Sat. May 11th, 2024

ट्रेनों मे भ्रष्टाचार का कब होगा अंत,प्रधानमंत्री एवं रेल मंत्री यात्रियों को नही दे पा रहे सुविधाएं, कानपुर मे जीएम ने किया था औचक निरीक्षण, 5 लोगो को किया सस्पेंड ,ए0सी कोचों मे जीआरपी एवं सिविल पुलिस का है आतंक

👉 जीआरपी पुलिस की ट्रेनों में स्कार्टिंग से फैल रही बड़ी अराजकता। खुलेआम अपने साथ सिविल पुलिस को भी ए0सी में कराते हैं सफर फ्री ,टीटीई बने हैं लाचार । ऑन ड्यूटी टीटीई रेल कर्मचारियों पर उतारते है पुलीस वालो का गुस्सा ।
👉 रेल अधिकारी अपने विभाग के टीटीई को नहीं करते हैं सपोर्ट , साइड पैंट्री के बहाने करते है अवैध वेंडिंग। आरपीएफ करती है अवैध वेंडिंग की धरपकड़, पैंट्री कार मैनेजर के साथ जीआरपी गांठती है रौब, धड़ल्ले से लेती है खाना और पानी ।
👉 संपर्क करने पर पैंट्री कार मैनेजर ने बताया अपना दर्द । दिल्ली से चलकर अपने गंतव्य तक पहुंचने वाली ट्रेन में पानी बोतल और खाना की होती है लूटपाट । साइड पैंट्री बनी यात्रियों के लिए मुसीबत ।
प्रयागराज । एनसीआर में बढ़ रहे भ्रष्टाचार एवं ए0सी यात्रियों का ट्रेनों में उत्पीड़न महंगा टिकट लेने के बाद भी लोगों की सुविधाएं नहीं मिल रही है । जीआरपी की  स्कार्टिंग से अराजकता बढ़ गई है और यात्रियों को पानी, खाना ,नाश्ता के नाम पर मनमानी तरह से रेट वसूली जारी है ।
बता दें कि खासकर प्रधानमंत्री इलाकों की जो भी गाड़ी में साइट पेंट्री होने के कारण यात्रियों के साथ लूटपाट जारी है। लोकल पानी की बोतल ₹20 में बेची जा रही है ,वही खाना और नाश्ता मनमाने रेट पर वसूली की जा रही है । इसी के साथ साथ अवैध वेंडर चलने वाले, पेठे वाले ,मट्ठे वाले ,यात्रियों से मनमानी पैसा वसूल रहे हैं । इन सब का संचालन जीआरपी की ट्रेन से स्कार्टिंग कराने के कारण हो रही है । एक ओर आरपीएफ पकड़ कर बंद करती है और कार्रवाई करती है तो दूसरी ओर जीआरपी इन अवैध वेंडरों को संरक्षण देती है ।  इसका मुख्य कारण सिविल पुलिस जो रोजाना 300 से 500 तक की तादाद में पुलिस वाले ए0सी में दावा ठोक कर जीआरपी के सहयोग से यात्रा करते हैं और टीटीई मूकदर्शक बनकर असहाय होकर तमाशा देखते हैं।  देखा जाए तो रेल कर्मचारियों के ऊपर टीटीई जीआरपी की भड़ास रेल कर्मचारियों पर निकालते हैं । इतना ही नहीं जिनके कंधों पर रेल चलती हैं उनको बेइज्जत करके भगाया जाता है और उनके सामने जीआरपी सिविल पुलिस को दावे के साथ ए0सी मे बैठाकर फ्री यात्रा कराते हैं । रेल प्रशासन एवं उच्च अधिकारी अपने विभाग को कोई सहयोग करने को तैयार नहीं है और ऐसे में टीटीई लोग आपने को लावारिस समझते है एवम ऐसे में टीटी लोग भगवान के भरोसे में नौकरी कर रहे हैं ।
अभी हाल ही में जी0एम प्रमोद कुमार ने कानपूर सेन्ट्रल पर औचक निरक्षण करने उतरे और भेष बदलकर एक स्टॉल पर जाकर पानी की बोतल मांगी ,तो स्टॉल वाले ने 15 रु0 की बोतल 20 रु0 में जीएम को दिया । इस पर उन्होंने तुरंत कार्रवाई कर 5 लोगों को सस्पेंड कर दिया है, जो उत्तर मध्य रेलवे जोन के लिए एक मिसाल बनी लेकिन अभी भी गाड़ियों में इस तरह की लूटपाट जारी है । बता दें कि सस्पेंड कर्मचारियों को चार्ज वापस नहीं लिया गया है,वे लोग आकर ड्यूटी पर बैठते हैं और सारा कार्य करते हैं इसके पीछे कौन संरक्षण दे रहा है यह जांच का विषय है ।
संपर्क करने पर पैंट्री कार के मैनेजरों ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि दिल्ली से लेकर अपने गंतव्य मार्ग तक जो गाड़ी चलती है उसमें 100 पेटी पानी लेकर मैनेजर चलते हैं तो 20 पेटी पानी पूरा जीआरपी- आरपीएफ और अन्य लोग फ्री में पी जाते हैं । इसका खामियाजा मुझे अपने मालिक को भरपाई करना पड़ता है इसलिए इस मुफ्त के पानी पीने वालों पर जीएम को कार्रवाई करने की आवश्यकता है । देखा जाए तो आजकल प्रयागराज कानपुर टूंडला बड़े स्टेशनों पर अनाउंस किया जाता है कि पानी की बोतल व अन्य सामान कोई अधिक पैसा मांगता है तो उसकी सूचना दें । यह सूचना बड़े स्टेशनों तक ही सीमित है जबकि ट्रेनों के अंदर जीआरपी वालों एवं आरपीएफ वालों को यह जिम्मेदारी माइक के जरिए लोगों को आगाह करने की जरूरत है और उनको यह जिम्मेदारी सौंपी जाए। बड़े स्टेशनों के स्टॉल पर जनता खाना ₹15 में उपलब्ध रहता था आजकल उस खाने को गायब कर दिया गया और उसके स्थान पर महंगे महंगे खाने प्राइवेट जगहों से सप्लाई हो रही है । ऐसे में यात्री को कोई गारंटी नहीं है कि क्या खिलाया जा रहा है, अगर कोई जहर खुरानी जैसी घटना घटित होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा यह जांच का विषय है ।
बता दें कि मंडल रेल प्रबंधक को चाहिए कि सीनियर डीसीएम को आदेश देकर गाड़ियों में छापामारी कराए ताकि जो दैनिक पुलिस वाले अपना हेड क्वार्टर छोड़कर यात्रा करते हैं उनके विभाग के कप्तानों को उचित कार्रवाई सुनिश्चित कराए जाए । जिससे ए0सी में चलने वाले यात्रियों को यात्रा करने में आसानी हो और उनका उत्पीड़न समाप्त हो सके । देखा जाए तो इन पुलिस वालों का कहर मिर्जापुर से लेकर अलीगढ़ तक और लखनऊ से लेकर आगरा तक रोजाना गाड़ियों में तमाशा होता है । रेलवे पर हो रही इन रूटों पर मजिस्ट्रेट जांच कराकर इनके पुलिस अधिकारियों को सूचित कर कार्रवाई करना आवश्यक है । अब देखना यह है कि कौशांबी वॉइस का खबर की संज्ञान लेकर उच्च अधिकारी इन सब भ्रष्टाचार पर रोक लगाते हैं या फिर सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा यह जांच का विषय है ।
अमरनाथ झा पत्रकार ,     मो0  – 8318977396

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