Sat. Sep 21st, 2024

फिर पुलिस ने दिखाया मुडभेड़ ,4 दिन पहले भी दिखाया गया है मुडभेड , कई बार मुडभेड़ पर उठ चुके हैं सवाल ,जिले मे बढ़े अपराध, पुलिस रोक लगाने मे नाकाम

👉 पुलिस द्वारा किए गए मुडभेड़ो पर अब उठ रहे हैं सवाल , जितने भी जिले में हुए है मुडभेड उनमें दलित और अल्पसंख्यक है सामिल ।

👉 यदि इन मुडभेड़ो की हुई उच्च स्तरीय जांच तो कई लोगो पर दर्ज होगा 307 का मुकदमा और अधिकारी भी जायेंगे जेल ।

👉 पहले भी कई बार एसओजी पर घर से उठाकर ले जाने के बाद मुडभेड दिखाने का लग चुका है आरोप ।

👉 अब इन मुडभेड की घटनाओं पर उठने लगे हैं सवाल ,कभी भी उठ सकता है सदन में मामला ।

👉 यदि हुई उच्च स्तरीय जांच तो मुडभेड करने वालो पर कसेगा शिकंजा , जायेंगे कई लोग जेल …

👉 मुडभेड़ करने वाला निसानेबाज कौन ,सबकी टांग में ही मरता है गोली ,कही घटनाओं का रिकार्ड बनाकर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन की मंशा से तो नहीं हो रहा मुडभेड़,बड़ा सवाल

कौशाम्बी। जिले में कुछ दिन पहले स्टाम्प बिक्रेता से लूट मामले में पुलिस ने एक और आरोपी के साथ मुठभेड़ में घायल दिखाया है। बताया जाता है कि फैयाज और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई है । पुलिस की फायरिंग से बताया जाता है कि फैयाज के पैर में गोली लगी है  । मंझनपुर इलाके के दीवर कोतारी गांव के पास में मुठभेड़ बताया गया है । पुलिस ने घायल फयाज को इलाज के लिए मेडिकल कालेज मंझनपुर में भर्ती कराया है । इससे पहले भी तीन लुटरे गिरफ्तार हो चुके है  , उनमें एक समीर को SOG द्वारा हुए मुठभेड़ में घायल दिखाया गया है जिसका इलाज जिला अस्पताल मे ही चल रहा है। समीर की माँ ने SOG टीम के कार्यवाही पर बड़ा सवाल खड़ा किये थे और अल्पसंख्यक आयोग से पत्र भेजकर जांच कराने की मांग की है ।

बता दे की कौशांबी जनपद में अब तक दर्जनोंसे ज्यादा मुठभेड़ हो चुके हैं और पहले भी इन मुठभेड़ को लेकर सवाल उठते रहे हैं। जिले में हुई मुठभेड़ में अधिकतर अनुसूचित जाति के लोग और अल्पसंख्यक समाज के लोग ज्यादा शामिल हैं । जिले में एसओजी टीम के द्वारा जो भी मुठभेड़ दिखाएं गए हैं, हमेशा सवालों के घेरे में रहे हैं । इस डिपार्मेंट मैं आखिर वह कौन निसानेबाज है जो अपराधी के टांग में ही गोली मारकर घायल कर देता है और कितनी दूर से निशाना लगता है यह एक बड़ा सवाल है जो कही न कही जांच का भी विषय है । जिले में जिस तरह से अपराधों का ग्राफ बढ़ा है उस पर पुलिस अंकुश लगाने में फेल साबित हो रही है ।

एसओजी प्रभारी सिद्धार्थ सिंह द्वारा अंधाधुंध जिले में अनुसूचितजाति और अल्पसंख्या वर्ग के लोगों को जिस तरह से मुडभेड़ दिखा कर काम कर रही है यह कहीं आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन लेने के लिए तो नहीं रिकॉर्ड बनाया जा रहा है, यह एक बड़ा सवाल है और इन सब मामलो पर जांच का विषय है । जिले में जिस तरह से मुठभेड़ दिखाएं गए हैं उन पर यदि उच्च स्तरीय जांच हुई और यह मामला सदन में उठा तो आने वाले समय में कई लोगों पर मुकदमे दर्ज होंगे और जेल भी जाना तय है ।

अमरनाथ झा पत्रकार

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