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डीआरएम ऑफिस में कब रुकेगा भ्रष्टाचार,25 करोड़ से ज्यादा का हो चुका है 2 वर्ष में घोटाला, सीनियर डीपीओ व मोतीलाल मिश्रा सहित इनके रैकेट का है कारनामा,विभागीय परीक्षा में हुआ है भ्रष्टाचार,परीक्षा मे हुई गडबड़ी,डीआरएम ऑफिस एक कर्मचारी सीनियर डीपीओ को कहा काला अंग्रेज और जीएम को बताया हरिजन, आखिर कौन है यह कर्मचारी

👉 करोना काल में सीनियर डीपीओ ने अपने गृह टाउन से मंगाए करोड़ों के मास्क, सेनीटाइजर आदि सामान ,जमकर हुई कमीशन खोरी ।

👉 रेलवे की विभागीय परीक्षाओं में हेरा फेरी कर कैंडिडेटको पास कराने के मामले में कमाए कई करोड़ रुपए ,जांच का विषय, इसमें मोतीला मिश्रा सहित कई लोगों का है रैकेट ।

👉 डीआरएम ऑफिस का एक कर्मचारी जो महिला से बात करते हुए सीनियर डीपीओ को कहा काला अंग्रेज , जी0एम को कहां हरिजन और कहा कि यह अवैध रुप से कमाए हैं करोड़ों रुपए ,आखिर कौन है यह कर्मचारी जो महिला से इस तरह की कर रहा है बात जांच का विषय ।

मोतीलाल मिश्रा पर जांच रिपोर्ट आने के बाद सीनियर डीपीओ ने क्यों नहीं किया अब तक बर्खास्त की कार्यवाही ,डीआरएम और जीएम को भी है मामले का संज्ञान ।

प्रयागराज । एनसीआर के डीआरएम ऑफिस में भ्रष्टाचार की एक बहुत लंबी लिस्ट है । यदि देखा जाए तो कुछ वर्षों के बीच में रेलवे राजस्व को जमकर लूटा गया है और इस कार्य को अंजाम देने में सीनियर डीपीओ जैसे कई अधिकारी व कर्मचारी इनके रैकेट में शामिल हैं । डीआरएम ऑफिस के इन अधिकारियों और कर्मचारी ने लगभग 20 से 25 करोड़ के अवैध कमाई करके आय से अधिक और बेनामी संपत्ति बनाई है । यदि इस मामले में जांच होगी तो इन लोगों को जेल जाना तय है ।

बता दें कि कर्मचारी कृपा शंकर शुक्ला ने भ्रष्ट सिनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा के काले कारनामे का खुलासा किया है । उरई मे पंडित की हत्या के लिए उसके मामा के लड़के जिसका नाम पंकज है को सहयोगी के रूप में सीनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा ने गलत काम के लिए वर्ष 2020 दिन शनिवार माह जून – जुलाई, अगस्त- सितंबर मे नैनी सेंट्रल जेल भी गया था । यह अपने साथ कृपा शंकर शुक्ला को भी ले जा रहा था परंतु वह जाने से इनकार कर दिया है । नैनी सेंट्रल जेल में लगे सीसीटीवी फुटेज से सत्यता की जानकारी और प्रमाणिकता प्राप्त किया जा सकता है । सीनियर डीपीओ द्वारा अपने गृह जनपद उरई मे पंडित की हत्या का प्लान बना रहे थे जिसकी सूचना कृपाशंकर ने अपने मोबाइल नंबर से उरई पंडित को उसके मोबाइल नंबर कर सूचना भी दिया था , कि तुम्हारी हत्या का प्लान सीनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा बना रहे हैं । अगर जरूरत पड़ी तो इसका सीडीआर और कॉल डिटेल्स निकाल कर जांच भी कराई जा सकती है ।

इसी तरह  सिनियर डीपीओ ने अपने गृह टाउन एरिया उरई से व्यापक पैमाने पर मास्क की खरीद फरोख्त और कमीशन खोरी किया है । इसी प्रकार करोना काल में लगभग 25 लाख की मठरी जो फ्री में यात्रियों को बांटना था उसे भी मोतीलाल मिश्रा एंड कंपनी ने पैकेट बनवाकर कैंटीन संचालक से भिजवाया है और लगभग 25 लाख रुपए की काली कमाई की गई जो जांच का विषय है ।छुट्टी के दिन मे मोतीलाल मिश्रा ने प्रशासनिक कार्य दिखाकर 2 मई से 3 मई और 23 मई  से 25 मई  2020 चार लोगों चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बुलाकर उनसे कार्य कराया है यदि जांच हुई तो खुलासा होना तय है ।

कृपा शंकर शुक्ला इसके गलत कामों में सहयोग जब नहीं किया तो उसको एक वर्ष छः माह में 6 बार स्थानांतरण किया जा चुका है जो जांच का विषय है । उसे चारपाई पर बीमार रहते दिनांक 16 सितम्बर 2021 को 14(2)  कि नोटिस देकर नौकरी से बर्खास्त करने की तैयारी कर रहा था । कृपा शंकर शुक्ला ने  सिनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा के द्वारा उसके खिलाफ की जा रही कारवाही को उसने कोर्ट में चैलेंज करते हुए सिनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा को कोर्ट में ब्यातिगत पार्टी बनाया है और इस तरह के गंदे काम में रेल के बड़े अधिकारी भी लिप्त हैं जो जांच के बाद उनके चेहरे से पर्दा बेनकाब हो जाएगा ।

बता दें अभी जून 2021 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का विभागीय पद्दोनती में लंबे पैमाने पर पास कराने हेतु सौदेबाजी हुई है । जिसमे सीनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा ,सिनियर डीसीएम वाणिज्य अंशू पांडेय  व डीओएम ने मिलकर व्यापक तरीके से भ्रष्टाचार किया है तथा पैसे वसूली में मोती लाल मिश्रा को लगाया गया था । परीक्षा तिथि 6 जून 7 जून 8 जून निर्धारित था , जिन कैंडिडेट से पैसा लिया गया उनको 6,7,8 जून को या तो सिक करा दिया या तो अनुपस्थित कराकर सीधे 9 जून को परीक्षा में शामिल किया गया और 60 प्रतिशत प्रश्न 6 जून 7 जून व 8 जून को हुए प्रश्न को सम्मिलित किया गया है । यह जॉच के उपरांत इस परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा भी हों जाएगा । उदाहरण के तौर पर जैैसे एक कैंडिडेट का नाम अजय कुमार मिश्रा पद कोरियर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है । इसी तरह  जून -7 जून और 8 जून की परीक्षा चतुर्थ श्रेणी से टीटीई कि परीक्षा में भ्रष्टाचार करके अवैध तरीके से तीन से चार करोड़ रुपए की वसूली की गई है जो चर्चा का विषय बना हुआ है । इनके कार्यकाल में एक विभागीय परीक्षा हुए जिसमें सिर्फ चार पांच लोग पास हुए हैं लेकिन फिर से कराई गई परीक्षा में सभी लोगों को मोटी रकम लेकर के पास कर दिया गया है, यह मामला भी जांच का विषय है ।

डीआरएम ऑफिस के एक कर्मचारी ने महिला से बात करते हुए अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप और की अधिकारी के बारे मे अभद्र टिप्पणी ,क्या इस पर होगी जांच कराकर कार्रवाई ,बड़ा सवाल ?

इन अधिकारियों के खिलाफ अब कर्मचारियों में भी चर्चाएं आम बात हो गई है । मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय का एक कर्मचारी किसी महिला से बात करते हुए सीनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा को कह रहा है कि ये काले अंग्रेज है और कहता है कि इन सालों का सात खून भी माफ है । इतने पर ही भी वह नहीं रुका और आगे बढ़ते हुए उसने कहा की जी0एम प्रमोद भी हरिजन है । इतना ही नहीं बल्कि इन अधिकारियों के बारे में वह कह रहा है कि करोड़ों रुपए की अवैध वसूली किए हैं । यह कर्मचारी महिला को जी0एम से पोलायटली रूप से मिलने की बात कर रहा है और महिला को प्रेरित करते हुए किसी कर्मचारी की शिकायत करने के लिए भड़का रहा है । यह बात इस कर्मचारी और महिला के बीच हुई का ऑडियो भी वायरल हो चुका है । अब देखना है कि सीनियर डीपीओ और डीआरएम एवं जी0एम इस कर्मचारी की पहचान करा कर चिन्हित करते हुए इस पर क्या कार्रवाई करते हैं ,जो सीनियर डीपीओ को काला अंग्रेज और जीएम को हरिजन तथा इन अधिकारियों के बारे में कह रहा है कि यह करोड़ों रुपए अवैध वसूली करके कमाए हैं ,यह एक गंभीर मामला है जो जांच का विषय है । इस आवाज को यदि उच्च अधिकारियों ने पहचान कराई तो करोड़ों रुपए के घोटाले का राज पर्दाफाश होगा ।

अमरनाथ झा पत्रकार , मो0- 8318977396

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