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जिले में आईटीआई विद्यालय में कब रुकेगा भ्रष्टाचार,करोड़ो का है घोटाला संज्ञान लो सरकार ,अनुदेशकों ने अपने परिजनों, करीबियों का एडमिशन करा कर टॉप कराया

आईटीआई विद्यालय मंझनपुर में प्रैक्टिकल के नाम पर फर्जीवाडा, अचल पांडे अनुदेशक बने चर्चा का विषय,कब होगी जांच

कौशांबी। जिले मे आईटीआई विद्यालय मंझनपुर में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। 3 साल के अंदर यहां करोड़ो का घोटाला हुआ है लेकिन अभी तक इस तरफ अधिकारीयों का ध्यान नहीं जा रहा है। कई बार मामला सुर्खियों मे आने के बाद भी अभी तक आईटीआई विद्यालय मे हुए भ्रष्टाचार की जांच नहीं हुई है।

सूत्रों की मानें तो आईटीआई विद्यालय मंझनपुर में 2022 के अंतिम एडमीशन कि लिस्ट में अनुदेशकों ने अपने परिजनों और रिश्तेदारों के नाम भी आईटीआई मे एडमिशन करा दिया है और वो लोग कभी आईटीआई विद्यालय में क्लास भी नही किए हैं लेकिन पास करना तो आम बात है ऐसे लोगो को टॉप कराया गया है। यदि इसकी जांच कराई गई तो ऐसे कई लोगो का नाम उजागर होना तय है । आईटीआई विद्यालय में सामान की खरीद में भी भारी घोटाला हुआ है। इसी तरह यहां तैनात जो अनुदेशक संजय सिराथू मे 2021 से अटैच है और इलेक्ट्रिसियन का चार्ज उसके पास है । सवाल यह हैं कि अचल पांडे के पास कोई चार्ज नही है तो ऐसे मे छात्रों का प्रैक्टिकल कैसे हो रहा है यह एक बहुत बड़ा सवाल है। यदि प्रैक्टिकल कराया गया तो इन्डेंट किसने किया और सामान किसने दिया कैसे मिला यह भी जांच का विषय है । अचल पांडे के पास कोई चार्ज नहीं है तो कैसे इलेक्ट्रिसियन का क्लास पढ़ा रहे हैं और प्रैक्टिकल का कोई चार्ज क्यों नहीं है यह एक जॉच का विषय है । सवाल यह उठता है कि 2021 से जो समान इलेक्ट्रिसियन में आया है उसका इंडेंट कौन किया है, रॉ मैटेरियल का मामला है ।

आईटीआई विद्यालय मंझनपुर में 2 साल से इलेक्ट्रिसियन का प्रैक्टिकल नहीं हो रहा है सिर्फ फर्जीवाड़ा किया जा रहा है । आखिर 2 साल से कौन करा रहा है रा- मैटेरियल, इंडेन्ट जबकि अचल पांडे के पास सिर्फ मेंनटेनेंस का चार्ज है । आईटीआई विद्यालय में मुख्य रूप से प्रैक्टिकल होता है लेकिन यहां रहें प्रधानाचार्य एमएम शुक्ला के द्वारा मनमानी तरीके से काम लिया गया है। करोड़ो के घोटाले में प्रधानाचार्य का अहम रोल रहा है जिनका ट्रान्सफर भदोही हो गया है और अभी हाल ही में उन्होने चार्ज देकर निकल गए हैं। यहां जो सामान 50 रुपए का है उसे 200 का खरीद दिखाया गया है। जो साफ्टवेयर 50 हजार का मार्केट में है उसे 2 लाख में खरीदने की भी चर्चा है। इसी तरह से 3 साल के अंदर करोड़ो का फर्जी तरीके से खरीद दिखाकर सरकारी रकम को हड़पने का काम किया गया है । अभी हाल ही में दो दो लाख का 4 सॉफ्टवेयर 8 लाख में खरीद दिखाया गया है ।फैशन डिजाइनर के अनुदेशक को हैंड ओवर नही किया गया है। इसी तरह ब्यूटी स्टूडियो में भी 4 मसीन खरीद में 4 गुना रेट दिखाया गया है जो जांच का विषय है । अभी 10-15 दिन पहले अनुदेशक को मसीन दिया गया है। यहां पर प्रिंसिपल रहे एम0एम शुक्ला और उनके सहयोगी विवेक तिवारी और ध्रुव ने मिलकर लम्बा खेल किए हैं । यदि जांच हुई तो आईटीआई मंझनपुर से कई चौंकाने वाले मामलो का खुलासा होगा और करोड़ों के घोटाला का पर्दफास होना तय है । इसी तरह आईटीआई में झाडू 300 में खरीदी गई है, वाइपर 500 रुपए , अर्थात बाजार रेट से गई गुना रेट पर खरीद हुई है।

इसी तरह कौशल विकाश के बच्चो को जगह आईटीआई के ही बच्चो को बैठा कर परीक्षा कराई गई है और उन्हे पास कराया गया है। आखिर कितने और कहा है कौशल विकाश के बच्चे , कहां चला उनका क्लास बड़ा सवाल है । करोड़ो का घोटाला हुआ है जिसकी दबे जुबान मे चर्चा है की प्रिंसपल ने जो गाड़ी खरीदी है वह घोटाले का पैसा है । उन्नाव में भी एम0एम शुक्ला रहे हैं जहां करोड़ो कि खरीददारी करके घोटाला किया गया है। भदोही में भी खरीददारी में इसी तरह घोटाला करने की चर्चा है ।

इस मामले में जब प्रधानाचार्य आईटीआई सिराथू के0के राम से बात हुई तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है, फिलहाल उस समय एमएम शुक्ला आईटीआई विद्यालय मंझनपुर में प्रधानाचार्य रहे हैं, यह मेरे समय का मामला नहीं है ,यदि ऐसा है तो इसकी जांच कराई जाएगी ।

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