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श्रीलंका से कौशांबी तपोस्थली आए बौद्ध भिक्षुओं की बस पर स्थानीय लोग मारे पत्थर, बौद्ध भिक्षु घोसिता राम विहार, अशोक लाट का किया दर्शन

कौशांबी में श्रीलंका से आए बौद्धिष्टों की बस में तोड़फोड़, विरोध करने पर बौद्ध अनुयायियों से की गई धक्का-मुक्की

कौशाम्बी । जिले में गौतमबुद्ध की तपोस्थली कौशांबी में श्रीलंका से आए अनुयायिओं की बस में भीख न मिलने पर स्थानीय लोगों ने ईट पत्थर चला दिया है ,इससे बस का शीशा टूट गया है । इतना ही नहीं बौद्धिष्टों से धक्का-मुक्की भी की गई। आरोप है कि सूचना के बाद भी पुलिस नहीं पहुंची। इससे नाराज विदेशी श्रद्धालु चले गए हैं। वहीं पुलिस का कहना है कि उनके पास ऐसी कोई सूचना ही नहीं थी।

बता दें कि बौद्ध की तपोस्थली में प्रतिदिन विदेशी बौद्धिष्ट पूजा पाठ के लिए आते हैं। सोमवार को श्रीलंका से 65 बौद्विष्टों का जत्था वाराणसी के सारनाथ से टूरिस्ट बस से तपोस्थली पहुंचा। श्रीलंका बौद्ध विहार में पूजा पाठ करने के बाद विदेशी श्रद्धालु घोषिताराम विहार पहुंचे। इसके बाद वह अशोक स्तम्भ स्थल पहुंचे। इसी दौरान वहां स्थानीय लोग भीख मांगने के लिए पहुंच गए। बौद्विष्टों ने भीख देने से इंकार कर दिया। इससे स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। बस में लोगों ने ईट पत्थर चला दिया। इससे बस शीशा टूट गया। विरोध करने पर बौद्धिष्टों से धक्का-मुक्की भी की गई। इसकी जैसे ही जानकारी लंकाराम बौद्ध विहार के प्रबंधक डॉ. टी. सिरि. विशुद्धि थेरो को हुई तो उन्होंने फोन कर मुख्यालय की पुलिस को जानकारी दी। प्रबंधक का आरोप है कि पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। इससे नाराज श्रीलंका के बौद्धिष्ट बस में सवार होकर सारनाथ के लिए वापस चले गए। इस घटना से प्रबंधक आहत हैं। उनका कहना है कि वह लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं हो रही है। सीओ कौशांबी अभिषेक सिंह ने बताया कि वाराणसी से श्रीलंका के बौद्धिष्ट आए थे। वह बच्चों को टाफी चाकलेट दे रहे थे। चालक ने बच्चों को भगा दिया था। चालक व बच्चों के बीच विवाद हुआ था। जाते समय बच्चों ने ईट मारा है। पर्यटक वाराणसी पहुंचगए हैं। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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