कौशांबी में ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल, जाते-जाते पूर्व कप्तान बृजेश श्रीवास्तव ने रच डाला ‘सेटिंग’ का बड़ा जाल
👉 ट्रांसफर-पोस्टिंग में धांधली – यह दर्शाता है कि अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों में नियमों की अनदेखी कर ‘सेटिंग’ के आधार पर नियुक्तियाँ की गईं।
👉 पूर्व कप्तान की भूमिका – पूर्व पुलिस कप्तान (SP) पर आरोप है कि उन्होंने स्थानांतरण से पहले अपने पसंदीदा अधिकारियों की तैनाती तय कर दी, ताकि उनके जाने के बाद भी उनकी ‘सिस्टम’ पर पकड़ बनी रहे।
👉 ‘सेटिंग’ का जाल – इसमें यह इशारा है कि कुछ अधिकारियों को खास पदों पर इसीलिए लगाया गया ताकि वे किसी खास मकसद या हित साधने में मदद करें।
कौशांबी । जिले में हाल ही में तैनात हुए नए पुलिस अधीक्षक (एसपी) के आगमन से ठीक पहले, पूर्व कप्तान बृजेश श्रीवास्तव द्वारा किए गए ट्रांसफर-पोस्टिंग अब विवाद का विषय बन चुके हैं। सूत्रों की मानें तो जाते-जाते एसपी ने बिना किसी स्पष्ट नीति और नियमों के तहत कई सिपाहियों, दरोगाओं को अपनी पसंद की जगहों पर तैनात कर डाला। इन आदेशों में कई फेवर पोस्टिंग और पुराने स्टोनो को बैक डेट में ट्रांसफर कराने जैसी कार्रवाइयाँ शामिल हैं, जिसने विभागीय नियमों की धज्जियाँ उड़ा दीं।
खास बात यह है कि यह ट्रांसफर ऐसे समय में किए गए जब जिले में नए एसपी की नियुक्ति लगभग तय हो चुकी थी। चर्चा है कि यह पूरी कवायद पूर्व कप्तान ने अपने पसंदीदा कर्मचारियों को बचाने और भविष्य की जांच से दूर रखने के लिए की। पुलिस महकमे में चर्चा है कि स्टोनो नितिन यादव को लखनऊ ट्रांसफर करा कर एक अन्य सिपाही को उसी पद पर तैनात किया गया, ताकि शक की सुई न घूमे।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि पूर्व एसपी को डीजीपी स्तर से एक साधु का ‘आशीर्वाद’ प्राप्त था, जिसके चलते वे लंबे समय तक जिले में टिके रहे और भाजपा नेताओं की नाराजगी के बावजूद प्रशासनिक कार्रवाई से बचे रहे। यही कारण है कि भाजपा के कई जनप्रतिनिधि भी उनके कार्यकाल में प्रभावहीन नज़र आए।
खबर ये भी है कि कप्तान के कार्यकाल में 4 माह में 1000 से अधिक अपराध दर्ज हुए, जिसमें चोरी, हत्या, लूट और बलात्कार जैसे संगीन मामले शामिल हैं। इसके बावजूद पुलिस का ध्यान अपराध नियंत्रण के बजाय ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अधिक रहा।
अब जिले के भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और नए एसपी से मुलाकात कर दस्तावेज़ सौंपने की तैयारी कर रहे हैं। एक पुराने महिला प्रकरण को लेकर भी नया विवाद जन्म ले सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जल्द ही मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर ऐसे थानेदारों की सूची सौंपी जाएगी जो पूर्व एसपी के चहेते रहे और वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हैं।
महकमे में इस खेल को लेकर असंतोष है, लेकिन अधिकारी चुप हैं। यदि निष्पक्ष जांच हो तो ट्रांसफर, पोस्टिंग और वित्तीय सेटिंग के कई बड़े राज उजागर हो सकते हैं।
अमरनाथ झा पत्रकार – 8318977396