एनसीआर रेलवे के सिराथू में तैनात पीडब्ल्यूआई विकास यादव का नहीं थम रहा भ्रष्टाचार, मनमानी तरह से कर्मचारियों से ले रहा घरेलू काम, शिकायत करने पर करता है कर्मचारियों का उत्पीड़न, आखिर कब होगी इसके कारनामों की जांच
👉 20 वर्षों से जमे रेलवे खंड अभियंता विकास यादव का नहीं हो सका स्थानांतरण,घर पर करवाता है कर्मचारियोंं से 24 घंटे काम, दलित उत्पीड़न का है यह मामला…
👉 विभागीय कर्मचारियों को धौस देकर ,उनका शोषणकर कर्मचारी ने एकत्रित की अकूत संपत्ति
👉 कई वर्षों से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को अपने घर पर रख कर करवाता है 24 घंटा काम, दलित कर्मचारी का कर रहा है उत्पीड़न , विजिलेंस विभाग के अधिकारी मौन
👉 पहले भी हो चुकी है उच्च अधिकारियों से शिकायत, नहीं मिली राहत, कर्मचारी पर ही हो गई कार्रवाई
कांपते हैं मातहत, तबेले में काम नहीं किया तो रुकवा देता है वेतन, नहीं सुनता इन गरीबों की कोई अधिकारी फरियाद ।
आय से अधिक संपत्ति कि अगर जांच हो जाए तो विकास सिंह यादव खंड अभियंता का फंसना तय ,20 वर्षों से रेलवे को लूट रहा वहीं विजिलेंस विभाग भी आंख मूंद कर बैठा ।
प्रयागराज एनसीआर के तहत कौशाम्बी जिले मे रेलवे के अधिकारियों का गजब का कारनामा है, रेल विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है , लेकिन इनके कारनामों को देखने टोकने और रोकने वाला कोई नहीं है । यहां तक कि रेलवे के उच्च अधिकारी भी तमाशाबीन बने बैठे हैं और वही विजिलेंस विभाग भी चुप्पी साध रखा है, यही वजह है कि रेलवे का भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो रहा है ।
बता दे कि कौशाम्बी मे रेलवे विभाग के अधिकारी कर्मचारी जहां तैनात रहना चाहता है वहां उसका स्थानांतरण भी नहीं किया जाता है । रेलवे में अपनी जड़े जमा चुके तमाम अधिकारी अवैध तरीके से धन संपत्ति अर्जित कर चुके हैं लेकिन अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले क अधिकारियों के कारनामों की ओर रेलवे मंत्रालय का भी ध्यान नहीं जा रहा है ।
बता दें कि प्रयागराज मंडलीय कार्यालय के सिराथू रेलवे स्टेशन पर खंड अभियंता पीडब्ल्यूवाई के पद पर विकास सिंह यादव की तैनाती रेलवे ने 20 वर्षों पूर्व की थी । यह इसी सिराथू नगर पंचायत के गरई मोहल्ले के रहने वाला हैं । 20 वर्षों से अपने मूल गृह जनपद कस्बे में तैनात विकास यादव का रेलवे के अधिकारी स्थानांतरण करने को भूल गए या फिर विकास यादव की काली कमाई में हिस्सा लेकर स्थानांतरण की फाइल रोक दी गई है । यह बड़ी जांच का विषय है लेकिन विकास यादव पर रेलवे के तमाम कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह काम कराने के बदले में गाली गलौज, अभद्रता करते हैं । एक कर्मचारी ने बताया कि उन्होंने मामले की शिकायत प्रयागराज मंडल के अधिकारियों से की थी जिस पर विकास यादव का पारा और हाई हो गया और गाली गलौज कर मारपीट पर उतर आए हैं ।
रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि रेलबे से वेतन मिलने के बाद विकास यादव अपने आवास पर एक कर्मचारी से पशुओं के चारा पानी और घरेलू काम करवाते हैं । जब रेलवे कर्मी विकास यादव के घर पर काम करने से इनकार करते हैं तो विकास यादव कर्मचारियों का उत्पीड़न गाली गलौज शुरू कर देते हैं ।
ड्यूटी देने के बाद भी उनकी उपस्थिति नहीं दर्ज की जाती है उनसे गाली-गलौज अभद्रता की जाती है लेकिन रेलवे में विकास यादव का इस तरह जलजला कायम है कि अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी विकास यादव का बाल बांका नहीं हो सका है । विकास यादव के आतंक से पीड़ित रेलवे कर्मचारियों ने डीआरएम ,जीएम व रेल मंत्रालय का ध्यान आकृष्ट कराते हुए 20 वर्षों से तैनात रेलवे कर्मचारी विकास यादव का स्थानांतरण करते हुए इनके द्वारा अर्जित की गई अकूत संपत्ति की जांच जांच कराए जाने की मांग की है।
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डिप्टी सीएम के गृह नगर सिराथू में चल रही खंड अभियंता की दबंगई मातहत कर्मचारी प्रताड़ना का शिकार….
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह नगर सिराथू में रेलवे के एक अभियंता का इस कदर आतंक है कि उसके मातहत उसका नाम सुनकर ही थरथर कांपने लगते हैं। सिराथू रेलवे स्टेशन में तैनात खंड अभियंता विकास सिंह यादव के तबेले में अगर कोई मातहत काम नहीं करने गया तो वह उसका वेतन रुकवा देता है। खंड अभियंता इस कदर प्रताड़ित करता है कि लोग तौबा बोल जाते हैं। कुछ लोगों ने हिम्मत कर मामले की शिकायत डीआरएम से भी की लेकिन डीआरएम के खंड अभियंता से इस मामले में जवाब तलब करने के बाद खंड अभियंता का आतंक और बढ़ गया है। इससे मातहत आजिज आ गए हैं।
यह खंड अभियंता विकास सिंह यादव सिराथू रेलवे स्टेशन पर 20 साल से अधिक वर्षों से तैनात हैं। इसी वजह से विभाग में इनकी दबंगई बढ़ गई है। मातहतों पर जुल्म करने लगे हैं। सिराथू में ही इनका बड़ा सा मकान बन गया है। यहां उनका तबेला भी है। जहां बहुत सारी भैंस और अन्य मवेशी हैं। मातहतों का आरोप है कि यह उनसे तबेले पर काम करवाते हैं। भैंस और अन्य मवेशियों को चारा देना उनका गोबर उठाना, उन को पानी पिलाना सब अपने मातहतों से ही करवाते हैं। चरवा के रहने वाले सिराथू रेलवे स्टेशन पर ट्राली मैन के रूप में तैनात लाल चंद्र का बुरा हाल है। लालचंद कई साल से खंड अभियंता के तबेले पर ही तैनात हैं। लालचंद्र से जब तबेले पर काम के बारे में पूछा गया तो वह रो पड़े,बोले- क्या करें भैया। मवेशी का काम नहीं करेंगे तो वेतन नहीं मिलेगा। उनका कहना है कि वह इस कदर मवेशियों के चारा पानी में व्यस्त रहते हैं कि अपने घर भी छुट्टी पर नहीं जा पाते हैं । छुट्टी के दिन भी मवेशियों को देखना पड़ता है। इनका काम ट्राली मैन का है लेकिन, यह अपना मूल काम नहीं देख पाते है ।
लालचंद का कहना है कि उन्होंने खंड अभियंता से अपने मूल काम के बारे में बात की तो उन्होंने बेपरवाही से कहा कि उसको छोड़ दो,कोई दिक्कत नहीं। तुम मवेशी का चारा पानी करते रहो। सिराथू रेलवे स्टेशन पर ट्रैक मैन के तौर पर तैनात राम, अलगू राम अभियंता के जुल्म का शिकार हैं। अलगू राम ने कहा कि खंड अभियंता ने उन्हें भी अपने मकान के तबेले में मवेशी के चारा पानी के लिए लगाया था लेकिन जब से उन्होंने साफ इनकार कर दिया है तब से प्रताड़ित करने पर उतर आए हैं।
ट्रैकमैन के काम पर सामान्य तौर पर दो लोगों को भेजा जाता है लेकिन, वह अकेले ही उन्हें भेजते हैं। इससे अलगू राम काफी परेशान हो गए हैं। अलगू राम बताते हैं कि खंड अभियंता से एक आदमी और साथ में भेजने की मिन्नत करने पर वह गाली गलौज पर उतर आते हैं। खंड अभियंता पर मातहतों से गाली गलौज कर बात करने का भी आरोप है। इससे सभी मातहत दिमागी तौर से परेशान हैं। कुछ दिन पहले अलगू राम रेलवे पटरी पर अकेले ही काम कर रहे थे तभी उन्हें चक्कर आ गया और गिर पड़े। आस-पास मौजूद ग्रामीणों ने उन्हें देखा और पटरी से घसीट कर अलग किया, वरना बड़ा हादसा भी हो सकता था । ट्रैक मैन भीम सिंह बताते हैं कि खंड अभियंता का आतंक इस कदर है कि कोई उनके सामने बोलने की जुर्रत नहीं कर सकता। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्या सिराथू के ही रहने वाले हैं। यही उनका आवास है। इसके बावजूद खंड अभियंता को उनका जरा भी डर नहीं कि बात डिप्टी सीएम तक पहुंचेगी तो उन पर कार्रवाई हो सकती है। इस सब से बेखौफ खंड अभियंता अपने मातहतों से कहते हैं कि वह जो आदेश दे रहे हैं उसको करो -वरना परेशान करके रख दूंगा।
बता दें कि भ्रष्टाचार पनपने का मुख्य कारण यह है कि वर्षों से इसी एनसीआर जोन और डिवीजन में ही PWI / IOW ,AEN, और सीनियर डीएन घूम फिर कर यही प्रमोशन लेते हैं और यही अपनी पोस्टिंग करवाते हैं ।इसीलिए सारा ताना-बाना इनको मालूम है कि भ्रष्टाचार कैसे किया जाता है और इसकी जड़े कैसे मजबूत होती है । यही वजह है कि सैकड़ों पीडब्ल्यू आई आर आई ओ डब्ल्यू जिनके पास करोड़ों की अकूत संपत्ति है रेलवे के लोहे और लाइन एवं ट्रैक में लगने वाले पुरजों को बेचकर कंडमनेशन में घोटाला करके अकूत संपत्ति अर्जित किया है । कंडमनेशन के नाम पर खरीद-फरोख्त एवं सप्लाई मे बहुत बड़ा घोटाला है जो जांच करने का विषय है । ज जांच का विषय यह है कि आखिर लेजर में कितना सामान आया है और कितना कंज्यूम किया गया है तथा हर साल कितना मंगाया जाता है और कितना कंडम किया जाता है यह एक बहुत बड़ा जांच का विषय है ।देखा जाए तो बिजलेंस विभाग का भी ध्यान इस ओर नहीं जाता है और कहीं ना कहीं उनसे माहवारी बंधी होने के कारण आंख मूंदकर विभाग में बैठा रहता है । इस आईटी युग में एंड्राइड फोन सभी कर्मचारियों के पास होने के कारण ट्रैकमैनों की पोजीशन डीआरएम व सिनियर डीईएन कभी भी लोकेशन प्राप्त कर सकते हैं जिससे सच्चाई का खुलासा हो सके । यदि रेल मंत्री ने इस मामले में संज्ञान लिया तो बहुत से काले कारनामे करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होना तय है ।
यदि यह कहा जााए कि कि खंड अभियंता विकास यादव की कर्मचारियों पर तानाशाही व दलित कर्मचारी का उत्पीड़न हो रहा है लेकिन रेलवे को उच्च अधिकारी तमाशाबिन बने बैठे हैं जो जांच का विषय है ।