खेत तालाब योजना में गड़बड़ी पर डीएम सख्त, भूमि संरक्षण अधिकारी का रोका वेतन

👉 सभी सरकारी कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य, AE और JE का वेतन रोकने के निर्देश…
कौशाम्बी । जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी की अध्यक्षता में मंगलवार को उदयन सभागार में कृषि, लघु सिंचाई, पशुपालन व उद्यान विभागों की संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
खेत तालाब योजना में लापरवाही पर कार्रवाई
जिलाधिकारी ने खेत तालाब योजना की समीक्षा के दौरान भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा गलत जानकारी दिए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने तत्काल प्रभाव से अधिकारी का वेतन रोकने के निर्देश देते हुए कहा कि योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने लक्ष्य को संशोधित करते हुए 17 के बजाय 50 खेत तालाब बरसात से पहले खोदवाने के निर्देश दिए।
नहरों में जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश
समीक्षा के दौरान बताया गया कि जनपद की 35 नहरों में से 22 में पानी पहुँच चुका है। इस पर जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता सिंचाई को निर्देश दिए कि शेष सभी नहरों में शीघ्र जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने नहरों की शिल्ट सफाई तत्काल पूर्ण कर फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।
वर्षा जल संचयन को लेकर सख्त रुख
रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना की समीक्षा करते हुए डीएम ने बताया कि जनपद में 55 स्थानों पर सिस्टम लगाए जाने हैं। उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर सभी सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों और महाविद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक यह कार्य पूर्ण नहीं हो जाता, संबंधित एई और जेई का वेतन आहरित नहीं किया जाएगा।
कृषि क्षेत्र में 25% अधिक किसानों को जोड़ने का लक्ष्य
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि गत वर्ष की तुलना में कम से कम 25 प्रतिशत अधिक किसानों को योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। उन्होंने केला, नीबू, आंवला, ड्रैगन फ्रूट, पपीता व सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में विस्तार के निर्देश दिए। साथ ही मृदा परीक्षण, जैविक खेती व प्रदर्शन क्षेत्रों के विस्तार पर भी बल दिया।
पशुपालन और मत्स्य पालन को बढ़ावा
डीएम ने पशुपालन विभाग को निर्देशित किया कि ऐसे सभी ब्लॉकों की पहचान की जाए जहाँ गोवंश की संख्या अधिक है और वहाँ सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। मत्स्य पालन योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया, ताकि अधिक से अधिक लाभार्थियों को जोड़ा जा सके।
FPO को प्रोत्साहित करने के निर्देश
कृषक उत्पादक संगठनों (FPO) को निर्देशित किया गया कि वे अपने उत्पादों का प्रचार-प्रसार कर बाजार तक पहुँच सुनिश्चित करें, ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव, उप निदेशक कृषि सत्येंद्र कुमार तिवारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।