांसफर 

👉 इस पूरे प्रकरण में डीआरएम और जीएम की हो रही है किरकिरी ,यह मामला बना चर्चा का विषय।

( विभाग में अधिकारियों के पास जो भी हायर की गई गाड़ियां लगी है अधिकतर प्राइवेट गाड़ियां है, जो कमर्शियल नहीं है और मानक को पूरा नहीं कर रही है लेकिन इस मामले में भी रेलवे के उच्च अधिकारी आंख मूंद कर बैठे हैं और मनमाना भुगतान कर रहे हैं जो आरटीओ विभाग के आंखों में धूल झोंक कर राजस्व का नुकसान कर रहे है )

प्रयागराज । रेलवे में प्रयागराज मंडल में टीआरडी के सीनियर-डी ने अपने द्वारा किए क्रियाकलाप से डीआरएम और जीएम की किरकिरी कराई है ,जो चर्चा का विषय बनी हुई है ।

बता दें कि टीआरडी विभाग में वर्ष 2017 से ट्रांसफर और पदोन्नति में इस तरह से नियमों को ताक पर रखकर खेल खेला जा रहा है जो जोरों से फलफूल रहा है ।  पैसे के लेनदेन में एक बाबू तहलका मचा रखा है और अधिकारी को गुमराह कर रहा है जिससे पूरे मंडल की किरकिरी हो रही है । इतना ही नहीं यह बाबू खुलेआम चैलेंज करता है कि मै 3 लाख देकर डी कैट्राइज हुआ हूं और टीआरडी में पोस्टिंग कराई है तो मैं क्यों ना खुलकर वसूली करूं । यह बात कर्मचारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है । वर्तमान में टावर वैगन ड्राइवर के पदोन्नति में लोगों से जमकर वसूली की गई है एवं डी-कैट्राइज बाबुओं की पोस्टिंग में भी जमकर वसूली की गई है , जिसका उदाहरण आज देखने को मिल रहा है । चुनार में तीन टावर वैगन ड्राइवर काम कर रहे हैं और किसी जगह पर एक ही काम कर रहा है और किसी जगह पर पोस्ट को खाली रखा गया है । यह केवल चुनार के एक ड्राइवर को फिट करने के लिए  षड्यंत्र रचा गया है । इसी प्रकार मिर्जापुर में एक ही कार्यालय में दो बाबू कार्यरत हैं और एक बाबू मौज काट रहा है  । जबकि पिन प्वाइंट कुछ और बयान कर रही है । यह सारा खेल सिर्फ उन लोगों को अर्जेस्ट करने के किया गया है जिनसे लंबी रकम की वसूली की गई है ।

इसी प्रकार इसी प्रकार एसएसई लोग खुलेआम मनमानी कर रहे हैं । इलाहाबाद मे हेल्परो को कार्यालय का काम एवं स्टोर का काम ,लेखा विभाग का काम भेजकर टी0ए कमवाते हैं जबकि यह काम बाबुओं का होता है । इतना ही नहीं एसएससी लोगों ने रेल के दो-दो क्वार्टरो को अपने कब्जे में कर रखा है जो नियमों का उल्लंघन है । ऐसे कई आवास जांच के दायरे में हैं जिनको नियमों को ताक पर रखकर कर्मचारियों को भी आवंटित किया गया है ।यदि जांच हुई तो इसका खुलासा होना तय है ।

इसी प्रकार इलाहाबाद के स्टोर में भी डीजल के आदान-प्रदान में वर्षों से गोरख धंधा चल रहा है । क्योंकि इसके पूर्व में सभी डिपो को डीजल यहां से आवंटित किया जाता था, लेकिन आज सभी डिपो में चेक भेज दी जाती है और पेट्रोल पंपों पर मनमानी तरीके से तेल भराया जाता है । उसका इस्तेमाल लेखा-जोखा सब घपले में रहता है ,क्योंकि 6 माह से टावर वैगन ड्राइवर के लागबुकों पर एसएससी का हस्ताक्षर नहीं हुआ है । यह मामला भी जांच का विषय है यदि रेलवे के उच्च अधिकारियों ने इस भ्रष्टाचार की जांच कराई तो कई लोगों पर गाज गिरना तय है ।

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