Sun. Apr 28th, 2024

कौशांबी के एआरटीओ शंकर जी सिंह का हुआ चित्रकूट ट्रांसफर, विवादों में हमेशा घिरे रहे एआरटीओ, 4 साल पहले साधारण अधिकारी बन के आए और अवैध कमाई करके करते रहे माफिया गिरी, इनके आय से अधिक संपत्ति की जांच की उठी मांग

👉 जिले मे अधिकारी बनकर आए एआरटीओ, जाते-जाते बन गए माफिया , विवादों में घिरे रहे हमेशा के आरटीओ ।

👉 खबरों के मामले में पत्रकारों से भी रहती थी इनसे अनबन, अवैध बालू वसूली की खबर के मामले में इन्होने दिया था कई पत्रकारों को नोटिस, बाद में बैकफुट पर आए आरटीओ ।

👉 पत्रकार ने जब इनके बारे मे डाला आरटीआई तो शांत हो गए एआरटीओ ,नहीं दिया आरटीआई का जवाब । 

पत्रकारों से रहा हमेशा विवाद चाटुकार और दलालो से रही इनकी हमेशा दोस्ती…

कौशांबी । उ0प्र0 की सरकार ने कौशांबी में  एआरटीओ के पद पर शंकर जी सिंह की तैनाती चार वर्ष आठ माह पूर्व की थी । उस समय यह बेहद सीधे सरल स्वभाव के अधिकारी हुआ करते थे ,सामान्य तरीके की सस्ती कार में सवार होकर इन्होंने कौशांबी आकर कार्यभार ग्रहण किया था लेकिन कौशांबी की काली कमाई में यह मालामाल हुए । आरोप है कि अपनी कुर्सी को बचाने के लिए करोड़ों रुपए इनके द्वारा सत्ता के गलियारे तक पहुंचाया जाता रहा है, काली कमाई से यह अकूत मालामाल हो गए ।

इन्होंने अपने गृह जनपद बलिया में भी निजी संस्था बनाकर उसके नाम करोड़ों की भूमि खरीदी है ,इतना ही नहीं काली कमाई से मालामाल होने के बाद एआरटीओ शंकर जी सिंह का रहन-सहन बदल गया । पूर्वांचल के खूंखार अपराधियों माफियाओं की तरह इनका रहन-सहन हो गया ,काले रंग की स्कार्पियो में काली फिल्में लग्जरी कार में घूमना इनकी आदत बन गई । लफंगो की फौज इनके आगे पीछे लगी रहती थी,त्र साढ़े 4 साल से अधिक समय के बाद भी इनका स्थानांतरण कौशांबी से नहीं हुआ तो जिले में लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया । आए एआरटीओ शंकर जी सिंह के स्थानांतरण की मांग सूबे के मुख्यमंत्री से जिले के लोगों ने की थी, लंबे समय से एक कुर्सी में चिपकने और काली कमाई के बेताज बादशाह एआरटीओ शंकर जी सिंह लगातार अपनी कुर्सी बचाने के लिए नेताओं के चरणों में गिरते रहे । हालांकि नेताओं से राहत भी इन्हें मिलती रही जिले में विभागीय अधिकारी का 3 वर्ष से अधिक तैनाती पर मुख्यमंत्री ने स्थानांतरण की घोषणा की थी । शिकायत के बाद मजबूर होकर परिवहन मंत्रालय ने इनका स्थानांतरण चित्रकूट जनपद कर दिया शुक्रवार को कार्यालय परिसर में इनके विदाई में कार्यक्रम आयोजित किया गया था ,जहां विदाई कार्यक्रम के दौरान इनके काली कमाई में बढ़ावा देने वाले तमाम दलाल भी शामिल रहे ।

इनके आगे पीछे घूमने वाले लफंगों की भी फौज भी मौजूद रही विदाई कार्यक्रम में तमाम चेहरे मायूस दिखे हैं । इनके कार्यकाल में अवैध कमाई में लिप्त लोग तमाम तरह से सशंकित दिखाई पड़े हैं ,इतना ही नहीं इनके विदाई के बाद जिस वाहन को फूल माला से सजाया गया है उक्त काले रंग की स्कार्पियो में काली फिल्म चढ़ी थी और समाज में काली स्कॉर्पियो काली फिल्म लगे वाहन को अपराधियों माफियाओं की पहचान बताई जाती है ।सभ्य समाज के लोग अपराधियों की तरह काले वाहनों पर नहीं घूमते हैं, इस बात की चर्चा इन के विदाई कार्यक्रम के दौरान एआरटीओ कार्यालय खुलेआम हो रही थी काली कमाई से अकूत संपत्ति के धनी बने एआरटीओ शंकर जी सिंह की संपत्तियों की जांच कराई गयी तो इनके काले कारनामे उजागर हो सकते हैं । जिले के लोगों ने एआरटीओ शंकर जी सिंह के बेनामी संपत्तियों और इनके ठिकानों पर सीबीआई और आयकर अधिकारियों से जांच कराए जाने की मांग केंद्र प्रदेश सरकार से की है

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