Thu. Jun 5th, 2025

लेखपाल की मनमानी से ग्रामीणों में रोष,भूमिधरी भूमि व ग्रामसभा को आबादी दिखाकर कराया कब्जा, आराजी नंबर 781 को बताया आबादी, मामला कोर्ट में है विचाराधीन

👉 आराजी 781 पर आबादी बताकर संतलाल को दिलवाया कब्जा, बनवाया 8 फीट ऊँची दीवार, बिना कोई आदेश किया नाप

👉 17 अगस्त 2024 को जिस निर्माण को रोका गया, फिर कराया चालू ग्रामीणों ने लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की उठाई मांग

👉 आखिर किस अधिकारी के आदेश से चलाई जंजीर,विवाद कराना चाहता है लेखपाल, क्या है उसकी मंशा ।

👉 चोरी चुपके से जमीन नापने पहुंचा लेखपाल, चलाया जंजीर, भूमिधरी को बताया आबादी, कहा नहीं माने तो टीम गठित करवाकर कराऊंगा नाप 

कौशाम्बी। जिले के मंझनपुर ब्लाक के भैला मकदूमपुर गांव में सोमवार को आराजी नंबर 781 भूमि पर नापजोख के नाम पर लेखपाल की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। मामला आराजी संख्या 781 से जुड़ा है, जिसे राजस्व अभिलेखों में स्पष्ट रूप से 13 बिस्वा ग्रामसभा की भूमि के रूप में दर्ज किया गया है। इसके बावजूद संबंधित लेखपाल ज्वाला सिंह द्वारा उक्त भूमि को बार-बार आबादी दर्शाकर निजी पक्ष को कब्जा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।

ग्रामीणों के अनुसार, लेखपाल द्वारा आराजी संख्या 781 को 780 (आबादी भूमि) बताते हुए संतलाल नामक व्यक्ति के पक्ष में नाप करवाया गया, और इस दौरान पहले से बनी नींव को करीब 8 फीट ऊंची दीवार भी बिना किसी विधिक आदेश के बनवा दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि इसी भूमि पर 17 अगस्त 2024 को अवैध निर्माण को प्रशासन द्वारा रुकवाया जा चुका था।

हालिया नापजोख में लेखपाल ने न सिर्फ 781 बल्कि आराजी संख्या 782 को भी आबादी घोषित कर दिया, जबकि असल रिकॉर्ड के अनुसार यह क्षेत्र भूमिधरी है और इसके पीछे 783 तालाब की सीमाएं भी दर्ज हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यह पूरी कार्यवाही किसी सक्षम अधिकारी के लिखित आदेश के बिना की गई और इसका उद्देश्य ज़मीन विवाद उत्पन्न कर निजी हित साधना है।

स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि उक्त भूमि की पूर्व में 2013 में कई बार नापजोख हो चुकी है, जिसमें स्थिति स्पष्ट हो चुकी थी। फिर भी अब पुराने रिकॉर्डों को दरकिनार कर नई नाप के माध्यम से भ्रम फैलाया जा रहा है। बता दें कि 781 पहले संकर लाल के नाम दर्ज थी जिसे अमर नाथ ने रजिस्ट्री करा लिया था। दाखिल खारिज होने से पहले तत्कालीन sdm राम सिंह ने इसकी ग्राम सभा में दर्ज कर दिया था जो कमिश्नरी न्यायालय में विचाराधीन है।

इस संबंध में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी एवं उपजिलाधिकारी सहित उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत सौंपकर लेखपाल के खिलाफ विभागीय जांच एवं कार्यवाही की मांग की है। साथ ही निष्पक्ष जांच के माध्यम से वास्तविक स्थिति को बहाल करने की अपील की है।

अमरनाथ झा पत्रकार – 9415254415

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

मुख्य ख़बरें