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ट्रेनों पर जीआरपी, आरपीएफ के सिपाहियों का है दबदबा, कब ध्यान देंगे उच्च अधिकारी, सवारियों से करते हैं अवैध वसूली, फ्री में करते और कराते हैं यात्रा

👉 गाड़ियों में पुलिस वालों का एवं जीआरपी का पूर्ण रूप से है कब्जा, डंके की चोट पर एसी फर्स्ट में और एसी चेयरकार के सीटों पर है बैठेते ।
👉 टीटीई के बोलने पर देते हैं उसको धमकियां, रेल कर्मचारियों के साथ होती है बदतमीजी एवं बदसलूकी..
👉 विकास का कार्य अधिक होने के कारण अचानक रेल कर्मियों को बाहर करने जाना पड़ता है ड्यूटी ।

प्रयागराज । एनसीआर रेलवे जोन में भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो रहा है । खुलेआम जीआरपी और आरपीएफ की मिलीभगत से सवारियों से पैसा वसूली होती हैं , और ट्रेन में यात्रियों को सफर कराते हैं । विशेषकर दीनदयाल उपाध्याय ट्रेन मे गाजियाबाद तक यह तांडव होता है । टीटीई , ड्राइवर और गार्ड को ऑन ड्यूटी होने पर भी गाड़ियों से भगा देते हैं,उनको शीट नहीं देते और उनके साथ बदतमीजी करते हैं ,जबकि पुलिस वाले पूरे दावे के साथ फ्री में चलते हैं । रोजाना कम से कम 300 से 500 तक पुलिस वाले अपने रिश्तेदारों को भी लेकर बैठा कर फ्री मे चलते हैं ।

बता दें कि गोमती एक्सप्रेस जो लखनऊ से चलती है उसमे लखनऊ से अलीगढ़ तक रोजाना लगभग 300 सिपाही और दरोगा टीटीई को दबाव में लेकर यात्रा करते हैं । आरक्षित सीटों वाले यात्रियों को धक्के खाने पड़ते हैं । टीटीई डर के कारण पुलिस वालों से पंगा लेने की हिम्मत नहीं कर पाते हैं , क्योंकि जबसे जीआरपी की ड्यूटी ट्रेन एस्कॉर्टिंग में लगाई गई है उसके आगे आरपीएफ भी बौने साबित हो रहे है । ऑन ड्यूटी रेल को कर्मचारी ,ड्राइवर और गार्ड जब सीट मांगते हैं तो उनके साथ दुरव्यवहार किया जाता है और धक्के मार कर भगा देते हैं । जिनके कंधों पर रेल चल रही है उन्हीं का अपमान ट्रेन पर किया जा रहा है । इसी प्रकार ब्रह्मपुत्र एवं पुरूषोत्तम एक्सप्रेस जैसे अन्य गाड़ियों में भी यही हाल है, जो पैंट्रीकार और ए0सी में पूरी तरीके से कब्जा करके यात्रा करते हैं और यहां तक कि अपने साथ महिलाओं को भी लाते हैं । ऐसे में आरपीएसएफ का डिप्लाईमेंट कराना ट्रेनों में अति आवश्यक है , जिससे कि यह भय का माहौल समाप्त हो सके और पुलिस वालों की गुंडागर्दी ट्रेनों में बंद हो सके ।

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