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अवसाद के अंधेरे में भटकते युवा, आत्महत्या नहीं- इंक़लाब चुनों, दिशा छात्र संगठन के लोगों ने किया कार्यक्रम

प्रयागराज, 5 अप्रैल। दिशा छात्र संगठन की ओर से साप्ताहिक कार्यक्रम ‘युवाओं के तराने’ हिन्दी विभाग के सामने के तहत सफ़दर हाशमी द्वारा लिखित और बेरोज़गारी की समस्या पर केन्द्रीत नुक्कड़ नाटक ‘राजा का बाजा’ की प्रस्तुति गई।

दिशा छात्र संगठन के अविनाश ने बताया कि आज पूरे देश में रोजगार का संकट हर दिन गहराता जा रहा है। छात्रों युवाओं की एक बहुत बड़ी आबादी अवसाद का शिकार है और आत्महत्या जैसे कदम उठा रही है। कल ही इलाहाबाद में अलग-अलग जगहों पर पांच छात्रों ने आत्महत्या की है।

एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट मुताबिक अकेले 2020 में 15 से 40 साल के एक लाख से ज्यादा युवाओं ने आत्महत्या की। एक तरफ सरकार उदारीकरण निजीकरण की नीतियों के तहत लगातार तमाम सरकारी विभागों को निजी हाथों में सौंप रही है जिससे सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर लगातार घटते जा रहे हैं। दूसरी ओर निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर घट रहे हैं। भविष्य की असुरक्षा युवाओं को भीतर ही भीतर खाये जा रही है। उम्मीदों और सपनों से भरी उम्र में इस देश के नौजवान नाउम्मीदी, चुप्पी, अकेलेपन और मौत का दामन थाम रहें हैं। अवसाद एक महामारी की तरह लंबे समय दुनिया को अपनी चपेट में लिए हुए है। और यह स्थिति दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि पूरे देश भर में छात्र-युवा आत्महत्या नहीं, बल्कि शिक्षा और रोजगार के सवाल पर एक बड़ी लड़ाई संगठित करें।

दिशा छात्र संगठन की शिवा ने ‘सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेन्स टेस्ट’ यानी सीयूसीईटी पर विस्तार से बात रखी और इसको गरीब छात्र विरोधी बताया।
नाटक में अविनाश, नीशू, अंबरीश, अंशुरीश,‌ धर्मराज, और अमित ने भागीदारी की और दिशा की टीम ने क्रान्तिकारी गीतों की प्रस्तुति की। कार्यक्रम का संचालन नीशू ने किया। पूरे कार्यक्रम के दौरान सौम्या,चंद्रप्रकाश, शुभम, सुरेश, रवि, रजनीश, देवांश, सुजीत, अनुभव, अनिल, अभिषेक, दिव्यांश,आनंद समेत सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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