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जिले के स्वास्थ्य विभाग पर नही है किसी का कंट्रोल, जिला अस्पताल के पास है 5 दर्जन से अधिक संचालित है मानक विहीन प्राइवेट हॉस्पिटल, डिग्री विहीन एवं मानक विहीन चल रहे हैं जिले में बड़े-बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल

झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं इलाज, आए दिन होती है मरीजों की मौत । जिला अस्पताल के सामने जिधर नजर डालो प्राइवेट अस्पतालों के ही नजर आएंगे बड़े बड़े बोर्ड ।

कौशांबी। यू0पी के स्वास्थ्य मंत्री एवं डिप्टी सीएम बृजेश पाठक जहां प्रदेश में स्वास्थ्य चिकित्सा ओं का दौरा करके जायजा ले रहे हैं वहीं कौशांबी में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था का हाल बुरा है जो सुधरने का नाम नहीं ले रही है । जनपद के स्वास्थ्य विभाग में सैकड़ों प्राइवेट नर्सिंग होम ,अस्पताल एवं पाली क्लीनिक धड़ल्ले से मानक विहीन और डिग्री विहीन डॉक्टरों द्वारा संचालित किया जा रहा है । इन प्राइवेट अस्पतालों में बड़े-बड़े डाक्टरों के बोर्ड तो लगे हुए हैं लेकिन ए डॉक्टर बैठते कभी नहीं है । इतना ही नहीं इन बड़े-बड़े प्राइवेट नर्सिंग होम , अस्पताल और पाली क्लीनिक जो कई वर्षों से संचालित हैं वह मानक विहीन है ।

इन प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम का फायर एनओसी और एनबीसी की एनओसी भी प्राप्त नहीं है । यही वजह है कि आए दिन इन अस्पतालों में मरीजों की मौत हो रही है और स्वास्थ्य विभाग आंख मूंद कर बैठा हुआ हैं । कई बार मीडिया में खबर आने के बाद सीएमओ ने सिर्फ इन प्राइवेट अस्पतालों को नोटिस देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है और फायर ब्रिगेड की तरफ से भी बिना एनओसी के चल रहे इन मानक विहीन अस्पतालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है । इन प्राइवेट अस्पतालों में जहां एक तरफ मरीजों को खुलेआम लूटा जा रहा है, वहीं झोलाछाप डॉक्टर इन अस्पतालों मे बड़े बड़े ऑपरेशन और मरीजों का इलाज कर रहे हैं । जिला मुख्यालय में ही सैकड़ो मानक विहीन बड़े बड़े अस्पताल चल रहे हैं फिर भी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की तरफ से इन प्राइवेट अस्पतालों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है ।

सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिला अस्पताल के सामने लगभग पांच से छह दर्जन प्राइवेट हॉस्पिटल अस्पताल खुले हुए हैं ,जो जिला अस्पताल के मरीजों को अपने यहां ट्रांसफर करके भर्ती करवाते हैं और मरीजों से मोटी रकम वसूलते हैं । जिला अस्पताल से प्राइवेट अस्पताल संचालकों का तालमेल बना हुआ है ,यही वजह है कि जिला अस्पताल के मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता है और सीधा प्राइवेट अस्पतालों का रास्ता दिखा दिया जाता है । यदि स्वास्थ्य विभाग और फायर ब्रिगेड तथा जिला प्रशासन ने कार्रवाई की तो जहां जिला मुख्यालय में सैकड़ों अस्पताल बंद हो जाएंगे, वहीं जिले में लगभग ढाई सौ से ज्यादा प्राइवेट अस्पताल पाली क्लीनिक और हॉस्पिटल संचालित हैं जिस पर कार्रवाई होना तय है । इस मामले में जब कौशाम्बी सीएमओ के0सी राय से बात हुई तो उन्होंने बताया कि अब तक जिले में लगभग 96 प्राइवेट हॉस्पिटल एवम पाली क्लीनिक रजिस्टर्ड है और बिना मानक विहीन चल रहे प्राइवेट हॉस्पिटलों को नोटिस जारी की गई है ।

हाल ही में सिराथू में वंदना हॉस्पिटल एवं मंझनपुर में ग्लोबल हॉस्पिटल तथा सराय अकिल में विकास हॉस्पिटल में इन्हीं डॉक्टरों की लापरवाही से तीन महिलाओं की मौत हो गई है हो चुकी है, जिस पर काफी हंगामा भी हुआ था लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है । अब देखना है कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन इन मानक विहीन और झोलाछाप डॉक्टरों पर कब और क्या कार्रवाई करता है यह एक बड़ा सवाल है ।

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