Tue. Apr 8th, 2025

जिले में कानून व्यवस्था पर उठे सवाल , एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव और एसएचओ की मिली भगत से जनता बेहाल,एक माह बाद भी नहीं लिखा गया पीड़ित की रिपोर्ट

👉 जिले में पीड़ितो को नहीं मिल रहा न्याय,एसपी और एसएचओ मिलीभगत से बढ़ रहे जिले में अपराध । जिले के बबुरा गांव में 75 साल बुजुर्ग महिला सहित तीन लोगों की दबंगों ने की पिटाई।

👉 पीड़ितों ने इलाज के बाद थाना चरवा में दर्ज करानी चाही रिपोर्ट,तो दबंग पहले ही लिखा दिया मुकदमा ,थाना पुलिस ने पीड़ित का एफआईआर दर्ज करने से किया इनकार। उल्टा पीड़ित घनश्याम वा उसके भाई का कर दिया चालान।

👉 पीड़ित ने तीन बार एसपी आफिस में की शिकायत, फिर भी नहीं मिली सुनवाई।

👉 एसपी ने कहा — ” नहीं लिखा जाएगा क्रॉस मुकदमा।”

👉 एक महीने से पीड़ित परिजन सहित नही लौटा घर,दबंगो से है डर ।दबंग ने लिखाया मनगढ़ंत मुकदमा ।

👉 दबंग खुलेआम घूम रहे, पुलिस बनी मूकदर्शक,कर रही दबंगो का सपोर्ट। ग्रामीणों ने SHO की पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और लेन-देन के लगाए आरोप। यही वजह है बढ़ रहा अपराध ।

👉 SP और थाना प्रभारी की भूमिका पर उठे सवाल, जनता ने की न्यायिक जांच की मांग।

कौशाम्बी । जिले के थाना चरवा अंतर्गत बबुरा गांव में दबंगों द्वारा एक परिवार पर हमला करने और पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज न करने का गंभीर मामला सामने आया है। घटना 8 और 9 मार्च की है जब गांव निवासी घनश्याम के घर पर कुछ दबंगों ने मुकदमा में सुलह नहीं होने पर हमला कर दिया। इस हमले में 75 वर्षीय वृद्धा सहित तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए। एम्बुलेंस से चायल भेजा गया और इलाज के बाद जब पीड़ित परिवार रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचा तो थाना पुलिस ने न केवल रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया बल्कि पीड़ित घनश्याम का ही चालान कर दिया गया।

घनश्याम ने बताया कि उसने इस घटना की जानकारी तीन बार पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दी लेकिन हर बार उसे अनसुना कर दिया गया। पीड़ित ने जब रिपोर्ट दर्ज न होने का कारण पूछा तो एसपी द्वारा कथित तौर पर कहा गया कि “क्रॉस मुकदमा नहीं लिखा जाएगा।” यह कथन पुलिस प्रशासन की निष्पक्षता और न्यायप्रियता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

पीड़ित ने एएसपी और सीओ चायल से भी गुहार लगाई जांच कर कार्यवाही की बात कही लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इस बीच 9 मार्च से पीड़ित परिजन डर के कारण अपने घर नहीं लौट सका और दबंग खुलेआम गांव में घूमते रहे।

ग्रामीणों का आरोप है कि थाना चरवा में बिना पैसे या राजनीतिक पहुंच के कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज होती। SHO की पोस्टिंग में भारी भ्रष्टाचार और सिफारिश चल रही है, जिससे आम जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा है। मामले में SP की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि उन्होंने खुद थाना प्रभारी की मनमानी पर कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस कर की मनमानी का ही हाल है कि इस घटना के दो दिन पहले काजू गांव में डबल मर्डर हो गया था ।

ग्रामीणों ने मांग की है कि मामले की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच कराई जाए तथा दोषी अधिकारियों और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई हो।

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