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तिरंगा तो प्रत्येक देशवासी के दिल मे है, हर घर मे तो रोजगार चाहिए – कॉम. मनोज पाण्डेय , रेलवे का निजीकरण करके सरकार ने कर्मचारियों के साथ किया है धोखा,

अमृत महोत्सव के नाम पर तिरंगें का व्यापार, रेलवे में स्टाफ बेनिफिट फंड से झंडा खरीद कर रेलवे स्टाफ को ही बेच रहे तिरंगा ..

प्रयागराज ।  इण्डियन रेलवे इम्प्लॉइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व नार्थ सेन्ट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन के महामंत्री कॉम. मनोज पाण्डेय ने अमृत महोत्सव के अवसर पर घर घर तिरंगा के नाम पर रेलवे बोर्ड के आदेशानुसार स्टाफ बेनिफिट फण्ड से टेन्डर के माध्यम से झंडा खरीद कर फिर उसे रेल कर्मचारियों को 38 रुपये में बेचने का विरोध करते हुए इसे बेतुका बताया है । कॉम. मनोज ने गर्व के साथ कहा कि हमारे पूर्वजों ने अपनी कुर्बानी देकर देश को आज़ाद कराया है तिरंगा हमारे दिलों में है । इसके लिए हमें दिखावा करने की जरूरत नही है, रेल का एक – एक साथी 15 अगस्त और 26 जनवरी को आज़ादी के बाद से मना रहा है और इस वर्ष भी बड़े धूम धाम से अपने अपने घरों पर तिरंगा लगाकर मनाएगा । उसके लिए खरीदने और बेचने की जरूरत नही है ,तिरंगा रेल कर्मचारी खुद खरीद लेगा । किसी अन्य विभाग में ऐसा नही हो रहा है तो फिर रेलवे में क्यों ?

रेलवे सहित देश की अन्य राष्ट्रीय संस्थानों व संपत्तियों का निजीकरण करने वाली सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था, गरीबी, बेरोजगारी, सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन, शिक्षा का गिरता हुआ स्तर, से देश की जनता का ध्यान भटकाने के लिए ताली और थाली की तरह अमृत महोत्सव के नाम पर देश का करोड़ो रूपये का लाभ अपने व्यापारी साथियों को दे रही है । इरेफ़ के अध्यक्ष ने बड़े शान से कहा कि तिरंगा तो हर देशवाशियों के दिल मे घर – घर तो रोजगार चाहिए ।

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