नैनी जेल में व्याप्त है भ्रष्टाचार, बिना पैसे लिए नहीं देते हैं बंदियों की कोई सुविधा , बंदियों का है बुरा हाल, जेल प्रशासन को पैसा देकर लोग चलाते हैं मोबाइल फोन, सारी सुविधाएं पैसे पर जेल में है उपलब्ध
👉 अस्पताल में नहीं होता है मरीजों का इलाज, गंभीर बीमारी से पीड़ित है वीरेंद्र यादव । बेलगाम हुई जेल की नौकरशाही ।
👉 गार्ड मांगने के लिए नई बिना पैसे के नहीं दे रहे हैं गार्ड, जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है वीरेंद्र यादव ।
👉 हर कार्य का नैनी जेल के अंदर बांधा है रेट, जेलर और जेल सुपरिटेंडेंट बंदियों से कमाते हैं लाखों ।
👉 आखिर कब होगी जेल प्रशासन की जांच, क्यों नही होती जेल के कारनामों की जांच ।
जेल प्रशासन का नहीं उठता है फोन ,तानाशाही अंदाज में बात करते हैं जेलर और सुपरिटेंडेंट । आय से अधिक है इनके पास तमाम बेनामी संपत्ति, जांच होगी तो होगा इनके काले कारनामों का खुलासा ।
प्रयागराज । नैनी जेल में भ्रष्टाचार का इस तरह से बोलबाला है कि जेल प्रशासन बंदियों से लूट मचा रखी है। देखा जाए तो बिना पैसे लिए कोई भी कार्य नहीं हो रहा है ,जिससे बंदियों का जीवन नर्क के समान बीत रहा है । नैनी जेल अधिकारियों के लिए एक बेहतर कमाई का अड्डा बना हुआ है जिसके वजह से बंदियों को सता कर कई लाख रुपए प्रतिमाह की उगाही की जाती है और इस उगाही से लाखों रुपया जेलर और जेल प्रशासन के बीच बंदरबांट होता है । यही वजह है कि अवैध कमाई के वजह से यह अधिकारी मालामाल हो रहे हैं और अपराधियों को हर सुविधा भी मुहैया करा रहे हैं, जबकि जरूरतमंद को बिना पैसे लिए कोई सुविधा नहीं दे रहे हैं जिससे कई बंदी जिंदगी और मौत के बीच खेल रहे हैं ।
बता दें कि नैनी जेल के अंदर लगभग 4300 बंदी जेल मे बंद है । यहां बंदिओं से अवैध वसूली की जाती है । बंदियों को इतना प्रताड़ित किया जाता है कि उनके घरवालो को मजबूरन पैसा पहुंचाना पड़ता है । यहां हर चीज का रेट अलग-अलग बंधा हुआ है । यह पैसा लंबरदारों के द्वारा जेलर और सुप्रीटंडन तक बंदरबांट होता है । वही जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा वीरेंद्र यादव ने कई बार जेल प्रशासन और डॉक्टरों से इलाज कराने के लिए बाहर भिजवाने की गुहार लगाई तो उससे ₹10000 की डिमांड की गई है ,पैसा के अभाव में उसकी कभी भी जेल के अंदर मौत हो सकती है । जब भी उसकी समस्या के बारे में जेलर और जेल सुप्रीटेंनडेंट से अवगत कराया जाता है तो तानाशाही अंदाज में यह नौकरशाह बात करते हैं । अब इन बेलगाम नौकरशाहों पर कौन लगाम लगाएगा यह तो जांच का विषय है ।
बता दें कि लाखों रुपए की जेलर और सुपरिंटेंडेंट की कमाई बंदियों से होती है ,जो लोग पैसा नहीं देते हैं उनको गंभीर यातनाएं दी जाती है । जेल में इनकी कोई न सुनने वाला है और ना ही इनकी कोई खबर लेने वाला है । कई साल पहले भी जेल में राइटर के बारे में लिखा गया था जिस पर कार्रवाई होने के बाद कुछ दिन मामला सही रहा लेकिन फिर यह धंधा बा-दस्तूर लगातार जारी है । यदि वीरेंद्र कुमार यादव के साथ कोई भी अनहोनी होती है तो इसके जिम्मेदार जेल प्रशासन पर लगना स्वाभाविक है क्योंकि पीड़ित ने कई बार जेलर से और जेल के अधिकारियों से तथा डॉक्टर से अपनी समस्या बताया लेकिन उसे पैसे के अभाव में आज तक एसआरएन ट्रांसफर नहीं किया जाता है । कभी यह बताया जाता है कि गार्ड नहीं है ,जबकि नॉर्मल लोगों को जो लोग पैसा देते हैं उनको आसानी से गार्ड मुहैया किया जाता है और जो आदमी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है, पैसा नहीं देता है तो उसके लिए दुनिया भर का कानून और कायदे बताया जाता है । कई हफ्तों से विरेंद्र यादव की इतनी हालत सीरियस है कि वह पेशाब की नली लिए टाहल रहा है और उसकी किडनी की गंभीर बीमारी है ,फिर भी जेल के अधिकारी खून चुसवा की तरह कैदियों से खून चूस रहे हैं और बिना पैसा लिए कोई भी कार्य नहीं कर रहे हैं । ऐसे में जेल प्रशासन पर जांच होना अति आवश्यक है ।। देखा जाए तो बड़े-बड़े अपराधी जेल से फोन चलाते हैं और कई बार जेल से लोगों के धमकी भी दिए हैं जिसकी एप्लीकेशन देने और ट्यूट करने के बाद भी आज तक उन पर कोई कार्रवाई जेल सुपरिटेंडेंट और जेलर ने नहीं की है । जेल में पैसा दो और सारी सुविधाएं मुहैया जेल प्रशासन करवाता है अपराधियों को लेकिन वही जो गरीब और मजबूर लोग हैं उनके साथ पैसे के अभाव में अनदेखी की जाती है । जेल में बंद कैदियों ने जेल प्रशासन के कारनामों की जांच कराने की मांग की है । सूत्रों की माने तो जेल में खाना भी घटिया क्वालिटी का खिलाया जाता है और मानक के मुताबिक कोई भी चीज बंदियों को नहीं मिलती है लेकिन इस मामले में कोई भी जांच नहीं होती है ।
अमरनाथ झा – पत्रकार