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राम वन गमन मार्ग का प्लान मे हुआ फेरबदल, कुरईघाट और चरवा रह गया अछूता, नरेंद्र गिरी ने लिखा था नितिन गडकरी को पत्र, कहीं उनकी हत्या के पीछे यह मामला भी तो नहीं, सीबीआई के लिए जांच का विषय

👉 जिस उद्देश्य को लेकर राम वन गमन मार्ग का बना था प्लान ,उस स्थान को छोड़कर भू माफियाओं के जमीनों को विकसित करने के लिए प्लान किया रूट डायवर्ट ।
👉 इसी मामले को देखते हुए नरेंद्र गिरी अध्यक्ष अखाड़ा परिषद ने 30 जुुुलाई 2021 को लिखा था नितिन गडकरी को पत्र ।
👉 कहीं उनकी हत्या के कारण में यह मार्ग का मामला तो नहीं, सीबीआई के लिए यह जांच का विषय ।
👉 नरेंद्र गिरी की हत्या के आरोपी आनंद गिरी के करीबी विधायक संजय गुप्ता पर कब होगी आखिर जांच, भू माफिया अपने जमीनों को विकसित करने के लिए राम वन गमन मार्ग का रूट कराया चेंज ।
अब कुरई और चरवा को लिंक मार्ग से जोड़ने को कर रहे हैं तैयारी ।
👉 यह मामला बना चर्चा का विषय, क्योंकि नरेंद्र गिरी के हत्या के पहले कुछ दिन पहले डिप्टी सीएम और विधायक संजय गुप्ता के मिलने की बात सुर्खियों में रही है चर्चा ।

सूत्रों के मुताबिक यदि हुई संजय गुप्ता की जांच,इनके कहां ,किससे जुड़े हुए हैं तार- कब होगी उनके मोबाइल के सीडीआर की जांच ,होगा चौंकाने वाले खुलासे..

कुछ वर्षों में ही विधायक ने अर्जित की है अरबों की संपत्ति, इनके तमाम आय से अधिक और बेनामी है संपत्ति,इस भू माफिया के साथ शिक्षा माफिया की है लोगों में चर्चा..

कौशांबी जनपद में कुछ वर्ष पहले एक व्यक्ति ने शोध कर किताब लिखा था कि भगवान राम श्रृंगवेरपुर से कुरई घाट और चरवा मे आए थे । इसीलिए कुरई और चरवा को इस मार्ग से जोड़ने के लिए राम वन गमन मार्ग का प्लान रखा गया था लेकिन कौशांबी जनपद के चायल विधानसभा के विधायक संजय गुप्ता और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इन दोनों गांव को छोड़कर राम वन गमन मार्ग का रूट चेंज कर दिया है राम वन गमन मार्ग से यह दोनों स्थान अछूता रह जाएगा । यह आरोप जिला पंचायत सदस्य रजनीश कुमार पांडे ने लगाया है । उन्होंने जिला पंचायत से प्रस्ताव भी पास करवा के भेजवाने की बात कही है ।
बता दें कि विधायक संजय गुप्ता और डिप्टी सीएम के द्वारा इस रूट चेंज करने के प्लान से महंत नरेंद्र गिरी भी नाराज थे और उन्होंने नितिन गडकरी को पत्र लिखकर इस मामले को संज्ञान लेने को कहा था । कहीं ऐसा तो नहीं कि उनका यह पत्र उनके प्राण के लिए घातक बन गया हो ,यह मामला सीबीआई के लिए जांच का विषय है । लोगों में तो अब इस बात की भी चर्चा है कि आखिर आनंद गिरी का संजय गुुुुुुप्ता के इतने करीबी सम्बन्ध होने के पीछे राज क्या है । इस मामले में महंत नरेन्द्र गिरी की हत्या के आरोपी आनंद गिरी के करीबी पारिवारिक रिश्ते रखने वाले संजय गुप्ता पर आखिर सीबीआई की नजर क्यों नहीं पड़ी है, यह भी मामला जांच का विषय है । विधायक संजय गुप्ता अपने कुुुछ वर्षो के कार्यकाल में अरबों की तमाम सम्पत्ति कहांं से बनाई । दलितों ,गरीबों की जबरन जमीन कब्जा करने के साथ-साथ सरकारी जमीनों को कब्जा करके अपना साम्राज्य स्थापित किया है । इसी लिए राम वन गमन मार्ग का रूट चेंज कर अपने उद्देश्य में सफल होने के लिए यह सारी रणनीति बनाए हैं जो लोगों में चर्चा का विषय है ।

फिलहाल लोगों मे राम वन गमन मार्ग श्रृंगवेरपुर से कुरई होते हुए चरवा को जोड़ते हुए भरद्वाज आश्रम को जोड़ने की बात कर रहे हैं । अब यह प्लान कहां तक सफल होगा यह तो जांच का विषय है ।

सूत्रों की माने तो इस मार्ग को बदलने में विधायक संजय गुप्ता ने डिप्टी सीएम से मिलकर असली उद्देश्यश को बदल दिया है । इस मामले से अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी भी नाराज थे जिससे इन लोगों ने कई बार उनसे मिलकर बातचीत भी की है क्योंकि विधायक अपनी जमीनों को हाईवे से जोड़ने हेतु और इस मार्ग से जोड़ने के लिए रूट को चेंज कराया है जिससे कहीं न कहीं महंत नरेन्द्र गिरी भी असंतुष्ट थै । इस मामले मे विधायक संजय गुप्ता जिनके आनंद गिरि से बहुत पारिवारिक, करीबी रिश्ते रहे हैं जो लोगों के जुबान पर चर्चा का विषय बना हुआ है ।

नरेन्द्र गिरी के हत्या के आरोपी आनंद गिरि के करीबी संजय गुप्ता पर सीबीआई की नजर आखिर क्यों नहीं पड़ी, यह एक बड़ा सवाल है । कहीं ऐसा तो नहीं कि राम वन गमन मार्ग की दिशा चेंज करने से नाराज नरेंद्र गिरी की हत्या के पीछे उनके द्वारा नितिन गडकरी को पत्र लिखने मे यह भी एक मामला रहा हो, जो सीबीआई के लिए यह जांच का विषय है ।

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