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एनसीआर के डीआरएम ऑफिस में नहीं थम रहा है भ्रष्टाचार, मोतीलाल मिश्रा के कारनामों की है चर्चा,कब होगी कार्यवाही ,25 वर्षों एक ही जगह है काबिज

👉 उत्तर मध्य रेलवे जोन के इलाहाबाद मंडल में कार्मिक विभाग के नकारेपन से कर्मचारी है परेशान ।

👉 सेवानिवृत्त लोगों के न्यू पीपीओ अभी तक नहीं किए गए हैं जारी, पेंशन में नामिनी के लिए लोगों के परिवार है परेशान ,चक्कर लगाकर लौट रहे हैं घर ।

👉 UMID कार्ड लोगों के बनाए गए हैं गलत ,जिसके कारण अस्पतालों में जाकर मरीज करते हैं विरोध ,उनको नहीं मिलती है दवाइयां ।

👉 कर्मचारियों की छोटी-छोटी सुविधाओं को टाल देते हैं डीलर एपीओ और डीपीओ को नहीं है इसका संज्ञान ।

प्रयागराज । उत्तर मध्य रेलवे मंडल प्रयागराज के कार्मिक विभाग में अभी भी मक्कारो,कामचोरों की फौज तैयार है और दिन भर कर्मचारियों का काम ना करके अपनी कुर्सियों से गायब रहते हैं । या फिर सेटिंग बनाकर धन उगाही करने के चक्कर में लोग सेटिंग बनाते रहते हैं ।
बता दें कि पर्सनल विभाग में अधिकतर एक- एक लाख के जो बाबू डी-कैटराइज होकर बने हुए हैं उनको काम धाम तो नही आता है लेकिन वसूली के नाम पर दिनभर लगे रहते हैं । विभागीय कर्मचारियों को परेशान करने का यह एक रैकेट बना रखा है जो सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पीपीओ अभी तक पुराने वाले नए में बदलकर जारी नहीं किए गए है । जिसके कारण बहुत से लोग अपनी सुविधाओं से वंचित है ,बहुत से ऐसे विधवा एवं तलाकशुदा लड़कियां जो पेंशन में अपने को नॉमिनी कराने व पेंशन पाने के लिए परेशान हैं ,उनको घुमा फिरा कर वापस भेज दिया जाता है । इसका कोई जिम्मेदार कोई अधिकारी या डीलर नहीं बताया जाता है ,इसी तरह जो यू0एम0आई0डी कार्ड कर्मचारियों के स्वास्थ्य सुविधा से संबंधित बनाए गए हैं उसमें भारी-भरकम त्रुटियां हैं । लोगों का पूरा पैसा कट जाने के बाद भी उनके कार्ड में क्रोनिक केस अंकित किया गया है जिसके कारण वह चिकित्सालय में जाते हैं और पूरा पैसा जमा करने के बाद भी उनके कार्ड में क्रॉनिक केस अंकित कर उनको अवैध घोषित किया जाता है । जिसके कारण उनको दवाइयां नहीं मिलती हैं और वह परेशान होते हैं, इसका सुधार अभी तक नहीं किया जा रहा है । ऑनलाइन सारे कार्ड देखने वाला और उनका सुधार करने वाला कोई नहीं है ।

बता दें कि डीआरएम ऑफिस में तैनात मोतीलाल मिश्रा जिसकी पोस्टिंग निराकरण सेल में है और वह वहां पर ना बैठकर सीनियर डीपीओ के रहमो करम पर एक आलीशान चेंबर मे बैठता है । चेंबर मिलने के बाद मोतीलाल मिश्रा आज भी अपने तानाशाही से बाज नहीं आ रहा है, वह अपने आपको किसी अधिकारी से कम नहीं समझता है । अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को बुलाकर पर डांटता है एवं लोगों को आदेश देता है कि मेरे इशारे पर ही सारा काम होना चाहिए । आजकल तो मोतीलाल मिश्रा लोगों को बुला करके सीधा SF-5 की धमकी देकर अधिकारी को गुमराह कर विभाग में तनाव पैदा करने का कार्य कर रहा है और कई लोगों को SF- 5 भी जारी कर आ चुका है ।

बता दें कि मोतीलाल मिश्रा का एक लंबा रैकेट है और यह कई वर्षों से डीआरएम ऑफिस में एक ही जगह तैनात है । जिसकी वजह से करोड़ों की अवैध काली कमाई करके आय से अधिक और बेनामी संपत्ति बना रखा है ,जिसकी जांच होना आवश्यक है । इसके फर्जी दस्तावेज की बात करें तो इसके खिलाफ कई बार शिकायत हुई लेकिन उच्च अधिकारियों ने अभी तक इस मामले को दबाए रखे हैं । सूत्रों की मानें तो मोतीलाल मिश्रा की मार्कशीट/ डिग्री भी फर्जी लगाकर नौकरी पाए जाने की चर्चा जोरों पर हैं जो जांच का विषय है। इस मामले में भी आज तक कोई जांच नहीं हुई है । इसके स्थानांतरण का आदेश पूर्व मंडल रेल प्रबंधक करके गए थे लेकिन उन आदेशों को किसी दबाव में रोक रखा है । इसका साम्राज्य प्रयागराज में चारों ओर स्थानीय स्तर पर राजनीतिक जोड़-तोड़ इतनी जबरदस्त है कि लोगों को अनगिनत सुविधाएं देकर नियमों को ताक पर रखकर अपना वर्चस्व कायम कर रखा है ।
मोतीलाल मिश्रा के अनगिनत कारनामों काका जिंदा लोगों के पास है एवं न्यायालय में भी चल रहे हैं जो यदि वास्तव में उनकी जांच एजेंसी द्वारा कराई गई तो इनकी नौकरी जाना है अब देखना है कि कौशांबी वॉइस की खबरों का संज्ञान लेकर उच्च अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं यह एक बड़ा सवाल है ।

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