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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद तहसील मे नहर के पानी ने ढाया कहर, लोग सडक पर रहने को मजबूर-दर्जनों घर गिरे, अब तक नहीं पहुंचा कोई जनप्रतिनिधि व अधिकारी

👉 अब तक नहीं पहुंचा गरीबों का हाल लेने न कोई अधिकारी और ना कोई नेता ।

👉 सिराथू तहसील में रामगंगा माईनर ने ढाया कहर, दर्जन से ज्यादा घर गिरे । लोग सड़क पर गृहस्थी लेकर धूप में बैठने को मजबूर ।

👉 योगी सरकार की हो रही छवि धूमिल, डिप्टी सीएम के जिले में बेखबर हैं जनप्रतिनिधि और अधिकारी।

कौशाम्बी । यूपी मे जहाँ योगी सरकार रात दिन प्रदेश की जनता के लिए हर संभव मदद करने के लिए हाथ पैर मार रही है और अधिकारियों तथा अपने जनप्रतिनिधियों को दिशा निर्देश दे रही हैं , वही कौशांबी जनपद में यह सब हवा-हवाई दिखता है । जिले मे सरकार की छवि जनप्रतिनिधि और अधिकारी खराब कर रहे हैं , जिससे आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा बीजेपी सरकार को भुगतना पड़ेगा । सिराथू तहसील में नहर का पानी गांव में घुस जाने से कई घर गिर गए हैं और गरीब तबाह होकर रोड पर आ गए हैं । वहीं आज तक जिले मे सत्ताधारी तीन विधायक और सांसद होने के बावजूद भी गरीबों को देखने तक कोई नहीं गया है ।

बता दें कि तीन दशकों से सूखे का प्रतीक व जंगलों वाली नहर के नाम से जानी जाने वाली कौशाम्बी की सबसे बड़ी नहर परियोजना रामगंगा में पिछले साल ही कुछ महीनों के लिए पानी देखा गया था। लेकिन
इस बार ज्यादा बरसात के कारण पड़ोसी राज्यों के बैराज व चेक डैमो से पानी छोड़ने का सिलसिला शुरू है , इसी कारण कौशाम्बी की इस नहर परियोजना में पानी आना जारी है । कौशाम्बी में नहर सफ़ाई के नाम पर हुई खानापूर्ति की तसवीरें यहाँ के लोगों के लिए कलंक बनी हुई है। नहर सफ़ाई के रूप में हुवे घोटाले के कारण जंहा से यह नहर गुज़री हुई जा रही है वहां दिक्कतें आ रही हैं और जगह जगह पर बंधे टूटे हुए हैं। रामगंगा नहर के सहायक नालों को बस्तियों के पास खुला छोड़ दिया गया है जिससे जब पानी आता है तो बस्तियों में भर जाता है।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद के गृह जनपद कौशाम्बी के तजमल्लाहन गाँव के महाराना में करीब 30 घर हैं जहाँ पर लगातार पानी इस बस्ती में घुस रहा है जिसके कारण 15 घर गिर चुके हैं। महाराना के ग्रामीण अपने उजड़े घर के सामानों को लेकर सड़क पर बैठे हैं।
पूरी गृहस्थी को लेकर महिलाएं अपने साथ बच्चे को भी धूप में लेकर बैठने को मजबूर हैं। महाराना गाँव के 15 घरों की महिलाएं अपनी पूरी गृहस्थी व बच्चों को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं। गाँव में हर तरह पानी ही पानी भरा हुआ है ,लोगों को अपने घरसे बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। सैकड़ों बीघा खेती बर्बाद हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि इतनी बड़ी समस्या के बावजूद भी कोई जनप्रतिनिधि ,सत्ताधारी विधायक और अधिकारी देखने तक नहीं पहुँचा है । अब इन ग्रामीणों को चिंता बढ़ रही है कि उनकी रातें खुले आसमान के नीचे कैसे गुजरेगी ।

एक तरफ जहां योगी सरकार गरीबों को हर संभव मदद करने की बात करती है वहीं कौशांबी जनपद में भाजपा के तीन विधायक और एक सांसद होने के बावजूद भी कोई आज तक इन गरीबों की सुधि लेने नहीं पहुंचा है । अब देखना है कि मीडिया में खबर आने के बाद यह सत्ताधारी नेता इन गरीबों की सुधि लेते हैं या फिर हवा में बयान बाजी और जुमलेबाजी ही करते रहेंगे ।

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