कौशांबी के करारी सहित मंझनपुर में लकड़ी माफिया सक्रिय, प्रशासन बना मूकदर्शक ,वन विभाग के रेंजर और पुलिस की मिलीभगत से चल रहा है खेल, लकड़ी माफिया पर लगाम लगाने में प्रशासन फेल
👉 करारी में लकड़ी माफिया बेखौफ, प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में ,रात के अंधेरे में हरे पेड़ों की कटाई, वन संपदा पर संकट
👉 पुलिस-वन विभाग की मिलीभगत से फलदार पेड़ों की हो रही अवैध कटाई ,चौकी के सामने से गुजरते लकड़ी से भरे वाहन, कानून व्यवस्था पर सवाल, सीसीटीवी कैमरों से हो सकता खुलासा, लेकिन कार्रवाई नदारद
👉 मंझनपुर के रेंजर राज कैथवाल पर लगते रहे है पेड़ कटवाने का आरोप ,2 माह में कटवा दिए कई दर्जन हरे पेड़, सरकारी शीशम के पेड़ भी पैसे लेकर कटवाया ,नहीं हुई रेंजर पर कार्यवाही
रिपोर्ट ….अमरनाथ झा …9415254415
कौशांबी । जिले के करारी क्षेत्र में लकड़ी माफिया बेखौफ होकर हरे-भरे पेड़ों की कटाई कर रहे हैं, जबकि स्थानीय प्रशासन और वन विभाग मौन बना हुआ है। प्रतिदिन रात के अंधेरे में इलेक्ट्रिक मशीनों की मदद से कई हरे पेड़ काटे जा रहे हैं। महज 2-3 घंटों में बड़े-बड़े पेड़ों को गिराकर लकड़ियों को ट्रकों, आयशर और पिकअप वाहनों के जरिए विभिन्न स्थानों पर भेजा जा रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह अवैध कटाई पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से हो रही है। करारी के प्रमुख चौराहों से होकर लकड़ियों से भरे वाहन बेरोकटोक गुजरते हैं, यहां तक कि चौकी के सामने से भी बिना किसी जांच के निकल जाते हैं। करारी चौराहा चौकी में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से इस पूरे खेल का खुलासा हो सकता है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
सवाल उठता है कि आखिर कब तक वन संपदा की इस खुलेआम लूट को नजरअंदाज किया जाएगा? क्या पुलिस और वन विभाग की निष्क्रियता के कारण करारी का हरित क्षेत्र धीरे-धीरे उजड़ता रहेगा? स्थानीय प्रशासन की चुप्पी ने इस अवैध व्यापार को और भी बढ़ावा दिया है, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। अब देखना होगा कि कब तक इन लकड़ी माफियाओं पर लगाम लगाई जाएगी और क्या प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई करेगा?