चंगाई सभा के दौरान विवाद, महिला के पास मिली ईसाई धर्म प्रचार की पुस्तक, भारतीय संविधान मे हर धर्म को मानने, प्रचार करने की है स्वतंत्रता
👉 भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 के तहत सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का दिया गया है अधिकार ।
कौशांबी । ज़िले में ईसाई धर्म का प्रचार करने वालों की प्रार्थना सभा की खबर सुनकर हिंदू संगठनों के लोग मौके पर पहुंच गए। बताया जाता है कि वहां पर एक महिला हिंदू धर्म के लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के लिए लालच दे रही थी। मौके पर पहुंचे लोगों से पूछताछ पर एक युवक ने अपने धर्म के परिवर्तन कराए जाने की बात कही, जिसको हिंदू संगठन के लोग बिफर पड़े। मामले में सूचना पाकर पहुंची पुलिस आरोपी महिला से पूछतांछ कर रही है।
चरवा थाना क्षेत्र के सैयद सरावा गांव के एक घर में ईसाइयों की चंगाई सभा चल रही थी। यहीं पर धर्म परिवर्तन की बात को लेकर एक युवक से धर्म परिवर्तन को लेकर एक महिला का विवाद हो गया। मामला आसपास के लोगों को पता चला तब हिंदू संगठन के लोग भी वहां पहुंच गए, गांव के ही एक युवक ने उसका धर्म परिवर्तन कराए जाने का आरोप लगाते हुए महिला पर धमकी देने का भी आरोप लगाया है। मामले में युवक ने स्थानीय थाना पुलिस को लिखित तहरीर भी दिया है। घटना के बाद हिंदू संगठनों में भारी आक्रोश है। हिंदू संगठन के लोगों ने तहरीर दिया है ,तहरीर मिलने पर पुलिस एक महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
बता दें कि भारत का संविधान धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा पर आधारित है, जिसमें हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने, उसकी शिक्षा देने और उसकी पूजा करने की स्वतंत्रता है।
धर्म निरपेक्षता का सिद्धांत की बात करे तो भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 के तहत सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। इसमें किसी भी धर्म का पालन करने, उसे प्रचारित करने और उसकी शिक्षा देने की स्वतंत्रता शामिल है। भारत में राज्य का कोई आधिकारिक धर्म नहीं है, और सभी धर्मों को समान अधिकार दिए गए हैं।
अमरनाथ झा पत्रकार : 9415254415