कौशाम्बी में तबादलों की राजनीति बनी चर्चा – जाते-जाते एसपी का विवादित फैसला सुर्खियों में ,5 दरोग़ा 11सिपाहियों को किया ट्रान्सफ़र

👉 कौशाम्बी में तबादलों की राजनीति ने मचाया बवाल ,
एसपी के अंतिम दिनों में 5 दरोगा और 11 सिपाही इधर से उधर
👉 पुलिस लाइन से थानों में तैनात किए गए 10 सिपाही, सेटिंग-गेटिंग और चहेतों की ‘फेवर पोस्टिंग’ की चर्चा गर्म
👉 एक ही सिपाही का दो बार ट्रांसफर, मंशा पर सवाल,जाते-जाते एसपी ने ‘तिजोरी भरने’ वाला अध्याय छोड़ा पीछे
👉सुर्खियों है रहा है एसपी बृजेश श्रीवास्तव का कारनामा ..
कौशाम्बी। जिले में पुलिस विभाग के भीतर तबादलों को लेकर एक बार फिर से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस बार मामला और भी गंभीर इसलिए हो गया क्योंकि यह पूरा घटनाक्रम कौशाम्बी के पुलिस अधीक्षक के कार्यकाल के अंतिम दिनों में सामने आया है। जाते-जाते एसपी ने 5 दरोगा और 11 सिपाहियों के अचानक तबादले कर दिए, जिससे विभागीय हलकों में हलचल मच गई है।
सूत्रों के अनुसार, 10 सिपाहियों को पुलिस लाइन से सीधे थानों में तैनात कर दिया गया, जबकि कुछ का ट्रांसफर एक से दूसरे थाना या चौकी में किया गया। खास बात यह रही कि तबादलों का कोई स्पष्ट औचित्य या नियमावली के अनुसार आधार नहीं दिया गया। इससे यह आशंका और भी गहरी हो गई है कि यह पूरी प्रक्रिया केवल सेटिंग-गेटिंग और व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से की गई।
विशेष रूप से चर्चा में आया एक मामला, जिसमें एक सिपाही का संदीपन घाट से मंझनपुर और फिर तुरन्त सैयदसरावा चौकी में ट्रांसफर किया गया। विभागीय सूत्र मानते हैं कि यह तैनाती सीधे तौर पर “फेवर पोस्टिंग” का परिणाम है।
इन तबादलों को लेकर कई पुलिस कर्मियों में असंतोष और निराशा का माहौल है। उनका कहना है कि योग्य और मेहनती कर्मियों को नजरअंदाज कर कुछ चुनिंदा चेहरों को प्राथमिकता दी गई। इससे पुलिस बल की कार्यप्रणाली और निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
एसपी पर लगे आरोपों में यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने “दोनों हाथों से तिजोरी भरने” जैसा रवैया अपनाया और तबादलों को कमाई का जरिया बना लिया। यही नहीं, राजनीतिक हस्तक्षेप की भी चर्चा ज़ोरों पर है, जिससे कानून-व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
स्थानीय नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विभागीय सूत्रों ने पूरे तबादला प्रकरण की निष्पक्ष जांच और उच्चस्तरीय कार्रवाई की मांग की है।
अमरनाथ झा पत्रकार ,8318977396