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पीएम का भी सपना हो रहा चूर चूर, बंदे भारत जैसी महत्वपूर्ण ट्रेन की वर्किंग पर उठ रहे सवाल , अधिकारी है मस्त और सिस्टम है पस्त

👉 यशस्वी प्रधानमन्त्री का सपना चकनाचूर , बनारश और अयोध्या के लिए चलाई गई बंदेभारत ट्रैन।

👉 खाने की आपूर्ति में हो रहा बड़ा खेल,घटिया क्वालिटी का दिया जा रहा खाना और नाश्ता, रेलवे सिस्टम को कोश रहे हैं यात्री ।

👉 यात्री रेलवे सिस्टम को दे रहे है दोहाई, आखिर कौन है इसका जिम्मेदार ,मामला जांच का है विषय।

प्रयागराज। प्रधानमंत्री ने बनारस एवं अयोध्या के दर्शनार्थियों के लिए जो खासकर नई ट्रेन वंदे भारत चलाई है जिससे लोगों को सुविधा मिल सके । बता दें कि कोहरे के कारण जिस प्रकार से ट्रेन विलम्ब हो रही है और उसमें आईआरसीटीसी के माध्यम से नाश्ते एवं खाने की सप्लाई यात्रियों को परोसी जा रही है यदि उसकी गुणवत्ता की जांच कराई जाए तो ऐसा लगता कि एक मामूली चलती फिरती दुकान की सप्लाई से सप्लाई प्राप्त की जा रही है।

इस बात को लेकर यात्रियों में काफी आक्रोश है की भारी भरकम टिकट के साथ खाने का जो चार्ज वसूला जा रहा है उसके अनुसार खाना न होकर मात्र 50 रुपए के खाने के बराबर है । इस खाने से लोगों का स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है क्योंकि बासी और घटिया खाने को गर्म करके यात्रियों को परोसा जा रहा है । प्रधानमंत्री के सपनों को ट्रेन के पेंट्रीकार द्वारा चकनाचूर किया जा रहा है, जिससे रेलवे की छवि खराब हो रही है और अधिकारी वा आईआरसीटीसी के साथ लम्बा खेल चल रहा है जो जांच का विषय है ।

इतना ही नहीं बता दें कि इन सब के साथ-साथ यह भी देखा जा रहा है कि रेलवे के नियमानुसार एक सीमित समय तक गाड़ी के विलंब हो जाने के बाद पुनः नाश्ता और खाना देने का प्रावधान है लेकिन पैंट्रीकार से जो आईआरसीटीसी से अनुबंध है इसमें भी बेईमानी का खेल चल रहा है । यात्रियों को उन सुविधाओं से वंचित करके यह पैसा आखिर किसकी जेब में जा रहा है जिससे लोगो मे गलत संदेश जा रहा है और वेंडर लोग सोया करते है जिसकी जांच कोई सीएमआई आदि नही करते हैं।

बता दें की ट्रेन के अंदर खाने की सप्लाई में जो पूड़ी और सब्जी, लड्डू यात्रियों को परोसा जा रहा है । वह ऐसा प्रतीत होता है की स्टेशन के इर्द-गिर्द किसी अपने चाहतों को आर्डर देकर आनन फानन में सप्लाई ली जा रही है और उसी को ट्रेन में सप्लाई की जा रही है । इसका बुरा प्रभाव यात्रियों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, जिससे बंदे भारत ट्रेन की और साथ ही प्रधानमन्त्री के भी छवि खराब हो रहीं हैं । यही वजह है की यात्री लोग रेलवे के अधिकारियो और रेलवे के लुटेरे सिस्टम को कोश रहे हैं। इसी प्रकार अन्य महत्वपूर्ण और प्रीमियम गाड़ियों में भी यही हाल है ।

दीनदयाल उपाध्याय / मुगलसराय से लेकर अलीगढ़ तक पैंटीकार में पुलिस वालों का कब्जा पूर्ण रूप से बना रहता है । यात्री अपने सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए पैंट्रीकार का चक्कर लगाते हैं, जिसमें यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जबकी ट्रेन में आरपीएफ की स्क्वाटिंग चलती है और और टीटी के पास शिकायत पुस्तिका भी होती है लेकिन यह लोग मूकदर्शक बनकर अपने को बचाने का कार्य करते हैं और उन पुलिस वालों पर कार्रवाई करने में हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं ।

यह लोग अपने उच्च अधिकारियों का सहयोग न मिलने का रोना रोया करते हैं, जबकि एसीएम वा सीनियर डीसीएम को गाड़ी को चेक कराने का पूर्ण अधिकार नियमानुसार प्राप्त हैं। यही वजह है की पैंटीकार का मैनेजर भी अवैध यात्रियों को पैंटीकार में बैठ कर यात्रा करता है । इन सब दुर्व्यवस्था से यात्रियों को ही परेशानी झेलनी पड़ती है और रेलवे प्रशासन की कि छवी खराब हो रही है ।

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