प्रयागराज हादसे के बाद कौशांबी प्रशासन सतर्क, बैरिकेडिंग कर वाहनों की रफ्तार पर लगाया ब्रेक

कौशाम्बी। मौनी अमावस्या स्नान के अवसर पर श्रद्धालुओं का भारी हुजूम उमड़ा, जिससे प्रयागराज में भारी भीड़ एकत्रित हो गई। बीती रात प्रयागराज में हुई दुखद घटना के मद्देनजर कौशांबी प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी और प्रयागराज जाने वाले मार्गों पर बैरिकेडिंग कर दी, जिससे चारपहिया वाहन, मोटरसाइकिल और साइकिल सवारों की रफ्तार पर रोक लगा दी गई।
अम्बर ढाबा के सामने बने बैरियर (स्वागत शिविर) के पास सुबह 7 बजे हाईवे को सीज कर दिया गया, जिससे वाहनों का आवागमन ठप हो गया। इस दौरान वाहन चालक और श्रद्धालु वैकल्पिक मार्गों की तलाश में भटकते रहे, लेकिन प्रशासन ने किसी को आगे बढ़ने नहीं दिया।
इसी बीच राजस्थान के विधायक गोपाल शर्मा का लाव-लश्कर सहित काफिला पहुंचा, लेकिन ड्यूटी पर तैनात चौकी इंचार्ज जितेंद्र प्रताप सिंह ने उन्हें रोक दिया। लगातार फोन कॉल्स के बावजूद पुलिस ने विधायक के काफिले को आगे जाने की अनुमति नहीं दी, जिससे उन्हें वापस लौटना पड़ा।
श्रद्धालुओं को हो रही असुविधा को देखते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ओमप्रकाश कुशवाहा मौके पर पहुंचे और स्नानार्थियों के लिए टैंकरों से पानी, रैन बसेरे की व्यवस्था और अल्प नाश्ते की सुविधा उपलब्ध करवाई।
बढ़ती भीड़ और यातायात नियंत्रण को देखते हुए उच्च अधिकारियों के निर्देश पर चौकी इंचार्ज अझुवा जितेंद्र प्रताप सिंह ने बैरियर को कनवार बॉर्डर पर स्थानांतरित कर दिया, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया। हालांकि, केवल मोटरसाइकिल सवारों को प्रयागराज जाने की अनुमति दी गई।
शाम 4 बजे, कनवार बॉर्डर से प्रयागराज की ओर जाने वाले वाहनों को मुक्त कर दिया गया, जिससे यातायात सुचारू रूप से बहाल हो सका।