Fri. Apr 11th, 2025

कौशांबी में शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार, फर्जी तरीके से डिग्री पर नौकरी का मामला, कब होगी जांच, सदर ब्लाक भैला मकदूमपुर के प्राइमरी स्कूल का मामला

👉 फर्जी तरीके से डिग्री पर शिक्षक बना राम सुरेश, खुद का शिक्षा मित्र का किया रिकॉर्ड भी गायब,विभाग ने साधी चुप्पी…

👉 BRC मंझनपुर के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध, शिकायतों के बावजूद शिक्षा विभाग कर रहा है अनदेखी!

👉 IGRS रिपोर्ट में बड़ा खुलासा – कहां गया शिक्षा मित्र का रिकॉर्ड, स्थानीय लोगों की मांग – हो निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई!

कौशांबी। जिले में शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का एक और मामला उजागर हुआ है। भैला मकदूमपुर गांव के निवासी राम सुरेश पुत्र बच्चा पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी तरीके से अपनी डिग्री के आधार पर सहायक अध्यापक की नौकरी प्राप्त की है । इतना ही नहीं, उन्होंने अपने पूर्व शिक्षा मित्र पद का पूरा रिकॉर्ड स्कूल रजिस्टर से हटा दिया, ताकि उनकी वास्तविक योग्यता पर कोई सवाल न उठ सके।

BRC मंझनपुर के अधिकारियों की मिलीभगत!

इस घोटाले में BRC (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) मंझनपुर के अधिकारियों की भी संलिप्तता सामने आई है। आरोप है कि रिकॉर्ड ‘सेटिंग’ के माध्यम से हटा दिए गए हैं। शिकायतों के बावजूद, शिक्षा विभाग ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

कैसे हुआ घोटाला?

राम सुरेश पहले भैला मकदूमपुर के प्राइमरी स्कूल में शिक्षा मित्र के रूप में कार्यरत थे। लेकिन, उन्होंने फर्जी तरीके से नियम विरुद्ध डिग्री के आधार पर सहायक अध्यापक पद प्राप्त कर लिया और अब सरसवा ब्लॉक के कुम्हियावा प्राइमरी स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उसने अपना शिक्षामित्र का रिकॉर्ड गायन करवा दिया है, सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि इसने खुद रजिस्टर से पेज फाड़कर गायब किया है फिलहाल यह जांच का विषय है। कई बार जब इस मामले की शिकायतें की गईं, तो शिक्षा विभाग ने गोलमोल जवाब देकर इसे दबाने की कोशिश की है ।

शिकायतों के बावजूद प्रशासन निष्क्रिय

ऑनलाइन और ऑफलाइन कई शिकायतें दर्ज होने के बावजूद, बीएसए (BSA) कार्यालय ने जांच के नाम पर रिश्वत लेकर आरोपी को क्लीन चिट दे दी ऐसा चर्चा बना हुआ है । इससे यह साफ होता है कि पूरा मामला भ्रष्टाचार और विभागीय मिलीभगत का है।

IGRS रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

इस मामले में IGRS (Integrated Grievance Redressal System) के तहत भी शिकायत की गई थी। ABSA मंझनपुर ने BSA कौशांबी को पत्र संख्या 952 / 2023, दिनांक 24/03/2023 को IGRS नंबर 40017423001445 के तहत रिपोर्ट भेजी, जिसमें कहा गया कि राम सुरेश का शिक्षा मित्र का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। आज तक इस मामले में विभागीय अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की है और ना हो इसमें रिपोर्टें दर्ज कराई गई हैं। रेकॉर्ड स्कूल और बीआरसी मंझनपुर दोनों जगह से कैसे गायब किए गया यह जांच का विषय है।

अब सवाल उठता है कि आखिर शिक्षा मित्र का रिकॉर्ड कहां, कब और कैसे गायब हो गया?

स्थानीय लोगों की मांग – हो निष्पक्ष जांच!

स्थानीय लोग इस घोटाले की जिलाधिकारी के स्तर पर निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। अगर इस मामले की सही तरीके से जांच हुई, तो शिक्षा विभाग के कई और घोटाले उजागर हो सकते हैं।

क्या प्रशासन कार्रवाई करेगा?

शिक्षा क्षेत्र में इस तरह का भ्रष्टाचार न केवल शिक्षा प्रणाली को कमजोर कर रहा है, बल्कि योग्य अभ्यर्थियों के अधिकारों को भी छीन रहा है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस घोटाले पर क्या कदम उठाता है या इसे भी अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाएगा?

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