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महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच के लिए सक्रिय सीबीआई ,प्रयागराज में 20 सदस्य टीम के साथ कर रही है जांच, 20 सितंबर को शाम 5:00 बजे हुई थी नरेंद्र गिरी की मौत, हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी है गुत्थी

महंत नरेंद्र गिरि की मौत की पहेली को सुलझाने के प्रयास में जुटी सीबीआई

प्रयागराज।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत देश के सुर्खियों में छाया है।हर कोई नरेंद्र गिरि की मौत का सच जानना चाहता है।सभी निगाहें सीबीआई पर टिकी है।सीबीआई भी नरेंद्र गिरि की मौत की पहेली को सुलझाने की कोशिश में जुटी हुई है।सीबीआई आज क्राइम सीन को री-क्रिएट करने की तैयारी में है। पुलिस ने नरेंद्र गिरि की मौत के बाद कमरे को सील कर दिया था।

सीबीआई के आईजी विप्लव चौधरी और एएसपी केस नेगी 20 सदस्यीय टीम के साथ शनिवार को बाघंबरी मठ पहुंच गए थे।सीबीआई ने सबसे पहले पूरे मठ का निरीक्षण किया।एक-एक कमरे का निरीक्षण किया और मठ के छत तक भी गई।सीबीआई ने कागज पर मठ का पूरा खाका खींचा। तीन घंटे चली लंबी पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।

सीबीआई जांच के दौरान किसी को मठ के अंदर न ही आने दिया गया और न किसी को बाहर जाने दिया गया। सभी के मोबाइल फोन भी जमा करा लिए गए थे। मीडिया को भी एक दायरे में ही रोक दिया गया था। मठ को चारों तरफ से सुरक्षाबल ने घेर रखा था। तीन घंटे में सीबीआई ने भोजन बनाने वाले रसोइए और सेवादारों से गहन पूछताछ की।

महंत नरेंद्र गिरि ने जिस कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी, उसमें दो दरवाजे हैं।सीबीआई की तीन अलग-अलग टीमों ने मामले की गहनता से जांच पड़ताल की।टीमों में बंटे दल ने तीन घंटे तक गहन छानबीन की। सीबीआई ने शनिवार को महंत की लाश को फंदे से उतारने का दावा करने वाले सेवादार सुमित सहित मठ के अन्य शिष्यों एक-एक कर पूछताछ की है। सबसे ज्यादा देर तक पूछताछ उस रसोइए से की गई, जो मठ का भोजन तैयार करता था और नरेंद्र गिरि को भोजन कराता था। पूछताछ के पीछे जो कारण बताया जा रहा है वो ये है कि जिस दिन नरेंद्र गिरि की मौत हुई थी उस दिन कमरे में सल्फास की एक डिब्बी पाई गई थी और कुछ गोलियां फर्श पर बिखरी पड़ी थीं।

आपको बता दें कि बीते सोमवार को प्रयागराज के बाघंबरी मठ के एक कमरे में महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उनका शव पंखे से लटका हुआ मिला था, साथ ही कमरे में एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था। सुसाइड नोट के आधार पर आनंद गिरि, आद्या तिवारी और अन्य को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लिया है।

फिलहाल बता दें कि उनकी मौत से 2 दिन पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी मुलाकात की थी जो उनके बहुत करीबी माने जाते हैं । महंत नरेंद्र गिरि की हत्या और आत्महत्या से संत समाज स्तब्ध है ,फिलहाल मामले में सीबीआई जांच कर रही है । इस मामले में कई पन्नों मैं लिखा सुसाइड नोट भी चर्चा का विषय बना हुआ है ।जिसमें वसीयत के तौर पर कई लोगों का नाम भी सामने आया है । इस मामले में महंत नरेंद्र गिरि के गनर शहित आध्या तिवारी, आनंद गिरि एवं कई लोगों का नाम सुसाइड नोट में सामने आया है । महंत नरेंद्र गिरि का जिस प्रकार से शव जमीन में पड़ा हुआ मिला है उसके पीछे कई सवाल खड़े हो रहे हैं ,जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं । फिलहाल सीबीआई की जांच में सच्चाई उजागर होना तय है ।

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