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रेलवे एनसीआर मे कब थमेगा भ्रष्टाचार, iow और pwi का है आतंक, मातहत कर्मचारियों का कर रहे उत्पीड़न, उच्च अधिकारी मौन, भरवारी का iow हुआ बेलगाम

👉 एनसीआर में आईओडब्लू पीडब्ल्यूआई, इंजीनियरिंग विभाग के लोग है बेकाबू। रेल संचालन के नाम पर कुछ अधिकारियो ने दे रखी है असीमित अधिकार ।

👉 जिसका ये कर रहे दुरुपयोग, फैला रहे भ्रस्ताचार । खास कर  आईओडब्लू रेल के आवासों पर नहीं करा रहे कार्य । सीमेंट से लेकर अन्य सामानों की स्टोर मे हो रही हेरा फेरी। भरवारी के आईऔडब्लू अर्पित यादव का चल रहा है सुर्खियों में कारनामा ।

👉 करचारियों से लिए जा रहे है व्यक्तिगत कार्य और उनके पदो का हो रहा है दुरुपयोग। महीने में एक दिन पूरे माह की भरी जाती है हाजिरी । पेसीड में हो रही है धांधली।

👉 हफ्ते में दो दिन आईओडब्ल्यू ड्यूटी पर है बैठता ,बाकी 5 दिन रहता है गायब। लखनउ, अलीगढ़, इटावा,भाग जाते है आपने घर। कब होगी इनकी आय से अधिक और बेनामी संपत्ति की जांच ।

प्रयागराज । उत्तर मध्य रेल में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है, यहां पर कई वर्षों से एक ही स्थान पर जमे अधिकारी अपने मातहत नीचे के कर्मचारियों का उत्पीड़न खुलेआम करते हैं और उनसे मनमानी तरह से काम लेने से बाज नहीं आ रहे हैं । जिससे छोटे तबके के कर्मचारियों का शोषण और उत्पीड़न बढ़ता जा रहा है । एनसीआर जोन में जिस प्रकार से इंजिनियरिंग विभाग में आईओडब्ल्यू और पीडब्ल्यूआई रेल संचालन के नाम पर उच्च अधिकारियों द्वारा प्राप्त संरक्षण मिलने के करण गुंडा गर्दी बेलगाम है और अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं उससे कर्मचारियो का उत्पीड़न और आत्महत्या जैसी घटनाएं उत्पन्न हो रही है । इसका उदाहरण कुछ दिन पूर्व हुई एक घटना पनकी का है । इसी तरह कई जगह स्टेशनो पर कर्मचारियो के साथ अत्याचार और उत्पीड़न हो रहा है । जिसने भरवारी में भी एक कर्मचारी को आईओडब्ल्यू अर्पित यादव द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है और उसको चार्जशीट की धमकी देकर नौकरी खाने की धमकी दी जा रही है ,जिससे उसका परिवार भयभीत है ।

कर्मचारी किसी भी समय कोई निर्णय लेने को मजबूर हो सकता है क्योंकि लाइन के स्टेसनो पर जर्जर पड़े हुए मकानों का कोई मरम्म्त कई वर्षो से नहीं हुआ है । आईओडब्ल्यू के इसारे पर स्टोर से सीमेंट ठेकेदारों के माध्यम से आदान प्रदान हो रहे हैं और फर्जी बिल बनाए जा रहे हैं , जो समान आवास के नाम पर कही लगाए भी नही जाते हैं। वहां पर मौजूद कर्मचारियो को या तो व्यक्तिगत काम लिया जा रहा है या फिर ठेकेदार के यहां भेज कर उनके पद के अनुसार बेईंतहा मनमानी तरह से काम कराए जा रहे है।

बता दें कि इतना ही नहीं महीने में केवल एक दिन पूरे माह की हाजिरी पेशीट मे भरी जाती है। बाकि दिनों में वह पेशीट कहां रहती है इसका कोई अता पता नहीं रहता है और इसमे जमकर धांधलीबाजी होती है । इससे भी बड़ी लापारवाही यह है कि इंचार्ज अर्पित यादव सप्ताह में केवल दो दिन भरवारी में रहते हैं बाकी 5 दिन भगवान भरोसे अपना स्टेशन छोड़कर लखनउ मे बने करोड़ों के आलीशान बंगला में आराम फरमाते है और टेलीफोन से कर्मचारोयो को धौंस जमाकर गाली गलौज करके उत्पीड़न करते हैं। ये अपने उच्च अधिकारियों को गलत सूचना देकर दण्डित करवाते हैं और नौकरी से निकालने की धमकी देते हैं ।

यदि भरवारी के आवासों की जांच कराकर देखा जाए तो मकान की छते ऐसी स्थिति में है कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है । यदि समय रहते हुए उच्च अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से संज्ञान में नहीं लिया और पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो पुनः पनकी जैसी घटना घटित हो सकती है । ये सभी लोग आपने को आर0डी यादव महामंत्री का खास बताते हैं और उनके द्वारा नाजायज फायदा उठाते हैं और वहीं दूसरी तरफ अपने मातहत कर्मचारियों को उत्पीड़न करते हैं । अब देखना है कि कौशांबी वॉइस की खबरों का संज्ञान लेकर रेलवे के उच्च अधिकारी इन मामलों पर कार्रवाई करते हैं या फिर सब कुछ यूं ही ठंडे बस्ते में पड़ा रहेगा यह जांच का विषय है ।

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