जिले मे लगी है अधिकारियों के पास दर्जनों प्राइवेट वाहन, बिना टेंडर की लगाई गई है गाड़ियां, मनमाना दिया जा रहा रेट,तेल मे भी चोरी करके सरकारी रकम का लग रहा है चूना
जिले में सरकारी वाहनों का टोटा ,प्राइवेट गाड़ियां लगाकर दिया जा रहा है मनमाना रेट ।
👉 कर्मचारियों की लगी है विभाग में दर्जनों प्राइवेट गाड़ियां ।
कौशाम्बी । जिले में कई प्राइवेट गाड़ियों का लगाकर मनमाना रेट दिया जा रहा है और कर्मचारियों ने खुद गाड़ी खरीद कर अधिकारियों के यहां लगा रखी है । यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है । मंझनपुर तहसील में 2 प्राईवेट गाड़ी, 1 सरकारी गाड़ी है । सिराथू तहसील में एक प्राईवेट एक सरकारी गाड़ी लगी है । चायल तहसील में एक सरकारी गाड़ी, अतिरिक्त मजिस्ट्रेट प्रथम को एक प्राईवेट गाड़ी, अतिरिक्त मजिस्ट्रेट दि्तीय को एक प्राईवेट गाड़ी लगी है । इसी तरह सभी ब्लाकों के बीडीओ को भी प्राईवेट वाहन लगाया गया हैं ।
मंझनपुर तहसील में एसडीएम एवं तहसीलदार के ड्राइवर ने अपनी निजी गाड़ी दूसरे के नाम रजिस्ट्रेशन करा कर खुद चला रहे हैं जबकि एक चपरासी/ड्राईवर की तनख्वाह दूसरी गाड़ी का महीनवारी सैलरी उठा रहे हैं।जिले में ड्राईवर की पोस्टिंग नहीं है सब चपरासी चला रहे है । राजस्व का सरकारी खजाना खाली हो रहा है ।
ड्राईवर अधिकारियों की शह पर डीजल में भी गोलमाल हो रहा है ।
कुछ ड्राईवर अभी एक साल पहले अनुसेवक चपरासी की नौकरी 56-57 साल उम्र होने पर पाएं है । सरकारी वाहन को राजकीय वाहन कहते हैं, पूर्व में चायल तहसीलदार के राजकीय वाहन में लम्बा खेल हुआ था जिसमें तहसीलदार के खिलाफ विभागीय जांच बैठ गई थी । जिसमें तत्कालीन तहसीलदार से लाखों रुपए रिकवरी करवाई गई थी।
इन राजस्व ड्राईबरो का खनन से जुड़े दलालों से ज्यादा तालमेल रहता है और देर रात तक मुर्गा मछली की पार्टी होती है, जिसका उदाहरण मोबाइल जांच पर आधारित है । तहसील के जिम्मेदार अधिकारी यह सब जानकर भी अंजान बने बैठे हैं ।