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पशु तस्कर रिजवान रासिद को बचाने मे लगी पुलिस,विवेचक ने किया लम्बा खेल, थाना फुलपुर और सरायममरेज में दर्ज है मुकदमा

सूत्रों के हवाले से पशु तस्करी पर बड़ी खबर…….

👉 पुलिस ने किया पशु तस्कर को बचाने का खेल , विवेचक मनोज यादव का कारनामा, तस्कर को बचाने में क्या हुई लम्बी डील, जांच का विषय। फूलपुर और सराय ममरेज थाने में दर्ज है मुकदमा 

👉 इस मामले में विवेचक मनोज यादव की भी होनी चाहिए जांच , उसने पशु तस्कर को बचाने में किया है लम्बा खेल ,कोर्ट को भी किया गुमराह ।

👉 आखिर कैसे छूट गई थाने से पकड़ी गई पशुओं से लदी अवैध मानक विहीन ट्रक, क्या पुलिस ने किया यहां भी लम्बा खेल, जांच का है विषय, क्योंकि पशु परिवहन के लिए आलग प्रकार के होते हैं वाहन ।

👉 थाना सराय ममरेज मे भी दर्ज है अ0स0 78/2023 , 79/2023 ,80/2023 का मुकदमा ,इसके अलावा भी है रिजवान पर कई मुकदमे

👉 धारा 379 , में पहले दर्ज किया गया था मुकदमा ,बाद में धारा 420 ,411 , आदि बढ़ाई गई है धाराएं ..

प्रयागराज । जिले के फूलपुर थाना में क्राइम नंबर 112 / 2023 में पशु तस्कर रिजवान राशिद पुत्र इंतखाब अहमद निवासी गुलाब बाड़ी थाना खुल्दाबाद का नाम रिपोर्ट में दर्ज है ।जिसमें पकड़े गए अभियुक्त ने इस बात की कबूलदारी की है कि वे लोग चोरी की भैंसे सहित अन्य भैंसों को ट्रक में 15 जानवर लादकर ले जा रहे थे जिनको फूलपुर पुलिस ने पकड़ा था । उन पकड़े गए अभियुक्त में दो लोगों को पुलिस ने जेल भेजा था बाकी लोग फरार हो गए थे । जिसमें रिजवान रशीद का नाम सामने आया था जो इस गैंग का सरगना है । इसका पूरा रिकॉर्ड पशु तस्करी करने का है जिसे पुलिस ने जब्त कर जीडी में दर्ज किया है ।

बता दे कि इस मामले में पुलिस ने दस्तावेज साक्ष्य रिजवान रासिद से संबंधित जब्त किया था और अपनी जीडी में जीडी संख्या 50 में दिनांक 29 मार्च 2023 को इस मामले को पूरा दर्ज किया था । जबकि रिजवान रासिद निवासी गुलाब बाड़ी मुख्य आरोपी था और इसके अलावा थाना सराय ममरेज में भी इसके खिलाफ चोरी के जानवरो की बरामदगी के मुकदमा दर्ज हैं । वहां भी विवेचक ने रिजवान रशीद का नाम उल्लेखित किया है और उसके तलाश में कई बार दबिस देने की बात रिर्पोट में दर्ज की है । वहा की विवेचना अंबिका यादव थाना सराय ममरेज की भी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि रिजवान राशिद पुत्र इंतखाब निवासी गुलाब बाड़ी थाना खुल्दाबाद ही धानूपुर ब्लाक के पशु चिकित्सक शारदा सिंह से फर्जी सर्टिफिकेट बनवा कर खुलेआम पशुओं की तस्करी करता है ।

अब इस मामले में पशु डॉक्टर और इस रैकेट में शामिल सभी लोगों की जांच होना अति आवश्यक है । इस रैकेट में ट्रांसपोर्ट नगर के एक न्यू नागपुर दिल्ली रोड लाइंस ट्रांसपोर्ट वाला भी शामिल है जो अपनी गाड़ियों में पशुओं को अवैध तरीके से भरकर उन्नाव सलाटर हाउस भेजता है । इसके साथ ही पप्पू नामक नारीबारी निवासी व्यक्ति भी इस गैंग का साथी है । जो यह सभी लोग मिलकर इस कारोबार को कई वर्षों से लगातार कर रहे हैं और क्षेत्र में जितने भी पशु चोरी होते हैं उनमें इनका हाथ होता है । यह दिन में रेकी कराकर रात में पशुओं को चोरी करवाते हैं और रात में उन पशुओं को इन्हीं के साथ लदवाकर सलाटर हाउस भेज देते हैं । इस मामले में कुछ सफेद पोस और अन्य लोग भी सामिल है जो इन्हें बचाने का काम करते हैं। सातिर पशु तस्कर रिजवान राशिद ने पुलिस को तो गुमराह किया ही है वही कोर्ट को भी गुमराह करके अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है । अब देखना है कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है ,यह एक बड़ा सवाल है ।

यदि पुलिस फूलपुर थाने मे दर्ज रिकार्ड जैसे की पुलिस अपनी जीडी में जीडी नंबर 50 और उसके पन्नों को पलट कर जांच करेगी तो रिजवान रशीद का तमाम रिकॉर्ड दस्तावेजों मौजूद है । पुलिस ने जो दस्तावेज रिजवान रशीद के जप्त किए थे उन सभी दस्तावेजों को पुलिस ने जीडी में अंकित किया है ,उसके बावजूद भी सूत्रों की माने तो विवेचक कई लाख की रकम इस मामले में डील करी है। विवेचक मनोज यादव ने कही न कही मामले में हेर फेर कर मुलजिमों को बचाने के काम किया है । कहीं ना कहीं इस पशु तस्कर गैंग को संरक्षण देने में विवेचक पुलिस का भी बड़ा हाथ है जो जांच का विषय है । पुलिस रिजवान रशीद निवासी गुलाब बाड़ी को बचाने के लिए रिजवान रिजवान उर्फ राशिद पुत्र यूनुस निवासी मियां का पूरा को सामने करके मुख्य अभियुक्त जो कुख्यात तस्कर रिजवान राशिद पुत्र इंतखाब निवासी गुलाब बाड़ी को बचाने का काम कर रहे हैं ।

इस मामले में जब थाना प्रभारी फूलपुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि क्राइम नंबर 112 /2023 मामला दर्ज है लेकिन उसमें रिजवान उर्फ राशिद पुत्र यूनुस निवासी मियां का पूरा का नाम दर्ज है । रिजवान रशीद पुत्र इंतखाब का नाम नहीं दर्ज है अब तो यह जांच का विषय है, क्योंकि रिजवान दो अलग-अलग व्यक्ति हैं दोनों के पिता का नाम अलग है और दोनों का पता भी अलग है फिर भी पुलिस और विवेचक कैसे गुमराह हो रहे है यह एक बहुत बड़ा सवाल है ।

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