बिना रजिस्ट्रेशन दौड़ रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली, बन रहे हादसों का कारण, प्रशासन मौन
कौशांबी। जिले में मोटर वाहन नियमों की खुलेआम अनदेखी हो रही है। बिना रजिस्ट्रेशन, बिना परमिट और ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। इनका प्रयोग कृषि कार्य की जगह वाणिज्यिक परिवहन जैसे ईंट, बालू, गिट्टी और भूसे की ढुलाई में किया जा रहा है, जिससे सड़क हादसों में लगातार वृद्धि हो रही है।
ग्रामीण इलाकों से लेकर नगर क्षेत्र तक, दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रॉलियां बिना फिटनेस प्रमाणपत्र और लाइसेंसधारी चालकों के सड़कों पर दौड़ती नजर आती हैं। चालक अक्सर अनुभवहीन होते हैं और ट्रैक्टरों में तकनीकी खामियां—जैसे ब्रेक फेल होना या स्पीड कंट्रोल न होना—आम बात है। इससे ट्रैक्टर के पलटने या टकराने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
विशेषकर ईंट भट्ठों से ट्रैक्टरों के जरिए भारी मात्रा में ईंटों की ढुलाई हो रही है। स्थानीय लोग बताते हैं कि कई ट्रैक्टर बिना नंबर प्लेट और वैध कागजातों के ही रात-दिन सड़क पर फर्राटा भरते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।
पिछले कुछ महीनों में ट्रैक्टर-ट्रॉली से जुड़ी कई घटनाओं में लोगों की मौत तक हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन और परिवहन विभाग द्वारा कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया है। इलाकाई पुलिस और विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण ट्रैक्टर मालिकों और भट्ठा संचालकों का मनोबल और बढ़ गया है।
स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि अवैध रूप से संचालन कर रहे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर सघन अभियान चलाकर रोक लगाई जाए। साथ ही, ट्रैक्टरों की फिटनेस, ड्राइविंग लाइसेंस और वाणिज्यिक परमिट की जांच सुनिश्चित की जाए ताकि आमजन की सुरक्षा की गारंटी दी जा सके।