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रेलवे एनसीआर में नहीं थम रहा है भ्रष्टाचार ,वर्षों से चल रहा है खेल- विजिलेंस विभाग फेल , सिनियर-डी के कार्यकाल में कर्मचारियों के साथ हुई दुर्घटनाएं की भरमार

👉 रेलवे के टीआरडी डिपार्टमेंट में नहीं रुक रहा है भ्रष्टाचार।

👉 एसएससी और सीनियर-डी ने मिलकर मचा रखी है लूट ,उच्च अधिकारियों ने दे रखी है छूट

सिनियर-डी के कार्यकाल में कर्मचारियों के साथ हुई दुर्घटनाओं की भरमार ,कई लोगों की गई जान .

रिपोर्ट – अमरनाथ झा ( 8318 977396 )

प्रयागराज । रेलवे एनसीआर जोन के डीआरएम ऑफिस में बैठे अधिकारी भ्रष्टाचार को इस तरह से बढ़ावा दे रहे हैं कि रेलवे राजस्व का जहां एक तरफ बड़े पैमाने पर घाटा हो रहा है वही यह भ्रष्ट और कामचोर अधिकारी मालामाल हो रहे हैं । वर्तमान सीनियर-डी के कार्यालय में कर्मचारियों के साथ हुई दुर्घटनाओं की भरमार है। जिस पर रोक लगाने के लिए यह अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति करते हैं और सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करते हैं । कई वर्षों से जमे हुए एसएससी और अन्य अधिकारी ठेकेदारों से मिलकर सुरक्षा एवं गुणवत्ता को ताक पर रखकर कर्मचारियों से कार्य करा रहे हैं । इसीलिए आए दिन कर्मचारियों के साथ दुर्घटनाएं हो रही है ,जिसमें बहुत से लोगों की जान भी चली गई है। सीनियर-डी के चहेते एसएससी ठेकेदारों से मिलकर मोटी रकम लेकर अवैध कमाई करते हैं और वर्षों से मलाई काट रहे हैं। हर माह सीनियर डी के घर का राशन तक एसएससी पहुंचाते हैं ,जो विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है । इतना ही नहीं डिपो के द्वारा या सुविधा पहुंचाने वाले कर्मचारियों को अधिकारी द्वारा फर्जी यात्रा भत्ता भी देकर खुश किया जाता है ।

प्रमोशन और ट्रांसफर में एक चहेते बाबू द्वारा जमकर धन उगाही कर कार्य कराया जा रहा है । सूत्रों की माने तो 20 हजार से लेकर 50 हजार में सौदा तय कर यह कार्य उक्त बाबू खुलेआम करता है और उच्च अधिकारियों को भी रकम में बंदरबांट करता है । देखा जाए तो अलीगढ़ ,रूरा ,मेजा , मिर्जापुर ,चुनार आदि विभाग के डिपो में कई कर्मचारी जख्मी हुए हैं और कई लोगों की जान भी चली गई है लेकिन विभाग के उच्च अधिकारी आंख में पट्टी बांधकर और कान में तेल डालकर बैठे हैं । यहां तक की कई लोगों को आनन-फानन में एसएससी ने ठेकेदारों से मिलकर इन मामलों में दबाने का के लिए कर्मियों को 10 हजार देकर संतुष्ट किया, जिसमें ठेकेदार के आदमी शामिल रहते हैं ।

इसी तरह से स्टोर में सामान का कोई भी लेखा-जोखा किसी डिपो में नहीं है और ना ही कोई व्यवस्थित है । देखा जाए तो बड़े पैमाने पर उन्हीं सामानों को विभाग के अधिकारी सामानों को पुनः कंडम करके खानापूर्ति कर फर्मों को वापस कर देते हैं जिसमें बड़े पैमाने पर घालमेल होता है । डीजल की खरीद-फरोख्त में बड़े पैमाने पर हेरा- फेरी की जाती है । जिसमें सारा खेल डीजल चोरी का होता है । एसएससी द्वारा पेट्रोल पंप पर ही यह खेल किया जाता है और इनकी गाड़ियों में फ्री में डीजल डाला जाता है । इस फ्री के डीजल से इनकी गाड़ियां चलती है । विभाग में लगे ट्रकों को यह अधिकारी व्यक्तिगत कार्य में प्रयोग करते हैं और फर्जी लॉग बुक को मेंटेन करके रेलवे राजस्व को चूना लगा रहे हैं । रेलवे मे ऐसे बहुत से भ्रष्ट अधिकारी हैं जिनके पास आय से अधिक संपत्ति और बेनामी अकूत संपत्ति है ,जिसकी अगर जांच हुई तो बहुत लोगों की गर्दन फंसना तय है ।

मजेदार बात तो यह है कि यह सब कुछ जानते हुए भी रेलवे के विजिलेंस विभाग के अधिकारी भी मिले हुए हैं । यही कारण है कि आज तक इस डिपार्टमेंट में विजिलेंस वालों ने निरीक्षण नहीं किया है । देखा जाए तो टीआरडी डिपार्टमेंट प्रयागराज में 20-20 वर्षों से एक ही स्थान पर कई बाबू व अधिकारी जमे हुए हैं । ये लोग ठेकेदारों से मिलकर धन उगाही करते हैं और रात में हमेशा होटलों में इनके साथ रातें रंगीन होती है । टीआरडी विभाग में भ्रष्टाचार का जखीरा व्याप्त है , यदि विजिलेंस विभाग और रेलवे के उच्च अधिकारियों ने ध्यान दिया और जांच कराई तो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा होना तय है ।

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