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तहसील सदर में चल रहा मनमानी कार्य, गांव सैकड़ों वर्ष पुराने बने नवीन परती पर मकान मालिकों को थमाया नोटिस, ऐसे मामलो में अभियान चलाकर आबादी घोषित करने का है जी0ओ

सदर तहसील मंझनपुर में चल रहा है मनमाना कार्य

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👉 भैला गांव मे पत्रकार अमरनाथ झा सहित 11 लोगो को भेजा गया मकान का आरसी प्रपत्र 20 का नोटिस ।

👉 क्या नोटिस होगी वापस या फिर नवीन परती में बने सैकड़ो वर्ष पुराने मकान वाली जमीन को घोषित किया जाएगा आबादी,बड़ा सवाल…

👉 अभियान चलाकर ऐसे मामलो में जहां लोग बसे है , उन जमीन को आबादी घोषित करने का है प्रावधान ,आखिर ऐसे मामलो मे कब सुरु होगा अभियान

कौशाम्बी। इन दिनो मंझनपुर तहसील में कर्मियों से मनमानी तरीके से काम लिया जा रहा है । भगौती प्रसाद निवासी कादीपुर का है जो एसडीएम का परमानेंट अर्दली है । भगवती प्रसाद जो सिराथू नगर पंचायत में आउट सोर्सिंग कर्मी है उसे एसडीएम सदर के पास रखा गया है । एसडीएम द्वारा उसी से सारा काम कराया जा रहा है जो चर्चा का विषय बना है । वहीं जो परमानेंट अर्दली है उससे कराया जा रहा है डाक रिसीब करने का काम और आउट सोर्सिंग वाले से सभी काम कराया जा रहा है  । इसी तरह अमीन को आरसी का चार्ज दिया गया है , समाधान दिवस, आईजीआरएस, ईडब्ल्यूएस आदि का चार्ज दिया गया है । यह 15 साल से है तहसील सदर में तैनात है ।

वही लेकपालो के ट्रांसफर में भी मनमानी हुई है , कुछ लेखपालो को उनके होम ब्लाक में नही रखने का है जी0ओ है लेकिन नियम कानून को ताक पर रख कर कई लेखपाल को सदर तहसील में उनके ब्लाक मे तैनात किया गया है । इसी तरह एटैचमेंट में लगे लेखपाल आनन्द केसरवानी को भी दिया गया है अतिरिक्त गांव का चार्ज । वसूली करने की नियत से भैला मकदूमपुर गांव मे लेखपाल आनंद ने पत्रकार अमरनाथ झा सहित 11 लोगो को आरसी प्रपत्र 20 के तहत नोटिस दिलाया है इसके पीछे इनकी वसूली करने की मंशा है । आराजी न0 618 रकवा 31 बिसुवा जो नवीन परती है और इसमें सैकड़ो वर्ष से पुराने अनुसूचित जाति,एससी/ओबीसी के मकान बने हैं। इसमें बने मकान मालिको को किसी को डेढ़ लाख तो किसी को पौने चार लाख से ज्यादा का नोटिस दिया गया है  । लेकिन बेलगाम नौकरशाही को कब होश आएगा की गौरमेंट का आदेश है की 20 साल से अधिक वर्ष से जो गांव में लोग मकान बना कर रह रहे है ऐसे लोगो के बने मकान की जमीन जो परती, ऊसर, बंजर जमीन जो भी हो उनको आभियान चलाकर आबादी घोषित किया जाए । लेकिन इन नौकरशाहों के खाऊ कमाऊ नीति के चलते अभी तक भैला  गांव के आराजी नंबर 618 में बने सैकड़ों वर्ष पुराने मकान को आबदी घोषित नही किया गया है । ऐसे जमीनों पर बने मकानों की जमीन को आबादी घोषित करने की अभियान चलाने की जरूरत है ,जांच का है विषय….

अमरनाथ झा पत्रकार

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