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रेलवे एनसीआर के तीनों मंडलों में नही रुक रहा भ्रष्टाचार, रेलवे बोर्ड की ट्रांसफर पालिसी का हो रहा उलंघन,कानपुर,टूंडला,इलाहाबाद के सीएमआई व वेल्फेयर इन्स्पेक्टर ने मचा रखा आतंक

👉 रेलवे के वाणिज्य विभाग में रेलवे बोर्ड की स्थानांतरण पॉलिसी के अंतर्गत नहीं किया गया पूर्ण रूप से पालन 

👉 समस्त शहरों के टीटीओ/ चेकिंग स्टाफ का कर दिया गया ट्रांसफर लेकिन उच्च अधिकारियो ने कुछ अपने चाहतों को आखिर क्यों ट्रांसफर से बचाया, जांच का विषय ।

👉 आखिर कौन है वह लोग जो दे रहे हैं उन्हें संरक्षण 20 वर्षों से एक ही जगह पर जमे, ऐसे लोगों पर कब होगी कार्रवाई ।

👉 प्रारंभ से ही शताब्दी एवम प्रीमियम गाडियों में कर रहे हैं कार्य,सीआईडी कानपुर स्टेशन एवं सीआईटी अनवरगंज का संभाले हुए हैं चार्ज, आखिर इन पर कब होगी कार्रवाई ,बडा सवाल..

प्रयागराज/ इलाहाबाद । एनसीआर रेलवे के तीनों मंडलों में रेलवे डिपार्टमेंट के कमर्शियल विभाग में अभी तक भ्रष्टाचार का अंत नहीं हो सका है । जबकि रेलवे के अन्य डिपार्टमेंट में जहां कुछ कार्रवाई हुई है, वहीं कमर्शियल विभाग अभी तक इस मामले में अछूता रहा है ।

बता दें कि कुछ समय पूर्व रेलवे बोर्ड की ट्रांसफर पॉलिसी के अंतर्गत लगभग 80 परसेंट चेकिंग स्टाफ कर्मचारियों का ट्रांसफर हुआ है । जो लोग लंबे समय से एक ही जगह पर जमे हुए थे ऐसे लोगो का ट्रांसफर तो हुआ लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि उच्च अधिकारियों ने कुछ अपने चाहतों लोगो को संरक्षण दे रखा है और उनका अभी तक ट्रांसफर नहीं हुआ है । ऐसे लोग शुरू से ही शताब्दी में तथा प्रीमियम गाड़ियों में लंबे समय तक कार्य करके अकूत संपत्ति बनाई है, यदि उनकी जांच कराई गई तो आय से अधिक करोड़ों की संपत्ति निकालना तय है ।

बता दें कि वर्तमान समय में एसीएम कानपुर, एसीएम इलाहाबाद, एसीएम टूंडला की दया दृष्टि से कुछ सीआईटी लाइन वा सीआईटी प्रशासन का धंधा फल फूल रहा है। इसी तरह कानपुर में एक सीआईटी को कानपुर स्टेशन प्रशासन और दूसरे को सीआईटी अनवरगंज बनाकर स्थानांतरण से बचाने का काम किया गया है । इसी प्रकार हाल ही में एक चतुर्थ श्रेणी से आए हुए एक कर्मचारी ओ0पी दुवेदी जिसको शताब्दी गाड़ी में लगा दिया गया है और विजिलेंस केस हो जाने के बाद भी कमाऊ गाड़ियों में लगा दिया गया है। इसी तरह रोमित चतुर्वेदी जैसे लोगो को कमाऊ गाड़ियों में लगाकर उगाही की जा रही है । ऐसे लोगों को आखिर कौन संरक्षण दे रहा है, जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है और रेल प्रशासन के पॉलिसी की धज्जियां उड़ाई जा रही है । बता दें कि इसके पीछे पूर्ण रूप से एसीएम कानपुर और और डिप्टी सीटीएम का कार्यालय पूर्ण रूप से जिम्मेदार है जो जांचका विषय है ।

बता दे कि अक्सर यह भी देखा जा रहा है कि एसीएम कानपुर और एसीएम प्रयागराज तथा एसीएम टूंडला अपने चाहतों को मनमानी कमाऊ गाड़ियां वाली ट्रेनों की बुकिंग कर रहे हैं और रोस्टर में घपला किया जा रहा है । बता दें कि जिन टीटीओ का कोई पहुंच नही है अर्थात कोई संरक्षण देने वाला नहीं है, उनको उल्टी सीधी गाड़ियां में ड्यूटी लगाई जा रही है। जबकि यह पूरा मामला एसीएम कानपुर के संज्ञान में है लेकिन फिर भी मामला लगातार धड़ल्ले से चल रहा है । इसी तरह स्टेशनों के स्टाल में बाहरी खाना सीएमआई वा स्टेशन अधीक्षक कानपुर ,प्रयागराज तथा टूंडला और अलीगढ़ की मिली भगत से धड़ले से बेचा जा रहा है । यहां सामानों की रेट मे कीमत से ज्यादा वसूली मनमानी तरह से की जा रही है । कोहरा पड़ने के कारण जो यात्रियों की आवाजाही में बढ़ोतरी हुई है उसका नाजायज फायदा सीएमआई और वेलफेयर इंस्पेक्टर धड़ले से उठा रहे हैं । दबी जुबान में तो यह भी चर्चा है कि इस अवैध कमाई का मोटा हिस्सा ऊपर तक अधिकारियों में बंदर बाट हो रहा है। यही कारण है कि यह धंधा वर्षों से खुलेआम चल रहा है ।

इसी प्रकार बुकिंग एवम आरक्षण काउंटर पर कार्य कर रही महिलाओं के साथ सीएमआई तथा वेलफेयर इंस्पेक्टर का अभद्र व्यवहार एवम तानाशाही ड्यूटी रोस्टर मे गड़बड़ी की जा रही है। सीएमआई वा इंस्पेक्टर का आतंक इस तरह है की आफिस में काम कर रहीं महिलाओं के प्रति अत्याचार व उत्पीड़न का मामला कई बार उजागर हुआ है ,जिससे कुछ महिलाएं बहुत ही पीड़ित हैं और अपनी दबी जुवान में बात को रखने के लिए साहस नहीं जुटा पा रही हैं । इसके पीछे भी एसीएस कानपुर व प्रयागराज/ इलाहाबाद ही जिम्मेदार है । वही कुछ महिलाओं का ट्रांसफर पास में ही पनकी एवं नैनी तथा छिवकी किया गया है और कुछ लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है । इसमें भी पारदर्शिता न करके पक्षपात किया गया है जिसका मुख्य कारण मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में उच्च अधिकारी,सीनियर डीसीएम वा उनके कार्यालय पूर्ण रूप से जिम्मेदार है । जिसके कारण स्थानांतरण पॉलिसी में क्रियान्वित करने में पारदर्शिता नहीं है ,जिसकी जांच होना आवश्यक है ।

इसी प्रकार पार्सल डिपार्टमेंट में भी धड़ल्ले से दलालों के माध्यम से मनमानी तरह से बुकिंग की जा रही है और अवैध धन उगाई की जा रही है ,वहां पर भी इंस्पेक्टर्स का मनमानी धंधा चल रहा है ।

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