देश के नौजवानों को साथ धोखा कर रही है केंद्र सरकार, अग्नीपथ योजना के तहत सेना के जवानों पर है सरकार का निशाना, कारपोरेट कंपनियों के इशारे पर नाच रही सरकार, युवाओं का भविष्य हो रहा है चकनाचूर
👉 कारपोरेट के हाथों की कठपुतली बनकर युवाओं के सपनों को चकनाचूर करने की साजिश है अग्निपथ योजना – मनोज/सर्वजीत
👉 भारत सरकार की अग्नीपथ योजना देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़-आईआरईएफ ।
सरकार के किसान विरोधी, मजदूर विरोधी नीतियों का किया विरोध , इंडियन रेलवे इम्प्लॉइज फेडरेशन के अध्यक्ष/महासचिव ने व्यक्त किया आक्रोस ।
प्रयागराज । देश के पब्लिक क्षेत्र में 2019 से लेकर अब तक कोई भी सरकारी भर्ती ना कर देश के नौजवानों को प्राइवेट कंपनियों में गुलामी करने के लिए विवश किया जा रहा है। कारपोरेट के हाथों की कठपुतली बन कर देश के युवाओं के सपनों को चकनाचूर कर दिया गया है। अब उससे भी आगे जाते हुए भारत सरकार द्वारा देश की सुरक्षा को तांक पर रखकर भारतीय सेना के तीनों क्षेत्रों जल सेना, थल सेना तथा वायु सेना में युवाओं की संविदा पर 4 वर्ष के लिए भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को मंजूरी दी गई है जो देश की सुरक्षा व देश के युवाओं के साथ सीधे रूप में खिलवाड़ है।
संयुक्त प्रेस बयान जारी करते हुए इंडियन रेलवे इम्प्लॉइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का. मनोज पाण्डेय व महासचिव का. सर्वजीत सिंह ने संयुक्त रूप में कहा कि भारत सरकार द्वारा भारतीय सेना के तीनों क्षेत्रों जल सेना, थल सेना तथा वायु सेना में देश के नौजवानों को मात्र 4 साल पर संविदा पर रखा जाएगा। चार साल पूर्ण होने पर उनमें से 75 प्रतिशत नौजवानों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा, सेना में से हथियारों की सिखलाई लेकर देश के नौजवान किस रास्ते पर जाएंगे यह बहुत गंभीर मसला है, संविदा पर रखे नौजवान देश की सुरक्षा किस स्तर तक कर पाएंगे यह भी चिंतनमय विषय है।
नेता द्वय मनोज-सर्वजीत ने बताया कि 31 मई से पहले रेलवे बोर्ड ने रेलवे की खाली पड़े नॉन सेफ्टी कैटेगरी के 50 प्रतिशत पदों को समाप्त करने का फरमान जारी कर दिया था, जिसके तहत रेलवे में नौकरी करने के लिए लाखों नौजवानों के सपने चकनाचूर कर दिए है, 2019 के नोटिफिकेशन के तहत एक लाख से अधिक वैकेंसी भरने के लिए नोटिफिकेशन जारी की गई थी, जिस पर अभी तक रेलवे बोर्ड द्वारा एग्जाम नहीं लिया गया है, यह भारत सरकार के मंसूबों को अच्छी तरह दर्शाता है कि किस तरह कारपोरेट घरानों की कठपुतली बनकर देश के नौजवानों को कारपोरेशन के हवाले कर उनकी मेहनत की लूट करने की साजिश की गई है।
इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन के दोनो नेताओं ने कहा कि देश में बेरोजगारी 2017-18 में पिछले 45 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है, उसके बाद कोविड-19 ने देश की पूरी व्यवस्था को चौपट कर रख दिया है, फलस्वरुप देश बहुतरफ़ा संकट में बुरी तरह फंस गया है, जिस से निजात पाने के लिए देश के युवाओं को सम्मानजनक रोजगार देना सरकार की प्रमुखता में होना चाहिए परंतु सरकार दुनिया भर की कारपोरेशनाओं की सेवा में लगी है। सम्मानजनक रोजगार न मिलने व भविष्य में सम्मानजनक रोजगार की उम्मीद बिल्कुल ना होने से आक्रोशित देश के नौजवान हिंसक घटनाओं पर उतारू हो चुके हैं, जो ना ही उन नौजवानों व ना ही देश के हित में है। इसलिए भारत सरकार को चाहिए कि देश हित में कार्य करते हुए देश के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बंद किया जाए व देश को आगे ले जाते हुए नौजवानों के हाथों में उनकी योग्यता के अनुसार उन्हें रोजगार दिया जाए एवं अग्निपथ जैसी योजनाओं को सिरे से रद्द कर, देश में स्थाई रोजगार की व्यवस्था कर देश को खुशहाली व नई ऊंचाइयों पर ले कर जाए।
भारत सरकार की कर्मचारी विरोधी, किसान विरोधी, मजदूर विरोधी नीतियों का सदैव विरोध करने वाले इंडियन रेलवे इम्प्लॉइज फेडरेशन के अध्यक्ष/महासचिव कामरेड मनोज व सर्वजीत ने संयुक्त रूप से आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि फेडरेशन की ओर से अग्निपथ योजना सहित तमाम आमजन व नौजवान विरोधी नीतियों का पुरजोर विरोध करते है ।