Mon. Apr 29th, 2024

रेलवे में नहीं थम रहा है तानाशाही रवैया, एसएसई/IOW अर्पित यादव का भरवारी मे आतंक, खुलेआम कर रहा है दलित कर्मचारी का उत्पीड़न, आत्महत्या करने को कर रहा है मजबूर,नौकरी खा जाने की दिया है धमकी

👉 जीएम के आदेश के पश्चात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उत्पीड़न में हो गई तेजी । एसएसई /IOW अर्पित यादव के बचाव में लगे कई अधिकारी, आखिर कब होगी इसके काले कारनामों की जांच ।

👉 फोन के माध्यम से किया जा रहा है परेशान, बिना लिखा पढ़ी के बुलाया जा रहा है प्रयागराज । एसएसई द्वारा किया जा रहा दलित उत्पीड़न, अधिकारियों को सूचित करने के बाद भी नहीं लग रही है रोक ।

👉 अनावश्यक रूप से बिना किसी जांच के कर्मचारी को दी जा रही है तीसरी चार्जशीट, कब तक चलेगा एसएसई के द्वारा एनसीआर में अंग्रेजों का शासन । दबंग तानाशाह एसएसई अर्पित यादव ने दलित कर्मचारी को नौकरी खा जाने की दी है धमकी, इंचार्ज और ADEN से शिकायत के बाद उन लोगों से उल्टा कर्मचारी को ही मिली डांट।

👉 नहीं लगे हैं भरवारी रेलवे स्टेशन और प्लेटफार्म पर सीसीटीवी कैमरे ,यदि कोई हो घटना दुर्घटना- तो कैसे होगी जांच, यह एक  बड़ा सवाल ।

👉 पीड़ित दलित कर्मचारी की पत्नी ने लिखा जी0एम, डीआरएम, एवं रेल मंत्री सहित एससी/एसटी आयोग भारत सरकार को पत्र , जांच कराकर कार्रवाई करते हुए न्याय की लगाई गुहार ।

एनसीआर के इलाहाबाद रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग भरवारी में कार्यरत एक पीड़ित कर्मचारी के उत्पीड़न के मामले को जीएम ने संज्ञान में लिया और उसकी जांच के लिए डीआरएम और सीनियर डीएससी को को निर्देशित किया । इसके बाद से उस चतुर्थ दलित कर्मचारी को फोन पर बिना किसी आदेश एवं लिखा पढ़ी के जब जी चाहे प्रयागराज बुलाया जाता है और चार्जसीट पकड़ा दी जाती है ।इस मामले में कोई जांच भी नहीं होती है और सीधे रेलवे में तानाशाही रवैया के अंतर्गत ऐसे ही ट्रैक मैन एवं निर्माण विभाग में कर्मचारियों के साथ दंडनात्मक कार्रवाई की जाती है,जिससे कि कोई कर्मचारी आगे सर न उठा सके । यह सिलसिला निचले स्तर पर IOW/एसएसई ,SSE इंचार्ज प्रयागराज, एडीईएन जो प्रमोटी कोटे से होते हैं और यह निचले स्तर पर अपनी मनमानी शक्ति का दुरुपयोग करते हैं और उल्टा सीधा कमाई करते हैं और ठेकेदार की बदौलत मालामाल होते हैं ,जिसके कारण कुछ अधिकारी भी इनसे काम लेने के आधार पर इनको खुली छूट दे रखे हैं । यही वजह है कि भरवारी में तैनात दबंग तानाशाह एसएसई अर्पित यादव ब्लैक स्मिथ के पद पर तैनात दलित कर्मचारी रणवीर प्रसाद से मनमानी तरीके से उल्टा सीधा काम लेता है और लेबरगिरी के काम करा कर उसे आत्महत्या करने को मजबूर कर रहा है । इसका यह उत्पीड़न वर्षों से चल रहा है और यह सिलसिला कई लोगों के साथ इसका हो चुका है ।

भरवारी में तैनात ब्लैक स्मिथ के पद पर तैनात रणवीर प्रसाद कर रहा लेबरगिरी का कार …. 

यही कारण है कि यह अपने निचले स्तर के कर्मचारियों पर आतंक मचाते हैं और यदि कोई इसके गलत कार्यों का विरोध करता है तो उसके साथ इसी प्रकार का षड्यंत्र रच कर के अपने चमचों को गवाह बना कर उक्त कर्मचारी को दंडित करने का काम करते हैं ।

ऐसा ही एक मामला भरवारी का सुर्खियो में है जहां वर्षों से एक दलित कर्मचारी को एसएसई द्वारा परेशान किया जा रहा है ,दलित उत्पीड़न हो रहा है , उससे मनमाना काम लिया जा रहा है और उसे आत्म हत्या करने को मजबूर किया जा रहा है । एक अनुसूचित जाति के कर्मचारी के साथ एसएसई/IOW अर्पित यादव एवं एसएसई प्रभारी प्रयागराज बृजेंद्र स्वरूप के द्वारा उत्पीडन जारी है , इनके द्वारा जब जी चाहे उसको फोन करके बिना किसी कागज के एवं पास के इलाहाबाद बुलाया जा रहा है और उसे बस से बुलाया जाता है यदि इस बीच कर्मचारी के साथ कहीं कोई दुर्घटना हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा । यह एक तरह से इन अधिकारियों की कर्मचारी को प्रताड़ित करने की साजिश होती है ,जिसका जिम्मेदार कौन होगा यह एक बड़ा सवाल है । इसी के साथ साथ कर्मचारी का परिवार भी भयभीत व पीड़ित है क्योंकि भरवारी का यह दलित कर्मचारी बिहार का रहने वाला है और भरवारी में ब्लैक स्मिथ के पद पर तैनात हैं , वह अपने को असुरक्षित महसूस कर रहा है ।

उक्त कर्मचारी इंजीनियरिंग ग्रुप से नियमित रूप से अपने कार्यस्थल पर पहुंच रहा है लेकिन ना तो उसको कोई काम दिया जा रहा है और ना ही उसकी हाजिरी कराई जाती है । जबकि वह वही कार्यस्थल पर सुबह से आकर बैठ जाता है । यह भी एक जांच का विषय है और दलित उत्पीड़न एसएसई द्वारा उसका यह उत्पीड़न साफ-साफ जाहिर हो रहा है । क्यों ना इसकी एक गोपनीय जांच किसी अन्य विभाग से मुख्यालय के द्वारा कराई जाए जिससे कि सच्चाई का पता चल सके और भरवारी में तैनात एसएससी अर्पित यादव के काले कारनामे एवं भ्रष्टाचार की पोल खुल सके । इस उत्पीड़न के खिलाफ दलित कर्मचारी की पत्नी ने जी0एम ,डीआरएम एवं रेल मंत्री सहित एससी /एसटी आयोग भारत सरकार को पत्र लिखकर मामले की जांच कराते हुए न्याय की गुहार लगाई है ।

बता दें कि IOW अर्पित यादव का एक रैकेट है जो काले कारनामों को करवाकर रेलवे राजस्व का चूना लगा रहे हैं और खुद मालामाल हो रहे हैं । इनके रैकेट में नीचे से ऊपर तक कई लोग शामिल है और जो अवैध कमाई का धन नीचे से लेकर ऊपर तक बंदरबांट होता है । यही कारण है कि यह जो अपने से ऊपर के अधिकारियों को कहते हैं वह उनकी ही बात सुनते हैं और कर्मचारियों की उत्पीड़न की बात को नजरअंदाज करते हैं । इस मामले में एक उच्च स्तरीय जांच की जरूरत है । अर्पित यादव ने पहले भी कई कर्मचारियों के साथ इसी तरह का उत्पीड़न किया था लेकिन इसकी कमी उन कर्मचारियों के पास होने की वजह से शांत होना पड़ा है । यह मामला एसएसई इंचार्ज बृजेंद्र स्वरूप तक गया था जिसके बाद बृजेंद्र स्वरूप ने खुद मामले को समझौता कराकर दबा दिया है, इसके कई काले कारनामे हैं जिसकी जांच की जरूरत है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

मुख्य ख़बरें