प्रयागराज के लालापुर इलाके में अवैध बालू खनन का खुलासा, खनन विभाग और पुलिस पर उठे सवाल
👉 लालापुर के सेमरी तरहार घाट पर अवैध बालू खनन का खुलासा,रात में जेसीबी मशीन से हो रहा यमुना नदी में खनन।
👉 खनन माफियाओं को पुलिस और विभाग का संरक्षण मिलने के आरोप, खनन निरीक्षक वैभव सोनी की भूमिका पर उठे सवाल।
👉 सरकारी राजस्व को हो रहा भारी नुकसान, जिम्मेदार मौन,प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग, जांच की उठी मांग।
प्रयागराज। जनपद के थाना लालपुर क्षेत्र में अवैध खनन का वीडियो इन दिनो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है । लालापुर थाना क्षेत्र स्थित सेमरी तरहार घाट पर बड़े पैमाने पर अवैध बालू खनन किए जाने का मामला उजागर हुआ है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह खनन रात के समय जेसीबी मशीनों की मदद से किया जा रहा है, जिसमें कुछ दबंग किस्म के व्यक्तियों और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की संलिप्तता बताई जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस पूरे अवैध खनन कार्य में स्थानीय पुलिस और खनन विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका भी सामने आई है। क्षेत्रीय नागरिकों और जागरूक समाजसेवियों ने संबंधित अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, खनन निरीक्षक वैभव सोनी की भूमिका को लेकर भी संदेह जताया जा रहा है। यह आरोप है कि छोटे स्तर के खननकर्ताओं के विरुद्ध तो कार्रवाई होती है, लेकिन संगठित और दबंग माफियाओं पर किसी प्रकार की कठोर कार्रवाई नहीं की जाती, जिससे प्रशासन की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न लग रहा है।
स्थानीय निवासी सतीश त्रिपाठी के अनुसार, जिन लोगों के नाम इस अवैध खनन में सामने आ रहे हैं, उनमें प्रमुख रूप से निम्न व्यक्तियों का उल्लेख किया गया है:
- प्रवीण कुमार सिंह (पुत्र अज्ञात)
- उत्तम सिंह (पुत्र जयप्रकाश सिंह)
- जितेंद्र प्रताप सिंह (पुत्र अज्ञात)
- कमलदीप सिंह (पुत्र अजय पाल सिंह)
- शिव नरेश सिंह (पुत्र कंचन सिंह रावत)
- राघवेंद्र सिंह
बताया गया है कि यह अवैध खनन यमुना नदी की सक्रिय जलधारा में किया जा रहा है, जो न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से घातक है बल्कि इससे सरकार को राजस्व की भी भारी क्षति हो रही है।
अभी तक इस मामले में न तो खनन विभाग की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई की गई है और न ही लालापुर पुलिस की तरफ से कोई ठोस कदम उठाया गया है। यह स्थिति प्रशासनिक निष्क्रियता को दर्शाती है।
जनता और क्षेत्रीय सामाजिक संगठनों की मांग है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
प्रशासन की चुप्पी, माफियाओं का दुस्साहस
पर्यावरणीय नुकसान के साथ-साथ करोड़ों के सरकारी राजस्व की हानि
जवाबदेही तय करने की मांग तेज